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Khatu Shyam Mela 2023: कोलकाता-बेंगलुरु के इन फूलों से महकेगा खाटू श्याम मंदिर, हर दिन 100 किलो फूलों से होता है श्रृंगार

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Published : Feb 21, 2023, 8:54 PM IST

Updated : Feb 21, 2023, 10:49 PM IST

खाटू श्यामजी के मंदिर के मेले की तैयारियां पूरी हो चुकी है. इस बार यहां आने वाले भक्त कई बदलाव देखेंगे. साथ ही मंदिर की सजावट कोलकाता और बेंगलुरू के खास फूलों से होगी.

Khatu Shyam Mela 2023
कोलकाता-बेंगलुरु के फूलों से महकेगा खाटू श्याम मंदिर
कोलकाता-बेंगलुरु के फूलों से महकेगा खाटू श्याम मंदिर

अलवर. खाटू श्याम मेले की तैयारियां पूरी हो चुकी है. इस बार मंदिर में कई बड़े बदलाव किए गए हैं. वहीं, कोलकाता और बेंगलुरु के फूलों से बाबा श्याम के मंदिर को सजाया जा रहा है. बंगाल से आए विशेष कारीगर काम में लगे हुए हैं. मेले के दौरान 40 से 50 लाख लोगों के आने की संभावना है.

10 दिनों तक चलेगा खाटू श्याम का मेला: खाटू श्याम मंदिर के अध्यक्ष प्रताप सिंह चौहान ने कहा कि राजस्थान में ही नहीं पूरे देश में खाटू श्याम का मेला अपनी खास पहचान रखता है. करीब 10 दिनों तक चलने वाले इस मेले में देश-विदेश से 50 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है. श्याम मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. कोलकाता, बेंगलुरु और विदेशी फूलों से बाबा श्याम का श्रृंगार होगा. आमतौर पर दिल्ली के फूलों से बाबा का श्रृंगार किया जाता है, लेकिन मेले के दौरान खास फूल मंगवाए जाते हैं. प्रतिदिन हवाई जहाज से फूल जयपुर एयरपोर्ट पहुचते हैं और वहां से विशेष गाड़ी से खाटू आते हैं.

मंदिर समिति और श्रृंगार कार्य में लगे लोगों ने बताया कि करीब 100 किलो फूलों से बाबा का श्रृंगार किया जाता है तो पूरे खाटू मंदिर को बंगाली कारीगर सजाते हैं. हर साल बंगाली कारीगर ही मंदिर को सजाते हैं.

मंदिर से बाहर चढ़ेंगे निशानः प्रताप सिंह चौहान ने कहा कि मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु निशान लेकर मंदिर पहुंचते हैं, लेकिन अब श्रद्धालु मंदिर में निशान नहीं चढ़ा पाएंगे. मंदिर से बाहर ही निशान चढ़ाने की व्यवस्था की गई है. साथ ही प्रसाद चढ़ाने के लिए भी 35 से 40 ज्यादा जगह प्रसाद के बर्तन लगाए गए हैं. यहां श्रद्धालुओं को खुद ही अपना प्रसाद चढ़ाना होगा. मंदिर समिति की तरफ से लगातार लाउडस्पीकर की मदद से श्रद्धालुओं को प्रसाद खोल कर रखने और लाइनों में लगे बर्तनों में प्रसाद चढ़ाने की जानकारी दी जाएगी. इसके अलावा बीते सालों की तुलना में इस बार श्रद्धालु कम समय में बाबा के दर्शन कर पाएंगे. लखदातार मैदान में लगी जिक जैक लाइनों से गुजर कर मुख्य लाइनों में श्रद्धालु पहुंचेंगे. शुरुआत में 14 लाइनें तो फिर मंदिर के सामने 10 लाइनों से होकर श्रद्धालुओं को गुजरना होगा. मंदिर समिति के पदाधिकारियों का दावा है कि पहले की तुलना में आधे समय में श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर पाएंगे.

