सीकर. कोरोना महामारी की वजह से हर जगह बाजार में मंदी का असर देखने को मिल रहा है, लेकिन कई कारोबार ऐसे हैं जो इस महामारी की वजह से काम पूरी तरह से ठप चल रहा है. भले ही सरकार ने लॉकडाउन हटा दिया है, लेकिन इसके बाद भी कुछ कारोबार संभल नहीं पाए हैं.
बात अगर पार्लर व्यवसाय की करें तो तो महिलाएं इससे दूरी बनाए हुए हैं. हालात यह है कि कई पार्लर बंद होने की कगार पर हैं. जबकि फेस्टिवल सीजन शुरू हो गया है और शादियां भी हो रही हैं. इसके बाद भी इस कारोबार में तेजी नहीं आई है. जो पार्लर खुले हैं वहां स्टाफ कम कर दिए गया है. इससे पार्लरों में काम करने वाले भी बेरोजगार हो चुके हैं.
पढ़ेंः Special : जयपुर का कपड़ा व्यवसाय 6 महीने से ठप...कोरोना की मार से डांवाडोल हुई आर्थिक स्थिति
सीकर शहर की बात करें तो यहां पर 100 से ज्यादा छोटे-बड़े पार्लर हैं. कोरोना महामारी से पहले की बात करें तो यहां पर अच्छी खासी कमाई हो रही थी, लेकिन इसके बाद यह कारोबार पूरी तरह से ठप हो चुका है. लॉकडाउन खुलने के बाद यह उम्मीद जगी थी कि कारोबार को गति मिलेगी, लेकिन अब भी हालात पहले जैसे ही हैं. फेस्टिवल सीजन में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है. पार्लर संचालकों का कहना है कि अगर इसी तरह चलता रहा तो शहर के कई पार्लर बंद हो जाएंगे.
स्टाफ भी हो गया आधा
शहर में जो पार्लर चल रहे हैं उनमें स्टाफ की संख्या आधी हो गई है. जहां पर 5 से 7 महिलाओं का स्टाफ होता था. वहां पर अब केवल एक या दो स्टाफ काम कर रही है. इस वजह से कई महिलाएं बेरोजगार हो चुकी हैं.
पूरी सावधानी के बाद भी नहीं आ रहे ग्राहक
पार्लर संचालक महिलाओं का कहना है कि उन्होंने कोरोनावायरस की गाइडलाइन के मुताबिक सभी तरह की व्यवस्था कर रखी है. हर दिन पार्लर को सैनिटाइज करती हैं और सभी उपकरण को भी सैनिटाइज करते हैं. इसके अलावा काफी सामान डिस्पोजल काम में ले रही है. इसके बाद भी ग्राहक नहीं आ रहे हैं.
इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि अभी भी कोरोना का डर बना हुआ है और महिलाओं को लगता है कि पार्लर जाने से संक्रमित हो सकती हैं. शादियों का सीजन भी चलने लगा है. इसके बाद भी केवल दुल्हन के अलावा अन्य परिवार की महिलाएं पार्लर नहीं आ रही है. इस वजह से ज्यादा पैसा नहीं मिल रहा है. ग्राहक कम आने की वजह से रेट भी काफी कम हो गए हैं.