सिरोही. रेवदर में राजकीय अस्पताल में गुरुवार को एक 11 साल के बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गई थी. इसके बाद परिजनों ने उपचार के दौरान गलत इंजेक्शन लगाने और उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था और शव उठाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद प्रशासन और चिकित्सा विभाग की ओर से परिजनों से लगातार समझाइश की जा रही थी. जिस पर परिजन 20 घंटे बाद शव उठाने को राजी हुए हैं.
जानकारी के अनुसार रेवदर के जौलपुर निवासी मोडाराम देवासी की पत्नी अपने 11 साल के बच्चे की तबीयत खराब होने पर उसे रेवदर राजकीय अस्पताल लेकर आई थी. जहां बच्चे को इंजेक्शन दिया गया और ड्रिप चढाई गई. जिसमें उपचार के दौरान बच्चे की मौत हो गई. बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा किया और शव उठाने से इंकार कर दिया. जिसके बाद मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया और शव को मोर्चरी में रखवाया गया.
पढ़ें. जयपुर में बढ़ता डेंगू का प्रकोप : 13 दिन में 15 हजार बच्चे पहुंचे अस्पताल, 7 दिन तक रिपोर्ट नहीं
शुक्रवार सुबह से विधायक जगसीराम कोली, एसडीएम रामजी कलबी सहित चिकित्सा विभाग के अधिकारी मृतक के परिजनों से समझाइश कर रहे थे. परिजन मुआवजे की मांग पर अड़े हुए थे. करीब 20 घंटे बाद चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के मुआवजा देने के आश्वासन के बाद परिजन शव उठाने पर राजी हुए. इस दौरान बीसीएमएसओ रितेश सानखला, जिला परिषद सदस्य मोतीराम कोली और देवासी समाज के लोगों के साथ पुलिस जाप्ता भी तैनात रहा.