सीकर. कोतवाली पुलिस ने शेखपुरा में बद्री विहार के पास मंगलवार दोपहर दिनदहाड़े हुई 60 लाख की लूट का पुलिस ने खुलासा किया है. साथ ही पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर किया है. वारदात में शामिल सरगना सर्वजीत सिंह पुत्र सुभाष चंद्र नेहरा फतेहपुर शेखावाटी थाना इलाके का रहने वाला है. सीकर पुलिस अधीक्षक करण शर्मा ने बताया कि 4 अप्रैल को जितेंद्र नाथ उम्र 28 वर्ष पुत्र लालू नाथ निवासी परबतसर जिला नागौर हाल निवासी रामलीला मैदान थाना कोतवाली में हाजिर होकर रिपोर्ट दी थी कि वह पिपराली रोड पर प्लॉट खरीदने के लिए सुबह स्कूटी पर सवार होकर 60 लाख लेकर जा रहा था कि रास्ते में बद्री विहार के पास अपने दोस्त की चाय की थड़ी पर चाय पीने के लिए रुक गया. इसी दौरान करीब सवा 11 बजे मोटरसाइकिल और कार में सवार होकर आए बदमाशों ने रुपयों से भरा बैग छीनने की कोशिश की, लेकिन जब मैंने उनका विरोध किया तो उनमें से एक ने मेरी कनपटी पर पिस्तौल तान दी. जिससे मैं घबरा गया और बाकी के बदमाशों ने बैग छीन लिया और फरार हो गए.
पुलिस अधीक्षक करण शर्मा ने बताया कि घटना के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामचंद्र मोड डीवाईएसपी विरेंद्र सिंह और सीआई पवन चौबे के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. इस टीम ने रातभर दबिश देते हुए सीसीटीवी कैमरा से आरोपियों की पहचान कर सभी टीमों को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल, पकड़े गए सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. उन्होंने बताया कि पुलिस जब वारदात में शामिल रंजीत को पकड़ने के लिए गई, तो वह दूसरी मंजिल से कूदकर भागने लगा जिससे वह चोटिल हो गया. वहीं, आरोपी कमल खेदड़ को पुलिस पकड़ने गई तो पुलिस को देखकर वह भागने लगा जिसे से गिरकर चोटिल हो गया.
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11 आरोपियों को पकड़ा : रणजीत सिंह उर्फ रणसा पुत्र किशन सिंह निवासी कवरासा थाना सांभर जिला जयपुर, राहुल पुत्र कालू जाट निवासी नसीराबाद जिला अजमेर, जयपाल पुत्र हरफूल निवासी खंडेला अनिल कुमार पुत्र बद्री प्रसाद निवासी भादवासी थाना दादीया, रितेश रणवा पुत्र महेंद्र सिंह निवासी भैरूपुरा सीकर, कमलेश कुमार उर्फ कमल पुत्र जवाहर सिंह निवासी मंगवा की ढाणी थाना खंडेला, अजय धारा निवासी गारिंडा, अंकित डाका निवासी बढाढर को गिरफ्तार किया गया है.
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पुलिस अधीक्षक करण ने बताया कि फतेहपुर निवासी सर्वजीत सिंह सीकर में हॉस्टल चलाता है और वह इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड है. उसी ने इस वारदात को अंजाम देने के लिए पूरा षड्यंत्र रचा. आरोपियों ने पैसे लूटने के लिए जितेंद्र पर फायर करने की कोशिश की, लेकिन गोली चलाते वक्त मैगजीन निकलकर नीचे गिर गई. ऐसे में फायर नहीं हो सका. आरोपी जानते थे कि जितेंद्र कभी-कभार बड़ी रकम लेकर आता है आरोपियों ने घटना को अंजाम देने से पहले 2 महीने तक जितेंद्र की रेकी की. इसके बाद मंगलवार को वारदात को अंजाम दिया. अभी तक की पुलिस जांच में सामने आया कि वारदात में काम में ली गई कार जयपाल की थी, जिसने जयपुर में 2 महीने पहले अपनी कार चोरी होने की झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.