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सीकर जिला प्रशासन की मानवीय पहल, क्वॉरेंटाइन बेटे को पिता के जनाजे में शामिल होने में की मदद - राजस्थान न्यूज

सीकर जिला प्रशासन मानव सेवा के साथ सामाजिक सरोकार भी निभाकर मिसाल कायम कर रहा है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती एक मरीज के पिता की मौत पर जिला प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए उसे कब्रिस्तान पहुंचाया और उसे उसका फर्ज निभाने में मदद की.

Sikar news सीकर जिला प्रशासन
जिला प्रशासन की मानवीय पहल
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Published : Apr 12, 2020, 2:23 PM IST

सीकर. कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम में जुटा जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग मानव सेवा के साथ सामाजिक सरोकार भी बखूबी निभा रहा है. क्वॉरेंटाइन में रखे गए नागरिकों की संवेदनाओं को समझते हुए उनके दुख के पलों में उनका भरसक प्रयास किया जा रहा है. ऐसा ही मामला शनिवार को आया. जिसमें जिला प्रशासन ने क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती बेटे को उसके पिता के इंतकाल पर ढांढस बढ़ाने से लेकर उसके पिता के जनाजे तक पहुंचाने में साथ दिया.

जिला प्रशासन की मानवीय पहल

सीकर के जिला कलेक्टर यज्ञ मित्र सिंहदेव को सूचना मिली कि क्वॉरेंटाइन किए गए फतेहपुरी रोड अकबरी मस्जिद निवासी मोहम्मद सबीर के पिता मोहम्मद यासीन का इंतकाल हो गया है. उन्होंने पिता के इंतकाल पर बेटे की मनोदशा का समझते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय चौधरी को इससे अवगत कराया. इस दौरान सीकर शहर के विधायक राजेंद्र पारीक, नगर परिषद के सभापित जीवणा खां ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय चौधरी से वार्ता की और इस संबंध में उचित प्रबंधन के लिए चर्चा की.

यह भी पढ़ें. जयपुर में 'महा कर्फ्यू' नाकाम, रामगंज से निकलकर पैदल ही सीकर जा पहुंचा Corona Positive

इस पर सीएमएचओ डॉ. चौधरी ने उनको आश्वस्त किया कि चिकित्सा विभाग की ओर से बेहतर प्रबंध किया जाएगा और एक बेट को उसके पिता के प्रति कर्तव्यों की पालना में सहयोग की जाएगी. जिसके बाद चिकित्सा विभाग की टीम पालवास रोड स्थित क्वॉरेंटाइन स्थल के लिए रवाना हो गई. चिकित्सा विभाग की रैपिड रिस्पोन्स टीम 108 एम्बुलेंस के साथ पहुंची.

टीम ने की फिर से स्क्रीनिंग

सेंटर पहुंचकर रैपिड टीम ने मोहम्मद सबीर की पुनः स्क्रीनिंग की. फिर मोहम्मद सबीर को उनके पिता के इंतकाल की सूचना दी गई. सूचना मिलते ही मोहम्मद यासीन फफक कर रोने लगे. आरआरटी के सदस्य डीपीओ डॉ. भानुप्रिया, डॉ. अभिशेख, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक प्रदीप चाहर, नर्सिंग ट्यूटर मनोरमा, जिला सूचना शिक्षा एवं संचार समन्वयक कमल गहलोत ने उनको सबीर को ढांढस बंधवाया और हिम्मत बंधाते हुए जनाजे में शरीक होने के लिए कहा. जिसके बाद सबीर को उसके पिता के इंतकाल में शामिल होने के लिए तैयार किया गया. जिसके बाद डॉक्टरों ने सबीर को पीपीई किट पहनाया. किट पहनाकर सबीर को 108 एम्बुलेंस से नूर मस्जिद के पास स्थित कब्रिस्तान में ले जाया गया.

