सिरोही. देश में कोरोना महामारी का प्रकोप अपने चरम पर है. रोजाना हजारों की संख्या में कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं. साथ ही मृतकों का आंकड़ा भी दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में सरकार लगातार लोगों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए जागरूक कर रही है. केंद्र और राज्य सरकारों ने कई तरह की पाबंदियां भी लगाई हुई हैं. धार्मिक स्थलों को बंद रखा गया है. साथ ही किसी भी प्रकार के धार्मिक आयोजन और जुलूस निकालने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है.
ऐसे में गरीब मजदूरी करने वाले लोगों पर ज्यादा परेशान का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही एक वर्ग है, मूर्तिकारों का. जो शहर-शहर मिट्टी और पीओपी की मूर्तियों को आकार देने का काम करते हैं. लेकिन इस साल कोरोना के चलते इनके काम पर भी ग्रहण लगा गया है. धार्मिक आयोजन हो नहीं रहे हैं. ऐसे में इन कारीगरों का काम पूरी तरह से ठप हो गया है.
सिरोही जिले में गणपति महोत्सव को लेकर खासा उत्साह होता है. सबसे ज्यादा इससे रोजगार मूर्तिकारों को मिलती है. जो बड़ी-बड़ी मूर्तियां बनाने का काम करते हैं. इस साल कोरोना के चलते धार्मिक आयोजन पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में जिले में गणपति महोत्सव नहीं मनाया जाएगा. लोग अपने-अपने घरों में जरूर गणपति की स्थापना करेंगे. धार्मिक आयोजन के रोक के चलते मूर्तिकारों की समस्या बढ़ गई है.
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गणपति महोत्सव में मूर्तियों को लेकर हर साल जिले में हजारों मूर्तियां बनाई जाती हैं. लेकिन इस साल कोरोना वायरस के चलते भगवान गणेश की मूर्तियों को मूर्त रूप नहीं दिया गया है. कई जगहों पर केवल छोटी-छोटी मूर्तियां बनाई गई हैं. बड़ी मूर्तियां नहीं बनाने में चलते मूर्तिकारों के सामने रोजगार की समस्या हो गई हैं.
जिला मुख्यालय सहित आबूरोड, पिंडवाड़ा, शिवगंज सहित जिले में सैकड़ों मूर्ति कलाकार है जिनका जीवन इन धार्मिक आयोजन से ही चलता है, लेकिन गणपति महोत्सव के आयोजन नहीं होने से बड़ी मूर्तियां नहीं बनाई जा रही हैं. मूर्तिकार अपने परिवार के साथ डेरे बनाकर सड़क किनारे रहते हैं. ऐसे में अब उनके परिवार चलाने पर भी संकट खड़ा हो गया है.