श्रीगंगानगर. कृषि पर्यवेक्षक और समन्वय समिति ने 16 सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इससे पहले कृषि पर्यवेक्षक और समन्वय समिति के बैनर तले जिले भर के कृषि पर्यवेक्षकों ने संयुक्त निदेशक कृषि दफ्तर के बाहर धरना लगाकर अपनी मांगे मनवाने के लिए आक्रोश प्रकट किया.
धरने पर बैठें कृषि पर्यवेक्षकों ने कहा कि कृषि पर्यवेक्षकों को 3600 पे ग्रेड दिया जाए. 2013 के बाद नियुक्त कृषि पर्यवेक्षकों की वेतन कटौती को वापस लेकर प्रारंभिक मूल वेतन 9840 के अनुसार सातवें वेतन आयोग में वेतन स्थायीकरण किया जाए. पे मैट्रिक्स में केंद्र के अनुरूप वेतन दिया जाए. कृषि पर्यवेक्षकों को 18 वर्ष पर चयनित वेतनमान की वेतन श्रंखला दी जाए. कृषि पर्यवेक्षकों के सहायक कृषि अधिकारी का पदोन्नति कोटा 60% किया जाए. कृषि अधिकारी और कृषि पर्यवेक्षक का अनुपात एक चार किया जाए और प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर एक कृषि अधिकारी का पद सृजित किया जाए.
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धरना दे रहे कृषि पर्यवेक्षकों ने कहा कि किसान सेवा केंद्र का किराया 1500 रुपए प्रति माह किया जाए. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत पटवारी ग्राम सचिव एनम की तरह कृषि पर्यवेक्षकों को भी हार्ड ड्यूटी एलाउंस दिया जाए. सेवानिवृत्त कृषि परीक्षकों को आदान के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए भारत सरकार के गजट नोटिफिकेशन में संशोधन के लिए प्रस्ताव भिजवाए जाए.