जयपुर : वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता की पदोन्नति के लिए यूजी पीजी समान और असमान विषय के नियम में संशोधन के बाद सरकार ने दो सत्र की डीपीसी तो कर दी, लेकिन बार-बार काउंसलिंग स्थगन के कारण उनको अब तक पदास्थापन नहीं मिल सका है. इसके विरोध में शिक्षक संगठन रेसला और रेस्टा ने शिक्षा मंत्री का दरवाजा खटखटाया. साथ ही शिक्षा संकुल में रैली निकालते हुए निदेशक के समक्ष में अपनी मांग रखी. इस दौरान शिक्षकों ने विभाग में लंबित चल रही डीपीसी भी जल्द से जल्द करने की मांग की.
तीन बार स्थगित हो चुकी है काउंसलिंग : शिक्षक मंगलवार को अपने विभाग के मुखिया के निवास पर पहुंचे और यहां डीपीसी के बाद काउंसलिंग और पदोन्नति में आ रही कठिनाइयों को दूर करने की मांग रखी. राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ रेसला के प्रदेश महामंत्री डॉ. अशोक जाट ने बताया कि व्याख्याताओं के पदस्थापन को लेकर जो काउंसलिंग होनी है उसे तीन बार स्थगित किया जा चुका है. इसे लेकर वरिष्ठ शिक्षक से व्याख्याता में पदोन्नत हुए शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से मुलाकात की और उनसे मांग की है कि इस कार्यक्रम को 20 फरवरी तक जारी करें. बोर्ड की परीक्षाओं से पहले-पहले नवीन व्याख्याता को पदस्थापन किया जाए. इस संबंध में शिक्षा संकुल पहुंच शिक्षा निदेशक को भी ज्ञापन दिया है.
वहीं, वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा के प्रदेश अध्यक्ष भैरू राम चौधरी ने बताया कि 3 महीने से काउंसलिंग प्रक्रिया अटकी पड़ी है. इसे जल्द से जल्द शुरू करने के संबंध में शिक्षा मंत्री और निदेशक को ज्ञापन सौंपा गया. इस पर उन्होंने काउंसलिंग की ऑनलाइन व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है. साथ ही इस दौरान शिक्षकों ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों की 5 साल से लंबित चल रही डीपीसी और वरिष्ठ शिक्षकों की 2 साल की डीपीसी भी जल्द करने की मांग की.
शिक्षक संगठनों का आरोप है कि प्रदेश के तृतीय श्रेणी शिक्षकों की वरिष्ठ अध्यापक पद पर सत्र 2021-22 से पदोन्नति लंबित चल रही है. शिक्षक जिस पद पर लगे उसी से सेवानिवृत हो रहे हैं, ऐसे में तृतीय श्रेणी शिक्षकों में भारी आक्रोश है. इसके साथ ही वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पद की दो सत्र की डीपीसी भी बकाया चल रही है. अगर विभाग समय पर डीपीसी करता है तो इसका फायदा छात्रों को ही मिलेगा.