पढ़ें: Khatu Shyam Mela: 22 फरवरी से होगा मेले का आगाज, एक घंटे में लाखों श्रद्धालु कर सकेंगे बाबा श्याम के दर्शन

कोलकाता-बेंगलुरु के इन फूलों से होगा श्रृंगारः श्याम बाबा का श्रृंगार हमेशा पचरंगा होता है, उसमें सभी रंग मिले हुए होते हैं. कोलकाता से गुलाब, रजनीगंधा, बेला, स्टिक, ग्लेडियस, जरबेरा, आरकेट, लिली, घोड़ा पाम के पत्ते, गोल्डेन पत्ता, इलाइची पत्ता, जिप्सी, सनम इंडिया नाम के फूल और पत्ते आते हैं. इसी तरह से बेंगलुरु से सदाबहार, सूरजमुखी, गुल मेहंदी, कोसमोस, जीनिया, मोरकेस, सिलोसिया, गुलाब ताजमहल, डालिया, केलडोला, कैमेलिया, अमेरिकन आरौल मिली, गुलदावरी, गेंदा, लेटीवट, बेबी डॉल, पेंजी, स्ट्रॉबेरी, आर्किड फूलों की किस्म मंगाई जाती है. इसके अलावा थाईलैंड से एथनियम, आरगेट, जेजी के साथ ही गुलाब, लिली और गुलदावदी आदि फूल भी मंगवाए जाते हैं. यह फूल देखने में सुंदर होते हैं. साथ ही कई दिनों तक खराब नहीं होते हैं.

पश्चिम बंगाल के कारीगर करते हैं सजावटः पश्चिम बंगाल के कारीगर सजावटी काम में दक्ष होते हैं. देशभर में फूलों का बंगला बनाना हो या फूलों की विशेष सजावट हो. पश्चिम बंगाल के कारीगर ही बेहतर काम करते हैं. पूरे देश में उनकी डिमांड रहती है. विदेशों में भी पश्चिम बंगाल के कारीगर सजावट के लिए जाते हैं. वहां के कारीगर बारीक काम करते हैं.

पढ़ें: खाटूश्याम मंदिर के पट 85 दिन बाद खुले, सुरक्षा में 1100 RAC जवान तैनात, जानिए नई दर्शन व्यवस्था

श्याम बाबा के श्रृंगार का है खास महत्वः दिन में दो बार बाबा श्याम का श्रृंगार होता है. बाबा के श्रृंगार में प्रतिदिन नए फूल लगते हैं. आमतौर पर दिल्ली से श्रृंगार के लिए फूल आते हैं, लेकिन मेले के दौरान कलकत्ता बैंगलोर और विदेश से फूल मंगवाए जाते हैं. करीब 100 किलो फूलों से बाबा श्याम का श्रृंगार किया जाता है.

देश का सबसे बड़ा मेलाः बाबा श्याम का मेला देश का सबसे बड़ा मेला माना जाता है. मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इस बार 40 से 50 लाख लोगों के आने की संभावना है. पार्किंग के लिए भी अलग व्यवस्था की गई है. करीब 50 हजार वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था अलग-अलग जगह पर की गई है. इसके लिए अलग बैरिकेडिंग भी प्रशासन की तरफ से की जा रही है.

पढ़ें: भगवान खाटू श्याम के भक्तों का इंतजार खत्म, जानें कब खुलेगा मंदिर का द्वार?

दिव्यांगों के लिए अलग लाइन की व्यवस्थाः मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि दिव्यांगों के लिए अलग लाइन की व्यवस्था की गई है. मंदिर में सबसे पहली लाइन दिव्यांगों के लिए रहेगी. साथ ही मंदिर में आने वाले श्रद्धालु बाबा श्याम के परिक्रमा नहीं लगा सकेंगे. एक बार लाइन में प्रवेश करने के बाद एग्जिट तक उसी लाइन में चलना होगा. लाइन बदलने की भी कोई व्यवस्था नहीं है. सभी लाइनों में श्रद्धालुओं को बाबा श्याम के दर्शन होंगे, क्योंकि लाइनों को आगे पीछे ऊंचाई के हिसाब से बनाया गया है. मंदिर समिति की तरफ से दानपात्र भी लगाए गए हैं. बाबा श्याम और श्रद्धालुओं के बीच कांच की एक दीवार होगी. दरसअल, मंदिर के सामने एक कांच की लेयर लगाई गई है.