कब्रिस्तान में पढ़ी जनाजे की नमाज

कब्रिस्तान में अपने पिता यासीन के अंतिम दर्शन करने के साथ मोहम्मद सबीर ने जनाजे की नमाज और फातिया पढ़ी और अपने हाथों उनको सुपुर्द ए खाक किया. सबीर के क्रबिस्तान पहुंचने से पहले ही सीकर शहर के विधायक राजेंद्र पारीक, नगर परिषद के सभापित जीवणा खां और सीएमएचओ डॉ. चौधरी ने उसके पिता के जनाजे की व्यवस्थाएं करवाई. वहीं अपने पिता के जनाजे में शामिल होने के बाद सबीर को एंबुलेंस फिर लेकर क्वॉरेंटाइन सेंटर लौट गया.

सीकर. कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम में जुटा जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग मानव सेवा के साथ सामाजिक सरोकार भी बखूबी निभा रहा है. क्वॉरेंटाइन में रखे गए नागरिकों की संवेदनाओं को समझते हुए उनके दुख के पलों में उनका भरसक प्रयास किया जा रहा है. ऐसा ही मामला शनिवार को आया. जिसमें जिला प्रशासन ने क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती बेटे को उसके पिता के इंतकाल पर ढांढस बढ़ाने से लेकर उसके पिता के जनाजे तक पहुंचाने में साथ दिया.

जिला प्रशासन की मानवीय पहल

सीकर के जिला कलेक्टर यज्ञ मित्र सिंहदेव को सूचना मिली कि क्वॉरेंटाइन किए गए फतेहपुरी रोड अकबरी मस्जिद निवासी मोहम्मद सबीर के पिता मोहम्मद यासीन का इंतकाल हो गया है. उन्होंने पिता के इंतकाल पर बेटे की मनोदशा का समझते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय चौधरी को इससे अवगत कराया. इस दौरान सीकर शहर के विधायक राजेंद्र पारीक, नगर परिषद के सभापित जीवणा खां ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय चौधरी से वार्ता की और इस संबंध में उचित प्रबंधन के लिए चर्चा की.

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इस पर सीएमएचओ डॉ. चौधरी ने उनको आश्वस्त किया कि चिकित्सा विभाग की ओर से बेहतर प्रबंध किया जाएगा और एक बेट को उसके पिता के प्रति कर्तव्यों की पालना में सहयोग की जाएगी. जिसके बाद चिकित्सा विभाग की टीम पालवास रोड स्थित क्वॉरेंटाइन स्थल के लिए रवाना हो गई. चिकित्सा विभाग की रैपिड रिस्पोन्स टीम 108 एम्बुलेंस के साथ पहुंची.

टीम ने की फिर से स्क्रीनिंग

सेंटर पहुंचकर रैपिड टीम ने मोहम्मद सबीर की पुनः स्क्रीनिंग की. फिर मोहम्मद सबीर को उनके पिता के इंतकाल की सूचना दी गई. सूचना मिलते ही मोहम्मद यासीन फफक कर रोने लगे. आरआरटी के सदस्य डीपीओ डॉ. भानुप्रिया, डॉ. अभिशेख, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक प्रदीप चाहर, नर्सिंग ट्यूटर मनोरमा, जिला सूचना शिक्षा एवं संचार समन्वयक कमल गहलोत ने उनको सबीर को ढांढस बंधवाया और हिम्मत बंधाते हुए जनाजे में शरीक होने के लिए कहा. जिसके बाद सबीर को उसके पिता के इंतकाल में शामिल होने के लिए तैयार किया गया. जिसके बाद डॉक्टरों ने सबीर को पीपीई किट पहनाया. किट पहनाकर सबीर को 108 एम्बुलेंस से नूर मस्जिद के पास स्थित कब्रिस्तान में ले जाया गया.

कब्रिस्तान में पढ़ी जनाजे की नमाज

कब्रिस्तान में अपने पिता यासीन के अंतिम दर्शन करने के साथ मोहम्मद सबीर ने जनाजे की नमाज और फातिया पढ़ी और अपने हाथों उनको सुपुर्द ए खाक किया. सबीर के क्रबिस्तान पहुंचने से पहले ही सीकर शहर के विधायक राजेंद्र पारीक, नगर परिषद के सभापित जीवणा खां और सीएमएचओ डॉ. चौधरी ने उसके पिता के जनाजे की व्यवस्थाएं करवाई. वहीं अपने पिता के जनाजे में शामिल होने के बाद सबीर को एंबुलेंस फिर लेकर क्वॉरेंटाइन सेंटर लौट गया.

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