सिरोही. ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी ह्रदयमोहिनी का गुरुवार को देहावसान हो गया था. शुक्रवार को उनके पार्थिव शरीर को भक्तों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. देश-विदेश से उनके भक्त और चाहने वालों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी शोक संदेश भेजकर संवेदना व्यक्त की. दादी का पार्थिव शरीर मुम्बई से 11 मार्च, 2021 को अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय लाया गया. इसके पश्चात रातभर लोगों के अंतिम दर्शन का सिलसिला जारी रहा.
दादी के पार्थिव शरीर का शनिवार सुबह दस बजे शांतिवन में अंतिम संस्कार होगा. शुक्रवार को सुबह 8:30 बजे पार्थिव शरीर को रथ में सजाकर संस्थान के माउण्ट आबू स्थित ज्ञान सरोवर, पांडव भवन, मार्केट स्थित म्यूजियम ले जाया गया. ओम शांति के उद्घोष के साथ लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि दी. इसके पश्चात तीन बजे पार्थिव शरीर को शांतिवन लाया गया. यहॉं पर भी सभी स्थानों की परिक्रमा करायी गई. उसके पश्चात सम्मेलन के सभागार में पार्थिव शरीर को रखा गया है.
रातभर चलती रही ध्यान साधना
डायमंड हॉल के सभागार में उपस्थित लोगों रातभर ध्यान किया. उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए राजयोग ध्यान किया. दादी ह्रदयमोहिनी के शरीर के माध्यम से ही बाबा मिलन होता था. जब ब्रह्मा बाबा का देहावसान हो गया था तब 1969 में परमात्मा शिव ने दादी गुलजार अर्थात दादी ह्रदयमोहिनी के तन को इश्वरीय मिलन का आधार बनाया. तब से लेकर आज तक दादी के शरीर से ही आत्मा परमात्मा मिलन का कार्यक्रम चलता रहा.
दादी निवास के सामने होगा अंतिम संस्कार
दादी ह्रदयमोहिनी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार उनके ही निवास के सामने बने गार्डन में किया जायेगा. इसके लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं. राजयोगिनी दादी ह्दयमोहिनी भले ही प्रशासक के रूप में रही हैं, परन्तु उसके साथ ही दिल्ली जोन का भी इनके पास प्रभार था. अस्वस्थ होने के बाद वहां की कोर कमेटी के रूप में वरिष्ठ बहनें ही इसको सम्भालती हैं.
कई देशों में दादी ने की थी सेवाएं
राजयेागिनी दादी ह्रदयमोहिनी को ब्रह्मा बाबा ने उन्हें कई देशों की सेवाओं पर भेजा था. उन्होंने रूस, अमेरिका, लंदन समेत कई देशों में आध्यात्म की गंगा बहा चुकी हैं. दादी के देहावसान पर ब्रह्माकुमारी संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयेागिनी दादी रतनमोहिनी, महासचिव बीके निर्वेर, अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष बीके करूणा, कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, शांतिवन प्रबन्धक बीके भूपाल, ओआरसी बीके आशा, रसियन सेवाकेन्द्रों की निदेशिका बीके डॉ. निर्मला समेत कई पदाधिकारी उपस्थित रहे.