कोलकाता-बेंगलुरु के फूलों से महकेगा खाटू श्याम मंदिर

अलवर. खाटू श्याम मेले की तैयारियां पूरी हो चुकी है. इस बार मंदिर में कई बड़े बदलाव किए गए हैं. वहीं, कोलकाता और बेंगलुरु के फूलों से बाबा श्याम के मंदिर को सजाया जा रहा है. बंगाल से आए विशेष कारीगर काम में लगे हुए हैं. मेले के दौरान 40 से 50 लाख लोगों के आने की संभावना है.

10 दिनों तक चलेगा खाटू श्याम का मेला: खाटू श्याम मंदिर के अध्यक्ष प्रताप सिंह चौहान ने कहा कि राजस्थान में ही नहीं पूरे देश में खाटू श्याम का मेला अपनी खास पहचान रखता है. करीब 10 दिनों तक चलने वाले इस मेले में देश-विदेश से 50 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है. श्याम मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. कोलकाता, बेंगलुरु और विदेशी फूलों से बाबा श्याम का श्रृंगार होगा. आमतौर पर दिल्ली के फूलों से बाबा का श्रृंगार किया जाता है, लेकिन मेले के दौरान खास फूल मंगवाए जाते हैं. प्रतिदिन हवाई जहाज से फूल जयपुर एयरपोर्ट पहुचते हैं और वहां से विशेष गाड़ी से खाटू आते हैं.

मंदिर समिति और श्रृंगार कार्य में लगे लोगों ने बताया कि करीब 100 किलो फूलों से बाबा का श्रृंगार किया जाता है तो पूरे खाटू मंदिर को बंगाली कारीगर सजाते हैं. हर साल बंगाली कारीगर ही मंदिर को सजाते हैं.

मंदिर से बाहर चढ़ेंगे निशानः प्रताप सिंह चौहान ने कहा कि मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु निशान लेकर मंदिर पहुंचते हैं, लेकिन अब श्रद्धालु मंदिर में निशान नहीं चढ़ा पाएंगे. मंदिर से बाहर ही निशान चढ़ाने की व्यवस्था की गई है. साथ ही प्रसाद चढ़ाने के लिए भी 35 से 40 ज्यादा जगह प्रसाद के बर्तन लगाए गए हैं. यहां श्रद्धालुओं को खुद ही अपना प्रसाद चढ़ाना होगा. मंदिर समिति की तरफ से लगातार लाउडस्पीकर की मदद से श्रद्धालुओं को प्रसाद खोल कर रखने और लाइनों में लगे बर्तनों में प्रसाद चढ़ाने की जानकारी दी जाएगी. इसके अलावा बीते सालों की तुलना में इस बार श्रद्धालु कम समय में बाबा के दर्शन कर पाएंगे. लखदातार मैदान में लगी जिक जैक लाइनों से गुजर कर मुख्य लाइनों में श्रद्धालु पहुंचेंगे. शुरुआत में 14 लाइनें तो फिर मंदिर के सामने 10 लाइनों से होकर श्रद्धालुओं को गुजरना होगा. मंदिर समिति के पदाधिकारियों का दावा है कि पहले की तुलना में आधे समय में श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर पाएंगे.

