सिरोही. जिला अस्पताल में मंगलवार को कुत्ते एक मासूम को उठा ले गए और उनके हमले में मासूम की मौत हो गई. इस वाकया के प्रकाश में आने के बाद जिला प्रशासन ने लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई की. जिसमें एक नर्सिंग स्टाफ, वार्ड बॉय के साथ ही एक गार्ड को हटाया गया है. हालांकि, इस कार्रवाई पर नर्सिंगकर्मियों की ओर से नाराजगी जाहिर की गई.
बुधवार को नर्सिंगकर्मी सुरेश मीणा को हटाए जाने पर अस्पताल में मौजूद अन्य नर्सिंगकर्मियों में रोष फैल गया. साथ ही इस कार्रवाई को एकतरफा करार देते हुए इसके विरोध में नर्सिंग स्टाफों ने दो घंटे तक कार्य बहिष्कार किया. इस दौरान नर्सिंगकर्मियों ने कहा कि मामले में सिर्फ नर्सिंगकर्मियों के खिलाफ ही कार्रवाई क्यों की गई है, जबकि अन्य अधिकारियों की भी जवाबदेही बनती है.
वहीं, इस मामले को लेकर अब नर्सिंगकर्मियों ने भी सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. साथ ही बताया गया कि अब आगे की रणनीति बुधवार देर शाम बैठक में तय होगी. उधर, मंगलवार को पूरे दिन जिला कलेक्टर के नहीं पहुंचने पर सांसद देवजी पटेल ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि राज्य में हालात ऐसे बने हैं कि घटना कलेक्ट्रेट से महज दो किलोमीटर दूर होने के बाद भी कलेक्टर अस्पताल नहीं पहुंच पाए और वो दूसरे कार्यक्रमों में व्यस्त रहे. आगे उन्होंने कलेक्टर के इस रवैए को लापरवाही की पराकाष्ठा करार दिया.
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कलेक्टर ने की परिजनों से मुलाकात - घटना के एक दिन बाद बुधवार को कलेक्टर डॉ. भवरलाल जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़िता परिवार से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने परिजनों को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ ही मुआवजा का भी आश्वासन दिया. मौके पर मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए कलेक्टर ने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा.
जांच पर लगे गंभीर आरोप - घटना की जांच को पहुंची टीम को हादसे से पहले और बाद के कुछ सीसीटीवी फुटेज मिले हैं. जिसमें कुत्ते वार्ड में जाते दिख रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन और जांच टीम पर सीसीटीवी फुटेज को दबाने का आरोप भी लग रहे हैं. साथ ही कहा गया कि जिला प्रशासन के अलावा किसी भी अन्य के पास सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं है.
जानें पूरा मामला - पाली के जवाईबांध निवासी महेंद्र कुमार बीमार होने के चलते सिरोही के जिला अस्पताल में भर्ती थे. महेंद्र की पत्नी रेखा अपने तीन बच्चों के साथ वार्ड में ही रुकी थी. सोमवार रात को रेखा अपने तीनों बच्चों के साथ वार्ड में ही जमीन पर सो गई. वहीं, तीनों बच्चों में एक महीने भर का दूधमुंहा था, जिसे देर रात करीब दो बजे के आसपास दो-तीन कुत्ते वार्ड से उठा ले गए.
हालांकि इस दौरान एकदम से रेखा की नींद टूटी और वो अपने बच्चे की तलाश में अस्पताल के गेट तक आई. जहां उसने देखा कि कुत्ते उसके बच्चे को नोंच रहे थे. जिस पर लोगों की मदद से कुत्तों को वहां से भगाया पर कुत्तों ने मासूम को बुरी तरह से जख्मी कर दिया था. जिसके चलते उसकी मौत हो गई. सूचना पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया. इधर, पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आई है.