सीकर. केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई नई शिक्षा नीति का विरोध शुरू हो गया है. सीकर में नई शिक्षा नीति के विरोध में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने रैली निकालकर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रतियां जलाई गई और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई. स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इसको लेकर देशव्यापी आंदोलन चेतावनी दी है.
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एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष जाखड़ ने कहा कि केंद्र सरकार ने तानाशाही पूर्ण तरीके से इसे जारी किया है. नई शिक्षा नीति लागू करने से पहले संसद में इस पर बहस होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. ना राज्यसभा में इसे रखा गया और ना ही लोकसभा में इस पर चर्चा हुई. बिना चर्चा के ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई शिक्षा नीति जारी कर दी.
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एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष जाखड़ का कहना है कि बहस के बिना शिक्षा नीति जारी नहीं होनी चाहिए थी. केंद्र सरकार को पहले पुरानी शिक्षा नीति की खामियां दूर करना चाहिए था. लेकिन, पूरी शिक्षा नीति को ही बदल दिया गया है. ऐसे में एसएफआई ने चेतावनी दी है कि पूरे देश में इसको लेकर आंदोलन किया जाएगा.
34 साल पुरानी शिक्षा नीति में किया गया है बदलाव
बता दें कि देश की शिक्षा नीति में करीब 34 साल बाद बदलाव किया गया है. इससे पहले साल 1986 में राजीव गांधी सरकार के दौरान जो शिक्षा नीति लागू की गई थी, उसमें साल 1992 में थोड़ा बदलाव किया गया था. साल 1992 के बाद एजुकेशन पॉलिसी में बदलाव के लिए मंजूरी दी गई है. नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव करते हुए 10+2 के फॉर्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. अभी तक हमारे देश में स्कूली पाठ्यक्रम 10+2 के हिसाब से चलता रहा है. लेकिन, अब ये 5+ 3+ 3+ 4 के हिसाब से होगा. साथ ही उच्च शिक्षा में भी बदलाव किया गया है.