सिरोही. बीते साल 2020 में माउंट आबू में शिकारियों ने वन विभाग के कर्मचारियों पर हमला किया था. अब इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से 4 सप्ताह में सुरक्षा को लेकर जवाब मांगा है. चुकी माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र है. ऐसे में सैकड़ों किलोमीटर फैले पहाड़ी इलाकों में सैकड़ों वन्यजीव प्राणी हैं और शिकारियों की इन पहाड़ी इलाकों में हमेशा से आवाजाही रही है.
क्या है मामला...
वर्ष 2020 में 5 अप्रैल को वन विभाग को सूचना मिली थी कि शाम को शिकारी शिकार करने की फिराक में घूम रहे हैं. जिस पर वन विभाग ने गश्त करने के किए अलग- अलग टीम बनाकर पहाड़ी इलाके में गई. देलवाड़ा की ओर गई फारेस्ट गार्ड की टीम पर अचानक से शिकारियों ने पथराव कर दिया. अचानक हुए पथराव के बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने पहाड़ियों की ओट लेकर शिकारियों का सामना किया, लेकिन बिना हथियार के वे कैसे सामना करते.
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राज्य सरकार से मांगा जवाब...
इसलिए, मौके पर वन विभाग के उच्च अधिकारियों को बुलाया गया, साथ ही पुलिस व सीआरपीफ के जवानों को बुलाकर पहाड़ियों में शिकारियों की तलाश की गई थी. इस मामले में कोरोना के चलते कार्रवाई में ढीलाई बरती गई और किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया. उसी को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है.