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निकाय चुनाव 2019: श्रीगंगानगर में कांग्रेस नेता अशोक चाण्डक का Exclusive interview - श्रीगंगानगर न्यूज

अबकी बार नगर परिषद बोर्ड में सभापति का पद सामान्य वर्ग का है यही कारण है की कांग्रेस ने वार्ड-39 से करुणा चाण्डक को प्रत्याशी बनाया है, तो वही भाजपा ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले है. वहीं ईटीवी भारत ने कांग्रेस नेता अशोक चाण्डक से कुछ सवालों के जवाब लेने चाहे तो उन्होंने क्या कहा जरा आप भी सुनिए.

Sriganganagar Municipal Election, श्रीगंगानगर निकाय चुनाव
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Published : Nov 8, 2019, 3:46 PM IST

श्रीगंगानगर. निकाय चुनाव के तहत होने वाले मतदान में अभी कुछ समय बाकी है. कांग्रेस और बीजेपी ने बोर्ड बनाने के लिए जोर आजमाइश शुरू कर दी है. नगर परिषद बोर्ड में सभापति का पद सामान्य वर्ग का है. कांग्रेस ने वार्ड 39 से करुणा चाण्डक को प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं भाजपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

अशोक चांडक ने ईटीवी भारत को 5 साल का अंतर बताया

करुणा चाण्डक गंगानगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे अशोक चाण्डक की पत्नी और वर्तमान नगर परिषद सभापति अजय चाण्डक की भाभी हैं. ऐसे में फिर से सभापति पद पर बने रहना चाण्डक परिवार के लिए कितना आसान रहेगा यह तो समय ही बताएगा.

ईटीवी भारत ने कांग्रेस नेता अशोक चाण्डक से की बात...

ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस नेता अशोक चाण्डक ने कहा कि उनके परिवार का मकसद राजनीति करना नहीं है, बल्कि शहर का विकास करना है. जब कांग्रेस नेता से सवाल किया कि आपने नगर परिषद में टिकटों के वितरण को लेकर पार्टी में बड़ी भूमिका निभाई है, अंतिम समय में टिकटों का वितरण हुआ. क्या माना जाए कांग्रेस की तरफ से बोर्ड बनाने की रणनीति भी चांडक परिवार के इर्द-गिर्द घूम रही है?. इस पर अशोक चांडक का कहना है कि राजनीति में आने का उनके परिवार का कोई और उद्देश्य नहीं है. एकमात्र सेवा करने के उद्देश्य से ही राजनीति में आए हैं और उसी सेवा के उद्देश्य को लेकर राजनीति करना चाहते हैं.

पढ़ें- जयपुर: केंद्र की आर्थिक नीतियों के खिलाफ कांग्रेस करेगी विरोध प्रदर्शन

5 साल तक सभापति पद चाण्डक​​​​​ परिवार के पास था, अब निकाय चुनाव में कितना नफा नुकसान होगा?

इस सवाल के जवाब में अशोक ने कहा कि मैं जनता से कहना चाहूंगा कि 5 साल पहले जब सभापति की कुर्सी पर बैठे थे. उस समय शहर का क्या हाल था और आज वर्तमान में शहर का क्या हाल है. इन दोनों तस्वीरों का मिलान अवश्य करना चाहिए. जहां तक विकास की बात है तो सुखाड़िया सर्किल, रविंद्र पथ तक दो-दो फुट के खड़े होते थे. वाहन सड़क पर चल नहीं पाते थे. शहर में सड़कों की बात करें तो इंटरलॉकिंग का काम, नालियों का काम, डिसिल्टिंग सहित 5 साल में 85 करोड़ का विकास करवाया है. वह भी उस परिस्थिति में जब राज्य में भाजपा का शासन था और तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रंजिशवश बजट नहीं दिया, जिसके चलते विकास अधिक नहीं हुआ. उसके लिए जनता से माफी मांगते हैं. मगर फिर भी हमने निजी साधनों व निजी आय से भी विकास करवाया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि शहर के विकास के लिए अगर कोई और बेहतर विकल्प है तो वे आगे आकर कमान संभाले. उनके परिवार का भी सहयोग मिलेगा.

श्रीगंगानगर. निकाय चुनाव के तहत होने वाले मतदान में अभी कुछ समय बाकी है. कांग्रेस और बीजेपी ने बोर्ड बनाने के लिए जोर आजमाइश शुरू कर दी है. नगर परिषद बोर्ड में सभापति का पद सामान्य वर्ग का है. कांग्रेस ने वार्ड 39 से करुणा चाण्डक को प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं भाजपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

अशोक चांडक ने ईटीवी भारत को 5 साल का अंतर बताया

करुणा चाण्डक गंगानगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे अशोक चाण्डक की पत्नी और वर्तमान नगर परिषद सभापति अजय चाण्डक की भाभी हैं. ऐसे में फिर से सभापति पद पर बने रहना चाण्डक परिवार के लिए कितना आसान रहेगा यह तो समय ही बताएगा.

ईटीवी भारत ने कांग्रेस नेता अशोक चाण्डक से की बात...

ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस नेता अशोक चाण्डक ने कहा कि उनके परिवार का मकसद राजनीति करना नहीं है, बल्कि शहर का विकास करना है. जब कांग्रेस नेता से सवाल किया कि आपने नगर परिषद में टिकटों के वितरण को लेकर पार्टी में बड़ी भूमिका निभाई है, अंतिम समय में टिकटों का वितरण हुआ. क्या माना जाए कांग्रेस की तरफ से बोर्ड बनाने की रणनीति भी चांडक परिवार के इर्द-गिर्द घूम रही है?. इस पर अशोक चांडक का कहना है कि राजनीति में आने का उनके परिवार का कोई और उद्देश्य नहीं है. एकमात्र सेवा करने के उद्देश्य से ही राजनीति में आए हैं और उसी सेवा के उद्देश्य को लेकर राजनीति करना चाहते हैं.

