खण्डेला (सीकर). जिले के थोई थाना इलाके के कांवट कस्बे में 14 साल की मासूम से दुष्कर्म और हत्या के मामले में ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यशैली का विरोध जताया है. इस घटना के विरोध में गुरुवार को थोई पुलिस थाने के सामने धरना प्रदर्शन दिया जा रहा था, जो प्रशासन और ग्रामीणों की आपसी सहमति से 32 घण्टे के बाद समाप्त हुआ.
बता दें कि इसके लिए गुरुवार की सुबह जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे, जहां जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से नाराज ग्रामीणों ने उनसे वार्ता के लिए मना कर दिया. उसके बाद स्थिति को देखते हुए सम्भागीय आयुक्त केसी वर्मा और आईजी सेंगीथर मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों की ओर से सहमति से बने प्रतिनिधिमंडल से प्रशासन की वार्ता हुई, पहली बार दोनों के बीच हुई वार्ता विफल रही. इस दौरान प्रशासन और प्रतिनिधिमंडल के मध्य फिर से वार्ता शुरू हुई. इस बार की सकारात्मक रही. पीड़ित परिवार को 15 लाख के मुआवजे का आश्वासन, आरोपी का 10 दिन में चालान और थानाधिकारी संगीता मीणा की जांच आने तक आईजी रेंज मुख्यालय में तैनाती कर दी गई है.
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प्रदेश कोंग्रेस कमेटी सदस्य सुभाष मील ने बताया कि दुष्कर्म पीड़िता बेटी को न्याय दिलाने के लिए थोई थाने के बाहर दो दिन से घरना दिया जा रहा था, दो दिन बाद गुरुवार को सहमति बनी है, जिसमें पीड़िता के परिवार को 15 लाख रुपयों की मुआवजा राशि का आश्वासन, 10 दिन में आरोपी का चालान पेश करने और थानाधिकारी संगीता मीणा को जांच आने तक आईजी मुख्यालय में लगाया गया है. उन्होंने कहा कि वे अन्याय और गलत के खिलाफ हमेशा आवाज उठाएंगे.
सम्भागीय आयुक्त केसी वर्मा ने बताया कि थोई थाने के बाहर शव को रखकर ग्रामीणों की ओर से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. आज ग्रामीणों की ओर से बनाए बनाए प्रतिनिधमंडल से वार्ता की, जिसमें आपसी सहमति बन गयी. साथ ही बताया कि थानाधिकारी सहित दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही नियमानुसार मुआवजे की राशि भी दी जाएगी.
गौरतलब है कि 14 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म और गला दबाकर हत्या की कोशिश की गई थी. 31 तारीख को थोई थाने में नामदज मुकदमा दर्ज हुआ था. ग्रामीणों का यह आरोप था कि थानाधिकारी ने आरोपी को पकड़कर छोड़ दिया था और पीड़ित परिवार पर ही दबाव बना रही थी. उसके बाद 4 तारीख को उपचार के दौरान जयपुर में नाबालिग की मौत गई थी. पुलिस ने फिर कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया था.
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इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने कस्बे को पूरा बन्द कर थोई थाने का घेराव किया था. दो दिन तक थोई थाने का घेराव और प्रदर्शन किया. मामला इतना बढ़ गया था कि सम्भागीय आयुक्त और आईजी को मौके पर आना पड़ा. थाने का घेराव और प्रदर्शन हटाने के बाद पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली है.