सीकर. कोरोना संक्रमण के मद्दनजर शिक्षण संस्थाएं लंबे अरसे से बंद हैं. ऐसे में इससे जुड़े लोग बेरोजगार हो गए हैं. अब स्कूल संचालक सरकार पर शिक्षण संस्थाएं खोलने की आज्ञा देने का दबाव बना रहे हैं ताकि शिक्षा के व्यवसाय से जुड़े लोगों का घर चल सके. इसी संबंध में स्कूल शिक्षा परिवार के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर निजी शिक्षण संस्थान संचालकों ने धरना दिया. धरने में स्कूलों को खोलने सहित कई मांगें रखी गई हैं. मांगें नहीं मानने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है.
संगठन के अध्यक्ष सुरेश चौधरी ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के समय 6 मांगों को लेकर सरकार के साथ उनका समझौता हुआ था, लेकिन उनमें से एक भी मांग को आज तक पूरा नहीं किया गया है. इसके साथ साथ पिछले 9 महीने से स्कूल बंद है और सरकार खोल नहीं रही है.
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जबकि सारी गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि स्कूल बंद रहने की वजह से उनके सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. इसलिए सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द स्कूलों को शुरू किया जाए. उन्होंने कहा कि आज सरकारी स्कूलों में बच्चों को बुलाया जाता है. जबकि निजी स्कूलों में बच्चों को बुलाने पर कार्रवाई हो जाती है. उन्होंने कहा कि अगर अब भी सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में आंदोलन किया जाएगा.
स्कूल संचालकों ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन
बूंदी में निजी स्कूल संचालकों ने बूंदी जिला कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए जिला कलक्टर के नाम सीएम अशोक गहलोत को ज्ञापन दिया है. शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वधान में किए गए प्रदर्शन में शिक्षकों ने कहा है कि यदि 15 जनवरी 2021 तक मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया तो 16 जनवरी से सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा. प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन से जुड़े संचालकों ने कहा कि कांग्रेस घोषणा पत्र में गैर सरकारी विद्यालयों से संबंधित सभी वादों पर निर्णय किया जाए. आरटीई भुगतान तत्काल जारी करने के साथ ही डीईओ को पाबंद किया जाए. उन्होंने 1 जनवरी से प्रदेश के सभी स्कूलों में अध्यापन कार्य शुरू करने की मांग की है. ज्ञापन के दौरान स्कूल संचालकों ने 24 सूत्री मांगों को पूरा करने को कहा है. निजी स्कूल संचालकों ने कहा कि कोरोना काल में 10 माह से स्कूल बंद हैं और हमारी हालत दयनीय हो चुकी है. हम निजी स्कूल संचालक स्कूल चला कर ही अपने घर का लालन-पालन करते थे. लेकिन स्कूल नहीं चलने से हालत खराब हो चुकी है.
मांगें नहीं मानने पर देंगे अनिश्चितकालीन धरना
चूरू के निजी स्कूल संचालकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा. सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मांगे नही माने जाने तक अनिश्चितकालीन धरना की घोषणा की. प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने कहा कि लघु एवं मध्यम दर्जे के 48200 गैर सरकारी विद्यालय अन्य गैर सरकारी विद्यालयों से अलग हैं. आम आदमी के बच्चे बहुत कम खर्चे पर इन विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा के आम चुनाव में हमारी समस्याओं को जायज मानते हुए उन्हें जन घोषणा पत्र में स्थान भी दिया था. लेकिन आज 2 साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने उन वादों पर अमल नहीं किया. निजी संचालकों ने आरटीई भुगतान तत्काल करने, जिला शिक्षा अधिकारी को पाबंद करने की मांग की है. प्रदर्शन कर रहे निजी स्कूल संचालकों ने शिक्षा मंत्री के उस बयान पर भी नाराजगी जाहिर की जिसमें मंत्री ने कहा था की केंद्र सरकार आईटीई भुगतान करेगी तो हम करेंगे. निजी स्कूल संचालकों ने कहा यदि केंद्र नहीं करती है तो हमें सबूत के साथ सूचित करें हम सांसदों के आगे धरना प्रदर्शन कर उनसे कार्य करवाएंगे.
निजी स्कूल संचालकों का प्रदर्शन
नागौर में निजी स्कूल संचालकों ने विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलक्टर को सीएम अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन दिया है. इस दौरान स्कूल संचालकों ने आर्थिक मदद की गुहार लगाई है.स्कूल संचालकों ने शिक्षामंत्री के बयान पर विरोध भी जताया है. सुबह निजी स्कूल संचालक जिला कलक्ट्रेट पहुंचे और शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति' के बैनर तले मुख्यमंत्री के नाम कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी को ज्ञापन दिया.
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स्कूल संचालकों ने तीन साल से बकाया आरटीई भुगतान कराने की मांग की है. साथ ही वित्तीय संकट से घिरे स्कूल संचालकों को विशेष आर्थिक पैकेज जारी करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन के तहत जब तक स्कूल नहीं खुलते हैं, तब तक हर महीने सहयोग राशि दी जाए.
30 दिसंबर से जिला मुख्यालयों पर धरना
श्रीगंगानगर में स्कूल शिक्षा परिवार ने विभिन्न मांगों के पूरा नहीं होने पर 30 दिसंबर से जिला मुख्यालयों पर धरना देने का निर्णय किया है. संस्था के आह्वान पर यह धरना प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर दिया जाएगा. इस संबंध में संस्था के जिलाध्यक्ष राजीव खेतान ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम उमेद सिंह रतनू को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कांग्रेस के घोषणा पत्र में निजी स्कूलों से संबंधित किए गए 6 वादों पर निर्णय करने,आरटीई भुगतान तत्काल जारी करने और जिला शिक्षा अधिकारी को पाबंद करने की मांग की है. स्कूल शिक्षा परिवार ने भरतपुर, भीलवाड़ा व जयपुर में पदाधिकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की है.
ज्ञापन में चेतावनी दी है कि सरकार द्वारा गैर सरकारी विद्यालयों के खिलाफ निकाले गए आदेशों के विरोध में शीतकालीन धरना दिया जाएगा. स्कूल शिक्षा परिवार के सदस्यों ने कहा कि सरकार द्वारा अब स्कूल खोले जाने चाहिए. कोरोना का बहाना लेकर स्कूलों को बंद किया गया है जो कि अब सही नहीं है. सरकार ने तमाम सारी गतिविधियां शुरू कर रखी है, लेकिन स्कूलों को बंद करके सरकार निजी स्कूलों को उजाड़ना चाहती है. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा दिया गया बयान वापिस लिया जाना चाहिए.