सीकर. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी की पार्थिव देह मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गई. सीकर में उदयलाल की ढाणी में स्थित उनके फार्म हाउस पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. बेटे मनोज ने उनकी पार्थिव देह को मुखाग्नि दी. इससे पहले सीकर में तीन जगहों पर मदन लाल सैनी को श्रद्धांजलि दी गई. सोमवार को निधन के बाद मदन लाल सैनी का पार्थिव शरीर मंगलवार दोपहर करीब 1:30 बजे सीकर पहुंचा. यहां पर सबसे पहले सर्किट हाउस में भाजपा कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
इसके बाद शहर के बजाज सर्किल पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. यहां से मदन लाल सैनी का पार्थिव शरीर एसके स्कूल खेल मैदान ले जाया गया. जहां पर प्रदेश के दिग्गज भाजपा नेताओं ने उनको श्रद्धांजलि दी और इसके बाद उनकी पार्थिव देह उनके घर पहुंची.
अंतिम यात्रा घर से शुरू होकर फार्म हाउस तक पहुंची. मदन लाल सैनी को श्रद्धांजलि देने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय संगठन मंत्री रामलाल, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल, सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड़ सहित कई दिग्गज नेता सीकर पहुंचे.
सादगी पसंद व्यक्तित्व के धनी थे सैनी
मदन लाल सैनी की 6 बेटियां और एक बेटा है. मदन लाल सैनी खुद भी छह भाइयों में सबसे बड़े थे. उनका जन्म सीकर में पुरोहितजी की ढाणी में 13 जुलाई 1943 को हुआ था. उनकी पत्नी पतासी देवी भी सीकर में ही रहती हैं. मदन लाल सैनी ने छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक करिअर की शुरुआत की. इसके बाद वह भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री और अखिल भारतीय कृषि मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री रहे.
1990 में वे झुंझुनू के उदयपुरवाटी क्षेत्र के विधायक चुने गए. मार्च 2018 में उन्हें राज्यसभा का सांसद चुना गया और जून 2018 में उन्हें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. मदन लाल सैनी सादगी प्रिय नेता के तौर पर जाने जाते थे और अक्सर उन्हें बस और रोडवेज में सफर करते हुए भी आसानी देखा जा सकता था.