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सीकर: दांतारामगढ़ में टिड्डियों का हमला, किसान परेशान

दांतारामगढ़ क्षेत्र शुक्रवार को टिड्डियों ने हमला कर दिया. दांतारामगढ़ के धींगपुर, लाड़पुर, लिखमाकाबास, खाटूश्यामजी, गिलो की ढ़ाणी, लामिया सहित आसपास के गावों में रात भर टिड्डी दलों ने किसानों के खेतों में जमकर तबाही मचाई है.

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Published : Jun 27, 2020, 3:35 AM IST

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दांतारामगढ़ में टिड्डियों का अटैक

दांतारामगढ़ (सीकर). दांतारामगढ़ क्षेत्र शुक्रवार को टिड्डियों ने हमला कर दिया. दांतारामगढ़ के धींगपुर, लाड़पुर, लिखमाकाबास, खाटूश्यामजी, गिलो की ढ़ाणी, लामिया सहित आसपास के गावों में रात भर टिड्डी दलों ने किसानों के खेतों में जमकर तबाही मचाई है. किसानों ने टिड्डी दलों को भगाने के लिए बर्तन और डीजे बजाए लेकिन टिड्डियों को भगाने में असफल रहे. टिड्डी दल ने रात भर में मूंगफली, ग्वार की फसलों को चोपट कर दिया. टिड्डियों के हमले के बाद से इलाके के किसान परेशान है. किसानों का कहना है कि उन्हें प्रशासन से किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिल रही है. किसानों को खुद से ही कीटनाशक का छिड़काव करना पड़ रहा है.

पढ़ें: सीकर में टिड्डियों का आतंक...विभिन्न संगठनों ने सरकारी सहायता की उठाई मांग

नागौर में भी टिड्डी अटैक

प्रदेश के दूसरे जिलों की तरह नागौर में भी लगातार टिड्डियों के हमले हो रहे हैं. करोड़ों टिड्डियां एक साथ आसमान में धूल के गुब्बार जैसी दिखती हैं और जहां पड़ाव डाल रही हैं, वहां पेड़-पौधों और फसलों पर तबाही के निशान के अलावा कुछ बाकी नहीं रह रहा है. ताजा मामला पीड़वा गांव का हैं. जहां करोड़ों टिड्डियां आसमान में धूल के गुब्बार जैसी नजर आई. जिसे देखकर किसान भयभीत हो गए.

कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जिले में करीब 2,5,000 हेक्टेयर इलाके में सर्वे किया जा चुका है. इसमें से करीब 10 हजार हेक्टेयर में कृषि विभाग की ओर से टिड्डियों को नष्ट किया गया है. टिड्डी नियंत्रण मंडल की टीमें भी लगातार टिड्डियों को नष्ट करने में जुटी हैं.जानकारों का कहना है कि बारिश में टिड्डियों का प्रजनन काल होता है और जिले में बारिश का दौर शुरू हो चुका है. ऐसे में बिना किसी ठोस रणनीति के लगातार विकराल होती इस समस्या पर काबू पाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा.

दांतारामगढ़ (सीकर). दांतारामगढ़ क्षेत्र शुक्रवार को टिड्डियों ने हमला कर दिया. दांतारामगढ़ के धींगपुर, लाड़पुर, लिखमाकाबास, खाटूश्यामजी, गिलो की ढ़ाणी, लामिया सहित आसपास के गावों में रात भर टिड्डी दलों ने किसानों के खेतों में जमकर तबाही मचाई है. किसानों ने टिड्डी दलों को भगाने के लिए बर्तन और डीजे बजाए लेकिन टिड्डियों को भगाने में असफल रहे. टिड्डी दल ने रात भर में मूंगफली, ग्वार की फसलों को चोपट कर दिया. टिड्डियों के हमले के बाद से इलाके के किसान परेशान है. किसानों का कहना है कि उन्हें प्रशासन से किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिल रही है. किसानों को खुद से ही कीटनाशक का छिड़काव करना पड़ रहा है.

पढ़ें: सीकर में टिड्डियों का आतंक...विभिन्न संगठनों ने सरकारी सहायता की उठाई मांग

नागौर में भी टिड्डी अटैक

प्रदेश के दूसरे जिलों की तरह नागौर में भी लगातार टिड्डियों के हमले हो रहे हैं. करोड़ों टिड्डियां एक साथ आसमान में धूल के गुब्बार जैसी दिखती हैं और जहां पड़ाव डाल रही हैं, वहां पेड़-पौधों और फसलों पर तबाही के निशान के अलावा कुछ बाकी नहीं रह रहा है. ताजा मामला पीड़वा गांव का हैं. जहां करोड़ों टिड्डियां आसमान में धूल के गुब्बार जैसी नजर आई. जिसे देखकर किसान भयभीत हो गए.

कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जिले में करीब 2,5,000 हेक्टेयर इलाके में सर्वे किया जा चुका है. इसमें से करीब 10 हजार हेक्टेयर में कृषि विभाग की ओर से टिड्डियों को नष्ट किया गया है. टिड्डी नियंत्रण मंडल की टीमें भी लगातार टिड्डियों को नष्ट करने में जुटी हैं.जानकारों का कहना है कि बारिश में टिड्डियों का प्रजनन काल होता है और जिले में बारिश का दौर शुरू हो चुका है. ऐसे में बिना किसी ठोस रणनीति के लगातार विकराल होती इस समस्या पर काबू पाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा.

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