सिरोही. जिले के माउंट आबू में फिर से एक बार अगनेश्वर मंदिर और वन विभाग के बीच विवाद बढ़ गया है. सोमवार को वन विभाग ने मंदिर में बनी कुटिया को अतिक्रमण मानकर कार्रवाई की थी, जिसके बाद अब विवाद उपज गया है. मामले में अब हिन्दू संगठन और मंदिर के महंत सहित माउंट आबू के स्थानीय लोगों ने आश्रम को फिर से बनाने की मांग की है. साथ ही दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है.
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माउंट आबू के अगनेश्वर महादेव मंदिर और वन विभाग के बीच विवाद का मामला कोई नया नहीं है. साल 2020 के जून महीने में इस विवाद की शुरूआत हुई थी. इस दौरान जब कोरोना काल में गश्ती दल पर हमला और तत्कालीन डीएफओ और उनकी टीम मंदिर पहुंची. मंदिर में बनी कुटिया और अन्य स्थानों को तोड़ा गया. मौके पर दोनों पक्ष आमने सामने भी हुए और परस्पर मामले भी दर्ज करवाए गए.
ये विवाद फिर से सामने आ गया है. वन विभाग की एक टीम सोमवार शाम मंदिर पहुंची और 3 कुटिया को तोड़ा गया. मौके पर इस बार भी तनाव की स्थिति बनी. मंगलवार को वन विभाग के अधिकारियों ने मंदिर में रहने वाले महंत और अन्य के खिलाफ राजकार्य में बाधा और अभद्र भाषा के प्रयोग करने का मामला दर्ज करवाया. वहीं, मंदिर की ओर से वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर बिना अनुमति आश्रम में घुसकर तोड़फोड़ करने और मौके से सामान चुराने का मामला दर्ज करवाया गया. बुधवार को स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर मामले में जांच करने की मांग की. साथ ही तोड़ी गई कुटिया को भी फिर से बनाने की मांग की गई.
वहीं, मामले में डीएफओ विजयशंकर पांडे ने कहा कि एक साल से मंदिर अतिक्रमण का मामला चल रहा है. 8 नोटिस देकर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया था, लेकिन अब तक कोई दस्तावेज पेश नहीं किए गए, जिस पर ये कार्रवाई की गई. पांडे ने कहा कि हम सभी धर्मो का सम्मान करते हैं और किसी की भी भावना को ठेस पहुंचना का हमारा मकसद नहीं है. ये कार्रवाई क़ानून के तहत की गई है.