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कोरोना से जंग: प्रवासियों के आने के बाद लगाई पूरी ताकत, जांच के मामले में 22वें से 5वें स्थान पर पहुंचा सीकर - rajasthan news

पूरे देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. वहीं, सीकर में भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग जिलावासियों को सुरक्षित रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. वहीं, जिले में कोरोना से ठीक हुए मरीजों का आंकड़ा 89% है. वहीं, जिले में लगातार प्रवासियों के आने से मामले बढ़ रहे थे. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत लगाकर हालातों को बेहतर किया है.

राजस्थान न्यूज, sikar news
सीकर में प्रशासन की कोरोना से जंग
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Published : Jul 19, 2020, 2:44 PM IST

सीकर. कोरोना वायरस की लड़ाई में सीकर का प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार जुटे हुए हैं. एक समय था जब देशभर में लॉकडाउन था और कोरोना के मामले बढ़ रहे थे, उस वक्त यह सवाल उठ रहे थे कि सीकर जिले में कम सैंपलों की जांच की जा रही है. उस वक्त कहा जा रहा था कि सैंपल नहीं होने की वजह से ही कोरोना के असली मामले सामने नहीं आ पा रहे हैं.

इसके बाद जैसे ही लॉकडाउन में छूट दी गई और प्रवासियों का आना शुरू हुआ तो सीकर में स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी पूरी ताकत लगानी शुरू कर दी और हालात ये है कि आज सीकर जिला जयपुर, जोधपुर, कोटा जैसे बड़े शहरों को छोड़ दें तो कोरोना वायरस की जांच के मामले में प्रदेश में पांचवें स्थान पर है. जबकि प्रवासियों से आने से पहले यानी कि 9 मई तक सीकर जिला प्रदेश में 22वें स्थान पर था.

सीकर में प्रशासन की कोरोना से जंग

यह भी पढ़ें- Exclusive: डोटासरा बने PCC चीफ...घर पर खुशी का माहौल

बता दें कि सीकर के व्यक्ति का पहला सैंपल 1 जनवरी को लिया गया था, जो चीन से आया था. उसके बाद अब तक 43 हजार 793 सैंपल लिए जा चुके हैं. इन 7 महीनों के समय में किस तरह से सीकर में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस को रोका, उसके आंकड़े इसकी हकीकत बता रहे हैं.

सीकर जिले की बात की जाए तो जिले में जनवरी में ही स्वास्थ्य विभाग के सामने ये जानकारी आई थी कि दातारामगढ़ इलाके के 2 लोग चीन के वुहान से आए थे. उन्हीं लोगों से स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल लेने की शुरुआत की थी और कोरोना वायरस के सैंपल लेकर जांच के लिए पुणे भेजे गए थे. इसके बाद पूरे देश में कोरोना वायरस पैर पसारने लगा था और देश में लॉकडाउन हो गया.

राजस्थान न्यूज, sikar news
पुलिस प्रशासन ने भी सख्ती बरती

लॉकडाउन की बात की जाए तो 8 मई तक सीकर जिले में महज 9 लोग पॉजिटिव आए थे और तब तक 1 हजार 716 सैंपल लिए गए थे. उस वक्त सीकर में कोरोना वायरस का संक्रमण न के बराबर था, लेकिन जैसे-जैसे लॉकडाउन में छूट मिली वैसे-वैसे मरीज सामने आते गए. तब तक सीकर जिला प्रदेश में कोरोना वायरस की जांच के मामले में 22वें स्थान पर था और यह सवाल उठ रहे थे कि जिले में जांच समय पर नहीं हो रही है.

लॉकडाउन में छूट मिलते ही प्रशासन ने लगाई पूरी ताकत

सरकार की ओर से लॉकडाउन में छूट देने के बाद से ही प्रवासी लोग आने लगे थे, जिसके तुरंत बाद ही सीकर में भी स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गई थी. जिससे कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके. इसी का परिणाम है कि पहले 5 महीने में जहां महज 1 हजार 716 सैंपल की रिपोर्ट आई थी वहीं, अब दो महीने में 43 हजार 793 सैंपल की रिपोर्ट आ चुकी है और जिले में पॉजिटिव का आंकड़ा भी बढ़कर 704 हो गया है. कोरोना वायरस की जांच के मामले में आज सीकर जिला प्रदेश में पांचवें स्थान पर है. अगर सीकर के बराबर के जिलों की बात की जाए तो केवल पाली ऐसा जिला है जिसमें सीकर से ज्यादा जांच हुई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कहते हैं कि जबसे लॉकडाउन में छूट मिली उसके बाद पूरी ताकत लगाकर काम किया गया और जितने भी प्रवासी बाहर से आए थे उन सबके सैंपल लिए गए.

राजस्थान न्यूज, sikar news
लोगों को समझा रही पुलिस

प्रवासियों की वजह से ही बढ़ा संक्रमण उसके बाद लगाई ताकत

सीकर जिले में जब तक प्रवासी नहीं आए थे तब तक केवल 9 लोग पॉजिटिव थे, लेकिन उसके बाद अब तक का आंकड़ा 704 तक पहुंच चुका है. इनमें से 503 लोग प्रवासी है जो दूसरे राज्यों से यहां आए थे. जब प्रवासियों की वजह से संक्रमण बढ़ा तो सीकर में भी प्रशासन ने पूरी ताकत लगाई.