पढ़ें- जयपुर: केंद्र की आर्थिक नीतियों के खिलाफ कांग्रेस करेगी विरोध प्रदर्शन

5 साल तक सभापति पद चाण्डक​​​​​ परिवार के पास था, अब निकाय चुनाव में कितना नफा नुकसान होगा?

इस सवाल के जवाब में अशोक ने कहा कि मैं जनता से कहना चाहूंगा कि 5 साल पहले जब सभापति की कुर्सी पर बैठे थे. उस समय शहर का क्या हाल था और आज वर्तमान में शहर का क्या हाल है. इन दोनों तस्वीरों का मिलान अवश्य करना चाहिए. जहां तक विकास की बात है तो सुखाड़िया सर्किल, रविंद्र पथ तक दो-दो फुट के खड़े होते थे. वाहन सड़क पर चल नहीं पाते थे. शहर में सड़कों की बात करें तो इंटरलॉकिंग का काम, नालियों का काम, डिसिल्टिंग सहित 5 साल में 85 करोड़ का विकास करवाया है. वह भी उस परिस्थिति में जब राज्य में भाजपा का शासन था और तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रंजिशवश बजट नहीं दिया, जिसके चलते विकास अधिक नहीं हुआ. उसके लिए जनता से माफी मांगते हैं. मगर फिर भी हमने निजी साधनों व निजी आय से भी विकास करवाया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि शहर के विकास के लिए अगर कोई और बेहतर विकल्प है तो वे आगे आकर कमान संभाले. उनके परिवार का भी सहयोग मिलेगा.

Intro:श्रीगंगानगर : निकाय चुनाव मतदान में अभी थोड़ा समय बाकी है। कांग्रेस-भाजपा दोनों ही राजनीतिक पार्टियां बोर्ड बनाने के लिए जोर आजमाइस शुरू कर दी है।नगरपरिषद बोर्ड में सभापति का पद समान्य वर्ग का है। कांग्रेस ने वार्ड 39 से करुणा चाण्डक को प्रत्याशी बनाया है तो वही भाजपा ने अभी अपने पते नही खोले है। वार्ड 39 सामान्य सीट है।ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने सभापति पद के लिए करुणा चाण्डक को प्रत्याशी बनाकर तस्वीर साफ कर दी है।करुणा चाण्डक गंगानगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे अशोक चाण्डक की पत्नी व वर्तमान नगरपरिषद सभापति अजय चाण्डक की भाभी है। ऐसे में फिर से सभापति पद पर बने रहना चाण्डक परिवार के लिए कितना आसान रहेगा।ईटीवी भारत ने कांग्रेस नेता अशोक चाण्डक से कुछ सवालों के जवाब लेने चाहे तो उन्होंने क्या कहाँ जरा आप भी सुनिए।


Body:ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस नेता अशोक चांडक ने कहा कि उनके परिवार का मकसद राजनीति करना नही है बल्कि शहर का विकास करना है। ईटीवी भारत ने कांग्रेस नेता से सवाल किया कि आपने नगर परिषद में टिकटों के वितरण को लेकर कांग्रेस पार्टी में बड़ी भूमिका निभाई है.अंतिम समय में टिकटों का वितरण हुआ.क्या माना जाए कांग्रेस की तरफ से बोर्ड बनाने की रणनीति भी चांडक परिवार के इर्द-गिर्द घूम रही है? इस पर कांग्रेसी नेता अशोक चांडक का कहना है कि राजनीति में आने का उनके परिवार का कोई और उद्देश्य नहीं है।एकमात्र सेवा करने के उद्देश्य से ही राजनीति में आए हैं और उसी सेवा के उद्देश्य को लेकर राजनीति करना चाहते हैं। 5 साल तक सभापति पद चांडक परिवार के पास था।अब निकाय चुनाव में कितना नफा नुकसान होगा? इसके जवाब में अशोक चांडक ने कहा कि मैं जनता से कहना चाहूंगा कि 5 साल पहले जब सभापति की कुर्सी पर बैठे थे।उस समय शहर का क्या हाल था और आज वर्तमान में शहर का क्या हाल है। इन दोनों तस्वीरों का मिलान अवश्य करना चाहिए।जहां तक विकास की बात है,तो सुखाड़िया सर्किल,रविंद्र पथ तक दो-दो फुट के खड़े होते थे। वाहन सड़क पर चल नहीं पाते थे। शहर में सड़कों की बात करें तो इंटरलॉकिंग का काम,नालियों का काम,डिसिल्टिंग सहित 5 साल में 85 करोड़ का विकास करवाया है।वह भी उस परिस्थिति में जब राज्य में भाजपा का शासन था और तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रंजिशवंस बजट नहीं दिया। जिसके चलते विकास अधिक नहीं हुआ।उसके लिए जनता से माफी मांगते हैं। मगर फिर भी हमने निजी साधनों व निजी आय से भी विकास करवाया है। कांग्रेस नेता ने कहां की शहर के विकास के लिए अगर कोई और बेहतर विकल्प है तो वे आगे आकर कमान संभाले। उनके परिवार का भी सहयोग मिलेगा। One to One : अशोक चाण्डक,कांग्रेस नेता।


Conclusion:ईटीवी भारत ने कांग्रेस नेता अशोक चांडक से जाना शहर के विकास का प्लान।
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