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सीकर : श्रीमाधोपुर में रेल कर्मचारियों का प्रदर्शन, केंद्र सरकार से की ये मांग - रेल कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

श्रीमाधोपुर में शुक्रवार को रेलवे को निजी हाथों में देने के विरोध में रेल कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. जिसके बाद उनकी ओर से केंद्र सरकार और रेल मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की गई.

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रेल कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन
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Published : Sep 18, 2020, 6:03 PM IST

श्रीमाधोपुर (सीकर). जिले के श्रीमाधोपुर में रेल को निजी हाथों में देने के विरोध में रेल कर्मचारियों की ओर से प्रदर्शन किया गया है. जिसके बाद ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर रेलवे स्टेशन के बाहर केंद्र सरकार और रेल मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की गई. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे कर्मचारी यूनियन के कार्मिकों ने भारत सरकार की ओर से रेल को निजी हाथों में देने के विरोध में यह प्रदर्शन किया.

रेल कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

NWREU रींगस ब्रांच सेक्रेटरी एसएन पारीक ने बताया कि देशभर में प्रतिदिन लगभग 23 हजार गाड़ियां चलाने व करीब 2 करोड यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने वाली भारतीय रेल इस देश की ही नहीं, बल्कि विश्व का सबसे सस्ता, सुगम, संरक्षित और आरामदायक यातायात का साधन है. वहीं, देशभर के निम्न व मध्यम आय वर्ग के लगभग 90 प्रतिशत लोगों को यात्रा कराने के लिए करीब 12 लाख सरकारी कर्मचारी अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि देश में जब जब विपदा आई है रेल कर्मियों ने अपना खून पसीना एक करके रेल की विश्वसनीयता को कायम रखी है. भारतीय रेल के कामगारों ने कोरोना संक्रमण काल में भी खाद्यान्न, खाद्य सामग्री, कोयला, सब्जियां व दवाइयों सहित आवश्यक सामग्री को बिना अतिरिक्त चार्ज लिए जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. साथ ही उनका कहना है कि पार्सल व अन्य गाड़ियों का भी संचालन सफलतापूर्वक किया गया है. वहीं, रेल कामगारों ने वेंटिलेटर, आइसोलेशन कोच व चिकित्सा उपकरणों का भी बड़ी मात्रा में निर्माण कर आमजन तक सुविधा पहुंचाई है.

पढ़ें: दौसा: ग्राम पंचायत चुनाव के लिए RO दल रवाना, 19 सितंबर को होंगे नामांकन

इसके बाद भी भारत सरकार ने भारतीय रेल की आर्थिक स्थिति खराब है. यह दुहाई देकर निजी कंपनियों को रेल संचालन के लिए देने का निश्चय किया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्राइवेट कंपनियां संरक्षा, सुरक्षा एवं सुविधा के बजाय कमाई पर ज्यादा ध्यान देंगी. जिससे रेल कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि आमजन को भी काफी नुकसान होगा. इस अवसर पर रेलवे व विद्युत विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे.

श्रीमाधोपुर (सीकर). जिले के श्रीमाधोपुर में रेल को निजी हाथों में देने के विरोध में रेल कर्मचारियों की ओर से प्रदर्शन किया गया है. जिसके बाद ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर रेलवे स्टेशन के बाहर केंद्र सरकार और रेल मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की गई. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे कर्मचारी यूनियन के कार्मिकों ने भारत सरकार की ओर से रेल को निजी हाथों में देने के विरोध में यह प्रदर्शन किया.

रेल कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

NWREU रींगस ब्रांच सेक्रेटरी एसएन पारीक ने बताया कि देशभर में प्रतिदिन लगभग 23 हजार गाड़ियां चलाने व करीब 2 करोड यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने वाली भारतीय रेल इस देश की ही नहीं, बल्कि विश्व का सबसे सस्ता, सुगम, संरक्षित और आरामदायक यातायात का साधन है. वहीं, देशभर के निम्न व मध्यम आय वर्ग के लगभग 90 प्रतिशत लोगों को यात्रा कराने के लिए करीब 12 लाख सरकारी कर्मचारी अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि देश में जब जब विपदा आई है रेल कर्मियों ने अपना खून पसीना एक करके रेल की विश्वसनीयता को कायम रखी है. भारतीय रेल के कामगारों ने कोरोना संक्रमण काल में भी खाद्यान्न, खाद्य सामग्री, कोयला, सब्जियां व दवाइयों सहित आवश्यक सामग्री को बिना अतिरिक्त चार्ज लिए जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. साथ ही उनका कहना है कि पार्सल व अन्य गाड़ियों का भी संचालन सफलतापूर्वक किया गया है. वहीं, रेल कामगारों ने वेंटिलेटर, आइसोलेशन कोच व चिकित्सा उपकरणों का भी बड़ी मात्रा में निर्माण कर आमजन तक सुविधा पहुंचाई है.

पढ़ें: दौसा: ग्राम पंचायत चुनाव के लिए RO दल रवाना, 19 सितंबर को होंगे नामांकन

इसके बाद भी भारत सरकार ने भारतीय रेल की आर्थिक स्थिति खराब है. यह दुहाई देकर निजी कंपनियों को रेल संचालन के लिए देने का निश्चय किया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्राइवेट कंपनियां संरक्षा, सुरक्षा एवं सुविधा के बजाय कमाई पर ज्यादा ध्यान देंगी. जिससे रेल कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि आमजन को भी काफी नुकसान होगा. इस अवसर पर रेलवे व विद्युत विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे.

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