राजस्थान न्यूज, sikar news
प्रशासन ने बढ़ाई सैंपलों की संख्या

ठीक होने का प्रतिशत भी सबसे ज्यादा

जिले में कोरोना वायरस के मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत भी सबसे अच्छा है और 704 में से 627 लोग ठीक हो चुके हैं. जिले में 89% मरीज ठीक हो चुके हैं. वहीं, जयपुर में 78%, जोधपुर में 72%, कोटा में 87% और पाली में 80% मरीज ठीक हुए हैं.

सीकर. कोरोना वायरस की लड़ाई में सीकर का प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार जुटे हुए हैं. एक समय था जब देशभर में लॉकडाउन था और कोरोना के मामले बढ़ रहे थे, उस वक्त यह सवाल उठ रहे थे कि सीकर जिले में कम सैंपलों की जांच की जा रही है. उस वक्त कहा जा रहा था कि सैंपल नहीं होने की वजह से ही कोरोना के असली मामले सामने नहीं आ पा रहे हैं.

इसके बाद जैसे ही लॉकडाउन में छूट दी गई और प्रवासियों का आना शुरू हुआ तो सीकर में स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी पूरी ताकत लगानी शुरू कर दी और हालात ये है कि आज सीकर जिला जयपुर, जोधपुर, कोटा जैसे बड़े शहरों को छोड़ दें तो कोरोना वायरस की जांच के मामले में प्रदेश में पांचवें स्थान पर है. जबकि प्रवासियों से आने से पहले यानी कि 9 मई तक सीकर जिला प्रदेश में 22वें स्थान पर था.

सीकर में प्रशासन की कोरोना से जंग

यह भी पढ़ें- Exclusive: डोटासरा बने PCC चीफ...घर पर खुशी का माहौल

बता दें कि सीकर के व्यक्ति का पहला सैंपल 1 जनवरी को लिया गया था, जो चीन से आया था. उसके बाद अब तक 43 हजार 793 सैंपल लिए जा चुके हैं. इन 7 महीनों के समय में किस तरह से सीकर में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस को रोका, उसके आंकड़े इसकी हकीकत बता रहे हैं.

सीकर जिले की बात की जाए तो जिले में जनवरी में ही स्वास्थ्य विभाग के सामने ये जानकारी आई थी कि दातारामगढ़ इलाके के 2 लोग चीन के वुहान से आए थे. उन्हीं लोगों से स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल लेने की शुरुआत की थी और कोरोना वायरस के सैंपल लेकर जांच के लिए पुणे भेजे गए थे. इसके बाद पूरे देश में कोरोना वायरस पैर पसारने लगा था और देश में लॉकडाउन हो गया.

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पुलिस प्रशासन ने भी सख्ती बरती

लॉकडाउन की बात की जाए तो 8 मई तक सीकर जिले में महज 9 लोग पॉजिटिव आए थे और तब तक 1 हजार 716 सैंपल लिए गए थे. उस वक्त सीकर में कोरोना वायरस का संक्रमण न के बराबर था, लेकिन जैसे-जैसे लॉकडाउन में छूट मिली वैसे-वैसे मरीज सामने आते गए. तब तक सीकर जिला प्रदेश में कोरोना वायरस की जांच के मामले में 22वें स्थान पर था और यह सवाल उठ रहे थे कि जिले में जांच समय पर नहीं हो रही है.

लॉकडाउन में छूट मिलते ही प्रशासन ने लगाई पूरी ताकत

सरकार की ओर से लॉकडाउन में छूट देने के बाद से ही प्रवासी लोग आने लगे थे, जिसके तुरंत बाद ही सीकर में भी स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गई थी. जिससे कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके. इसी का परिणाम है कि पहले 5 महीने में जहां महज 1 हजार 716 सैंपल की रिपोर्ट आई थी वहीं, अब दो महीने में 43 हजार 793 सैंपल की रिपोर्ट आ चुकी है और जिले में पॉजिटिव का आंकड़ा भी बढ़कर 704 हो गया है. कोरोना वायरस की जांच के मामले में आज सीकर जिला प्रदेश में पांचवें स्थान पर है. अगर सीकर के बराबर के जिलों की बात की जाए तो केवल पाली ऐसा जिला है जिसमें सीकर से ज्यादा जांच हुई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कहते हैं कि जबसे लॉकडाउन में छूट मिली उसके बाद पूरी ताकत लगाकर काम किया गया और जितने भी प्रवासी बाहर से आए थे उन सबके सैंपल लिए गए.

राजस्थान न्यूज, sikar news
लोगों को समझा रही पुलिस

प्रवासियों की वजह से ही बढ़ा संक्रमण उसके बाद लगाई ताकत

सीकर जिले में जब तक प्रवासी नहीं आए थे तब तक केवल 9 लोग पॉजिटिव थे, लेकिन उसके बाद अब तक का आंकड़ा 704 तक पहुंच चुका है. इनमें से 503 लोग प्रवासी है जो दूसरे राज्यों से यहां आए थे. जब प्रवासियों की वजह से संक्रमण बढ़ा तो सीकर में भी प्रशासन ने पूरी ताकत लगाई.

राजस्थान न्यूज, sikar news
प्रशासन ने बढ़ाई सैंपलों की संख्या

ठीक होने का प्रतिशत भी सबसे ज्यादा

जिले में कोरोना वायरस के मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत भी सबसे अच्छा है और 704 में से 627 लोग ठीक हो चुके हैं. जिले में 89% मरीज ठीक हो चुके हैं. वहीं, जयपुर में 78%, जोधपुर में 72%, कोटा में 87% और पाली में 80% मरीज ठीक हुए हैं.

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