सिरोही. प्रदेश में एक-एक वेंटीलेटर के लिए जिंदगी तरस रही है. लेकिन सिरोही में 42 वेंटीलेटर एक साल से कमरों में बंद पड़े हैं. अब आफत सिर पर आई तो प्रशासन के हाथ पैर फूल रहे हैं. फिर भी वेंटीलेटर्स का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं.
ये वेंटीलेटर अब तक महज इसलिए उपयोग में नहीं आ पा रहे हैं क्योंकि इनको शुरू करने के लिए इनसे जुड़े उपकरण नहीं हैं. चिकित्सा प्रशासन यह उपकरण एक साल से नहीं खरीद पाया है. इस बीच यहां हर रोज कोविड मरीज दम तोड़ रहे हैं. सिरोही जिले में डेढ़ साल पहले तक दो वेंटीलेटर ही थे. ये दुर्भाग्य है कि छोटे-मोटे उपकरणों की कमी के चलते ये वेंटीलेटर तैयार नहीं हो पाए.
जिला के चिकित्सा विभाग के मुख्या सीएमएचओ राजेश कुमार कहते हैं कि वेंटीलेटर शुरू करने के लिए कुछ उपकरण खरीदे जाने हैं. इसके लिए कलक्टर फंड से 26.55 लाख रुपए स्वीकृत हो गए हैं. एबीजी मशीन का बुधवार यानी आज ही आर्डर दिया है. 30 अप्रैल तक आ जाएगी. इसके बाद जल्द बाद मल्टीपैरा मॉनिटर भी खरीदकर वेंटीलेटर शुरू कर दिए जाएंगे.
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वेंटीलेटर यानी लाइफ सपोर्ट सिस्टम शुरू करने के लिए एबीजी मशीन का होना बेहद जरूरी है. इसके अलावा मल्टीपैरा मॉनिटर की भी आवश्यकता रहती है. ये दोनों पार्ट चिकित्सा प्रशासन साल भर से खरीद नहीं पाया है. वेंटीलेटर को शुरू करने के लिए इन उपकरणों और अन्य छोटे-मोटे सामान के लिए 26 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं लेकिन कोरोना में साल भर तक क्यों इंतजार किया जाता रहा? अब जबकि रुपए स्वीकृत हो चुके हैं तो खरीदारी के लिए क्यों देरी हो रही? क्यों पार्ट तत्काल खरीदे नहीं जा रहे? इस सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है.
वेंटीलेटर क्या है और कैसे काम करता है
चिक्त्सिक एमएल हिण्डोनिया का कहना है कि वेंटीलेटर एक प्रकार की मशीन है जो मरीज को सांस लेने में मदद करती है. वेंटीलेटर सिर्फ एक ब्लाज है, जो कि मरीज को सांस लेने में हो रही दिक्कत को समाप्त करता है और मरीज इसे आसानी से सांस ले सकता है.
सिरोही जिला अस्पताल में कोरोना से 14 दिनों में 105 मौतें
दूसरी लहर में मरीजों के साथ मौतों के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं वही पिछले 14 दिन की बात करें तो अब तक सिरोही जिला अस्पताल में 105 मरीजों की मौत हो चुकी हैं. इसमें से 14 कोरोना पॉजिटिव मरीज थे. वहीं 91 कोरोना के संदिग्ध मरीज थे। ये आंकड़े सिर्फ सिरोही जिला अस्पताल के हैं.