पढ़ें: Khatu Shyam Mela: 22 फरवरी से होगा मेले का आगाज, एक घंटे में लाखों श्रद्धालु कर सकेंगे बाबा श्याम के दर्शन

कोलकाता-बेंगलुरु के इन फूलों से होगा श्रृंगारः श्याम बाबा का श्रृंगार हमेशा पचरंगा होता है, उसमें सभी रंग मिले हुए होते हैं. कोलकाता से गुलाब, रजनीगंधा, बेला, स्टिक, ग्लेडियस, जरबेरा, आरकेट, लिली, घोड़ा पाम के पत्ते, गोल्डेन पत्ता, इलाइची पत्ता, जिप्सी, सनम इंडिया नाम के फूल और पत्ते आते हैं. इसी तरह से बेंगलुरु से सदाबहार, सूरजमुखी, गुल मेहंदी, कोसमोस, जीनिया, मोरकेस, सिलोसिया, गुलाब ताजमहल, डालिया, केलडोला, कैमेलिया, अमेरिकन आरौल मिली, गुलदावरी, गेंदा, लेटीवट, बेबी डॉल, पेंजी, स्ट्रॉबेरी, आर्किड फूलों की किस्म मंगाई जाती है. इसके अलावा थाईलैंड से एथनियम, आरगेट, जेजी के साथ ही गुलाब, लिली और गुलदावदी आदि फूल भी मंगवाए जाते हैं. यह फूल देखने में सुंदर होते हैं. साथ ही कई दिनों तक खराब नहीं होते हैं.

पश्चिम बंगाल के कारीगर करते हैं सजावटः पश्चिम बंगाल के कारीगर सजावटी काम में दक्ष होते हैं. देशभर में फूलों का बंगला बनाना हो या फूलों की विशेष सजावट हो. पश्चिम बंगाल के कारीगर ही बेहतर काम करते हैं. पूरे देश में उनकी डिमांड रहती है. विदेशों में भी पश्चिम बंगाल के कारीगर सजावट के लिए जाते हैं. वहां के कारीगर बारीक काम करते हैं.

पढ़ें: खाटूश्याम मंदिर के पट 85 दिन बाद खुले, सुरक्षा में 1100 RAC जवान तैनात, जानिए नई दर्शन व्यवस्था

श्याम बाबा के श्रृंगार का है खास महत्वः दिन में दो बार बाबा श्याम का श्रृंगार होता है. बाबा के श्रृंगार में प्रतिदिन नए फूल लगते हैं. आमतौर पर दिल्ली से श्रृंगार के लिए फूल आते हैं, लेकिन मेले के दौरान कलकत्ता बैंगलोर और विदेश से फूल मंगवाए जाते हैं. करीब 100 किलो फूलों से बाबा श्याम का श्रृंगार किया जाता है.

देश का सबसे बड़ा मेलाः बाबा श्याम का मेला देश का सबसे बड़ा मेला माना जाता है. मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इस बार 40 से 50 लाख लोगों के आने की संभावना है. पार्किंग के लिए भी अलग व्यवस्था की गई है. करीब 50 हजार वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था अलग-अलग जगह पर की गई है. इसके लिए अलग बैरिकेडिंग भी प्रशासन की तरफ से की जा रही है.

पढ़ें: भगवान खाटू श्याम के भक्तों का इंतजार खत्म, जानें कब खुलेगा मंदिर का द्वार?

दिव्यांगों के लिए अलग लाइन की व्यवस्थाः मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि दिव्यांगों के लिए अलग लाइन की व्यवस्था की गई है. मंदिर में सबसे पहली लाइन दिव्यांगों के लिए रहेगी. साथ ही मंदिर में आने वाले श्रद्धालु बाबा श्याम के परिक्रमा नहीं लगा सकेंगे. एक बार लाइन में प्रवेश करने के बाद एग्जिट तक उसी लाइन में चलना होगा. लाइन बदलने की भी कोई व्यवस्था नहीं है. सभी लाइनों में श्रद्धालुओं को बाबा श्याम के दर्शन होंगे, क्योंकि लाइनों को आगे पीछे ऊंचाई के हिसाब से बनाया गया है. मंदिर समिति की तरफ से दानपात्र भी लगाए गए हैं. बाबा श्याम और श्रद्धालुओं के बीच कांच की एक दीवार होगी. दरसअल, मंदिर के सामने एक कांच की लेयर लगाई गई है.

Last Updated : Feb 21, 2023, 10:49 PM IST
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