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सूरतगढ़: अतिक्रमण हटाने को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में ठनी, BJP विधायक रामप्रताप कासनिया ने सौंपा ज्ञापन

श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ में अतिक्रमण के मामले में भेदभाव का आरोप लगाते हुए भाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया दर्जनों लोगों को लेकर एडीएम से मिले और प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाया. वहीं विधायक ने एसडीएम को कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन दिया और इस भेदभाव पूर्ण कार्रवाई पर अंकुश लगाने की मांग की है.

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सत्तापक्ष और विपक्ष में ठनी
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Published : Aug 1, 2020, 6:37 PM IST

सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). जिले के सूरतगढ़ में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन द्वारा शुरू किए गए अभियान को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में घमासान शुरू हो गया है. विपक्ष का जहां आरोप है कि सत्ता पक्ष सत्ता के नशे में चूर होकर गरीबों को उजाड़ने में लगा हुआ है. वहीं सत्ता पक्ष का आरोप है कि विपक्ष अतिक्रमणों की आड़ में राजनीति कर रहा है. जिसे वे किसी कीमत पर सहन नहीं करेंगे. इसी बात को लेकर भाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया के नेतृत्व में दर्जनों लोगों ने यहां एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपा है.

रामप्रताप कासनिया ने कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन

इस बीच विधायक कासनिया और एडीएम के बीच एक बार तीखी नोकझोंक भी हुई. एडीएम ने कहा की विधायक रामप्रताप कासनिया स्वयं ही अतिक्रमण की शिकायत करते हैं और जब प्रशासन उन्हें चिन्हित कर तोड़ने की कार्रवाई संपादित करता है तो वह अपनी राजनीति चमकाने के लिए बीच में आकर बाधा डालते हैं. इस तीखी नोकझोंक के बाद विधायक कासनिया एडीएम को बिना ज्ञापन दिए हुए एसडीएम के पास चले गए.

पढ़ेंः सरकार अपना घर नहीं संभाल पा रही, गहलोत स्वर्गीय भैरो सिंह के बारे में झूठ फैला रहे : ओम माथुर

विधायक ने एसडीएम को कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन दिया और इस भेदभाव पूर्ण कार्रवाई पर अंकुश लगाने की मांग की है. इधर अतिक्रमणों के मामले में हो रही राजनीति पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए युवा कांग्रेसी नेता हनुमान मील ने कहा कि विधायक रामप्रताप कासनिया क्षेत्र के भू-माफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं.

मील ने आरोप लगाया कि कासनिया चर्चाओं में रहने के लिए पहले तो जिला कलेक्टर और स्थानीय प्रशासन को अतिक्रमण की शिकायत करते हैं और जब प्रशासन कार्रवाई करता है, तो लोगों के हमदर्द बनने का नाटक करते हुए उनके बीच में पहुंच जाते हैं. कासनिया की यह दोहरी मानसिकता जनता के बीच ज्यादा दिन नहीं चल सकती.

पढ़ेंः प्रशासनिक कारणों के चलते तीन परिवहन उप निरीक्षक एपीओ

साथ ही मील ने कहा कि राजनीतिक द्वेष के चलते उनके परिवार पर भू-माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप लग रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि वह अतिक्रमणओं के सख्त खिलाफ है और इसी का नतीजा है कि प्रशासन खुले दिमाग से भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने में जुटा हुआ है. बहरहाल अतिक्रमण को लेकर पक्ष विपक्ष भले ही एक-दूसरे पर कोई आरोप लगाए लेकिन भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रशासन ने पूरी तरह से अपनी कमर कस ली है.

सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). जिले के सूरतगढ़ में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन द्वारा शुरू किए गए अभियान को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में घमासान शुरू हो गया है. विपक्ष का जहां आरोप है कि सत्ता पक्ष सत्ता के नशे में चूर होकर गरीबों को उजाड़ने में लगा हुआ है. वहीं सत्ता पक्ष का आरोप है कि विपक्ष अतिक्रमणों की आड़ में राजनीति कर रहा है. जिसे वे किसी कीमत पर सहन नहीं करेंगे. इसी बात को लेकर भाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया के नेतृत्व में दर्जनों लोगों ने यहां एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपा है.

रामप्रताप कासनिया ने कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन

इस बीच विधायक कासनिया और एडीएम के बीच एक बार तीखी नोकझोंक भी हुई. एडीएम ने कहा की विधायक रामप्रताप कासनिया स्वयं ही अतिक्रमण की शिकायत करते हैं और जब प्रशासन उन्हें चिन्हित कर तोड़ने की कार्रवाई संपादित करता है तो वह अपनी राजनीति चमकाने के लिए बीच में आकर बाधा डालते हैं. इस तीखी नोकझोंक के बाद विधायक कासनिया एडीएम को बिना ज्ञापन दिए हुए एसडीएम के पास चले गए.

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विधायक ने एसडीएम को कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन दिया और इस भेदभाव पूर्ण कार्रवाई पर अंकुश लगाने की मांग की है. इधर अतिक्रमणों के मामले में हो रही राजनीति पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए युवा कांग्रेसी नेता हनुमान मील ने कहा कि विधायक रामप्रताप कासनिया क्षेत्र के भू-माफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं.

मील ने आरोप लगाया कि कासनिया चर्चाओं में रहने के लिए पहले तो जिला कलेक्टर और स्थानीय प्रशासन को अतिक्रमण की शिकायत करते हैं और जब प्रशासन कार्रवाई करता है, तो लोगों के हमदर्द बनने का नाटक करते हुए उनके बीच में पहुंच जाते हैं. कासनिया की यह दोहरी मानसिकता जनता के बीच ज्यादा दिन नहीं चल सकती.

पढ़ेंः प्रशासनिक कारणों के चलते तीन परिवहन उप निरीक्षक एपीओ

साथ ही मील ने कहा कि राजनीतिक द्वेष के चलते उनके परिवार पर भू-माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप लग रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि वह अतिक्रमणओं के सख्त खिलाफ है और इसी का नतीजा है कि प्रशासन खुले दिमाग से भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने में जुटा हुआ है. बहरहाल अतिक्रमण को लेकर पक्ष विपक्ष भले ही एक-दूसरे पर कोई आरोप लगाए लेकिन भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रशासन ने पूरी तरह से अपनी कमर कस ली है.

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