सिरोही. चारों ओर पहाड़ों से घिरा क्षेत्र और पानी में प्राकृतिक सौंदर्यता के बीच बोटिंग का आनंद, शायद यही मनोरम छटा पर्यटकों को यहां अपनी ओर खींच ही लेती है. लेकिन इसकी खूबसूरती का ख्याल नहीं रखने के चलते अब पर्यटक यहां से थोड़ा कड़वा अनुभव भी अपने साथ ले जाने को मजबूर हो रहे हैं.
जी हां, हम यहां बात कर रहे हैं प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन माउंट आबू की. जहां नक्की लेक अपनी खूबसूरती और कुदरती छटा को लेकर ही सैलानियों को अपनी ओर खींच लेती है, लेकिन यही झील दुर्दशा का शिकार हो रही है. नक्की लेक पर जमी काई से लेक में प्रदूषण बढ़ रहा है.
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काई जमा होकर नक्की लेक के किनारे आ जाती है. नक्की की सैर करने आने वाले पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को उसकी दुर्गंध परेशान करने लगी है. इसके बावजूद प्रशासन की ओर से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. प्रशासन की अनदेखी तो इस कदर है कि प्रदूषण तो समस्या का कारण है ही, नक्की लेक में चलने वाले फाउंटेन भी बंद पड़े हैं. जिसे लेकर भी प्रशासन कोई गंभीर नजर नहीं आ रहा है.
भारी मात्रा में काई जमकर लेक के किनारे आ गई है और उस काई से दुर्गंध फैलने लगी है. जिससे यहां घूमने आने वाले लोग खासे परेशान है.
नक्की लेक राउंड और बोट में घुमने पर आ रही है दुर्गंध
नक्की लेक के प्रदूषित होने के कारण अब उसमें काई के नीचे पानी में रहने वाले छोटे-छोटे जीवों पर भी प्रदूषण का असर पड़ रहा है. काई और गदंगी नक्की लेक के किनारे पर जम गई है. काई के जमने से नक्की लेक के चारों ओर सैर करने वाले पर्यटक व स्थानीय लोगों और नक्की लेक में बोटिंग करने वालों को दुर्गंध से खासी दिक्कतें हो हो रही है. नगरपालिका के पार्षद सुनील आचार्य ने पालिका अध्यक्ष को शिकायत दर्ज कराई की नक्की लेक में जमी काई की सफाई और बंद फाउंटन को जल्द चालू कराया जाए.
सुनील आचार्य ने कहा कि झील में काई जम रही है और उससे बदबू आ रही है. जिस पर प्राथमिकता के आधार पर नाव के माध्यम से झील से काई को निकाला जाए. साथ ही लेक पर जितने भी फाउंटेन है, उन्हें फिर से शुरू किया जाए. जिससे नक्की लेक में आने वाले दिनों में काई नहीं जम पाएगी.
अब देखना होगा कि नक्की लेक पर फैली गंदगी और प्रदूषण को प्रशासन कब तक दूर करा पाता है. जिससे माउंट आबू घुमने आने वाले पर्यटकों के मन में माउंट आबू की अच्छी छवि रहे और वे फिर से यहां जल्द लौटकर आने का प्लान बना सके.