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सीकरः ग्रामीणों ने किया पंचायत चुनाव का बहिष्कार, दूसरी बार भी नहीं हुआ नामांकन

सीकर की लादी का बास ग्राम पंचायत में दूसरी बार ग्रामीणों ने उपचुनावों का बहिष्कार किया है. बुधवार को यहां ग्राम चुनावों के लिए नामांकन होने थे. लेकिन ग्राम पंचायत को अजीतगढ़ पंचायत समिति में जोड़ने के विरोध में ग्रामीणों ने एक राय होकर एक भी नामांकन दाखिल नहीं करवाया.

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सीकर के लादी का बास में ग्रामीणों ने किया पंचायत चुनाव का बहिष्कार
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Published : Sep 30, 2020, 9:08 PM IST

सीकर. ग्राम पंचायत लादी का बास को अजीतगढ़ पंचायत समिति के अंदर जोड़े जाने के विरोध में दूसरी बार ग्रामीणों ने उपचुनावों का बहिष्कार किया है. बुधवार को सरपंच पद के लिए नामांकन की तारीख पर किसी भी उम्मीदवार ने अपना नामांकन नहीं भरा.

सीकर के लादी का बास में ग्रामीणों ने किया पंचायत चुनाव का बहिष्कार

दरअसल, बुधवार को लादी का बास ग्राम पंचायत में चुनावों के लिए नामांकन होने थे. लेकिन, उससे पहले लादी का बास ग्राम पंचायत को पाटन पंचायत समिति से हटाकर हाल ही में बनाई गई अजीतगढ़ पंचायत समिति में जोड़ दिया गया. जिसके विरोध में ग्रामीणों ने एक राय होकर एक भी नामांकन दाखिल नहीं करवाया. जिसकी वजह से पोलिंग पार्टी को बैरंग ही लौटना पड़ा.

ये भी पढ़ेंः सीकर सांसद निकले कोरोना पॉजिटिव, पीपीई किट पहनकर वोट डालने पहुंचे

ग्रामीणों की मांग है कि पहले की तरह लादी का बास ग्राम पंचायत को पाटन में ही रखा जाए. जिससे लादी का वास ग्राम पंचायत के विकास के कार्यों को गति मिल सके. ग्रामीणों का कहना है कि लादी का बास ग्राम पंचायत पाटन के निकट पड़ती है और लादी का बास से अजीतगढ़ की दूरी करीब 60 किलोमीटर है. साथ ही लादी का बास से अजीतगढ़ के लिए परिवहन का कोई सीधा साधन भी नहीं है. लेकिन राजनैतिक द्वेशता के कारण लादी का वास को अजीतगढ़ पंचायत समिति में जोड़ दिया गया है. जिसका ग्रामीणों ने पहले भी विरोध किया था. लेकिन ग्रामीणों की आवाज को दबा दिया गया.

सीकर. ग्राम पंचायत लादी का बास को अजीतगढ़ पंचायत समिति के अंदर जोड़े जाने के विरोध में दूसरी बार ग्रामीणों ने उपचुनावों का बहिष्कार किया है. बुधवार को सरपंच पद के लिए नामांकन की तारीख पर किसी भी उम्मीदवार ने अपना नामांकन नहीं भरा.

सीकर के लादी का बास में ग्रामीणों ने किया पंचायत चुनाव का बहिष्कार

दरअसल, बुधवार को लादी का बास ग्राम पंचायत में चुनावों के लिए नामांकन होने थे. लेकिन, उससे पहले लादी का बास ग्राम पंचायत को पाटन पंचायत समिति से हटाकर हाल ही में बनाई गई अजीतगढ़ पंचायत समिति में जोड़ दिया गया. जिसके विरोध में ग्रामीणों ने एक राय होकर एक भी नामांकन दाखिल नहीं करवाया. जिसकी वजह से पोलिंग पार्टी को बैरंग ही लौटना पड़ा.

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ग्रामीणों की मांग है कि पहले की तरह लादी का बास ग्राम पंचायत को पाटन में ही रखा जाए. जिससे लादी का वास ग्राम पंचायत के विकास के कार्यों को गति मिल सके. ग्रामीणों का कहना है कि लादी का बास ग्राम पंचायत पाटन के निकट पड़ती है और लादी का बास से अजीतगढ़ की दूरी करीब 60 किलोमीटर है. साथ ही लादी का बास से अजीतगढ़ के लिए परिवहन का कोई सीधा साधन भी नहीं है. लेकिन राजनैतिक द्वेशता के कारण लादी का वास को अजीतगढ़ पंचायत समिति में जोड़ दिया गया है. जिसका ग्रामीणों ने पहले भी विरोध किया था. लेकिन ग्रामीणों की आवाज को दबा दिया गया.

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