सादुलशहर (श्रीगंगानगर). ग्राम पंचायत भवन में एक दिवसीय परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक कृषि मेले का आयोजन किया गया. जिसमें क्षेत्र के किसानों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. कार्यक्रम में किसानों को जैविक खेती करने के विषय पर जोर दिया गया और उन्हें इस बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी. इस मौके पर सहायक कृषि अधिकारी रामकुमार बिश्नोई, सुभाष नैन, लवप्रीत सिंह, ममता और अनेक कृषि अधिकारी और किसान मौजूद रहे.
सहायक कृषि अधिकारी मोहन सिंह जोरा ने किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि, एक समय था जब हमारे पूर्वज परंपरागत खेती किया करते थे. उस दौर में जो खेती से प्राप्त खाद्यान्न की गुणवत्ता काफी अच्छी होती थी. कुछ दशकों पहले हमारे देश में खाद्यान्न में भारी गिरावट आई है. जिसके फलस्वरूप हमारी सरकारों और राष्ट्रीय कंपनियों ने मिलकर सब्सिडी देकर किसानों की आदतें बिगाड़ने का काम किया गया. अंग्रेजी खाद और अंग्रेजी दवाइयों का ज्यादा उपयोग करने से पैदावार तो जरूर बढ़ गई पर खाद्यान्न की गुणवत्ता में भारी गिरावट आ गई.
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अधिकारियों ने कहा है कि, इंसान अधिक पैदावार लेने के चक्कर में रासायनिक खाद और दवाइयों का खूब उपयोग कर मिलावटी और जहरीला अनाज पैदा कर रहे हैं. उस अनाज को खाने से लोगों की सेहत में दिनोंदिन गिरावट आ रही है. व्यक्ति इतना व्यवसाई को गया कि अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज करते हुए ज्यादा से ज्यादा फायदा लेने के लिए पैदावार बढ़ाने के चक्कर मे अपने जीवन को संकट में डाल रहा है.