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जहां पत्नी की हादसे में हुई थी मौत, उस जगह पति ने बनवाया बालाजी का मंदिर

सीकर के फतेहपुर में एक पति ने अनोखी पहल की है. जिस जगह पर दो महीने पहले पत्नी की मौत हुई थी, वहीं उन्होंने बालाजी का मंदिर बना दिया. इस कड़ी में रविवार को मंदिर परिक्षेत्र में हवन किया गया और मंत्रोच्चार के बीच बालाजी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई.

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Published : Oct 13, 2019, 9:21 PM IST

Balaji temple, बालाजी का मंदिर

फतेहपुर (सीकर). शहर में सालासर बालाजी में लोगों की आस्था इस कदर है कि हरियाणा के जिंद निवासी जितेन्द्र कौशिक बीते 16 अगस्त को अपने परिवार सहित सालासर बालाजी में सवामणी करने के लिए जा रहे थे, तभी अचानक फतेहपुर से निकलते ही उनकी कार ट्रोले से जा टकराई. वहीं इस हादसे में उनकी पत्नी सुनीता कौशिक की मौके पर ही मौत हो गई.

पत्नी की जहां मौत हुई वही बना दिया बालाजी का मंदिर

ऐसे में कौशिक अपनी पत्नी के गम से बाहर निकले ही थे कि उनके मन में ख्याल आया कि जहां पत्नी की मौत हुई है, वहां पर बालाजी का मंदिर ही बना दिया जाए. जिससे सालासर जाने वाले श्रद्धालुओं के साथ आए दिन हो रही दुर्घटनाओं में कमी आ सके.

इस संबंध में उन्होंने पास ही स्थित खेत के मालिक सतपाल और महेन्द्र थालौड़ से इस संदर्भ में बातचीत की तो उन्होंने मंदिर के लिए नि:शुल्क भूमि उपलब्ध करवा दी. वहीं भूमि मिलते ही कौशिक ने बालाजी का मंदिर बनवा दिया.

पढ़े: SDM ने इटावा अस्पताल का किया निरीक्षण, अव्यवस्थाओं पर जताई नाराजगी

ऐसें में शनिवार को मंदिर परिक्षेत्र में हवन किया गया और शरद पूर्णिमा को मंत्रोच्चार के बीच बालाजी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इस अवसर पर सदर थानाधिकारी आलोक पूनिया, रमेश भोजक, घीसाराम, सतपाल, महेन्द्र सहित परिवारजन मौजूद रहे.

फतेहपुर (सीकर). शहर में सालासर बालाजी में लोगों की आस्था इस कदर है कि हरियाणा के जिंद निवासी जितेन्द्र कौशिक बीते 16 अगस्त को अपने परिवार सहित सालासर बालाजी में सवामणी करने के लिए जा रहे थे, तभी अचानक फतेहपुर से निकलते ही उनकी कार ट्रोले से जा टकराई. वहीं इस हादसे में उनकी पत्नी सुनीता कौशिक की मौके पर ही मौत हो गई.

पत्नी की जहां मौत हुई वही बना दिया बालाजी का मंदिर

ऐसे में कौशिक अपनी पत्नी के गम से बाहर निकले ही थे कि उनके मन में ख्याल आया कि जहां पत्नी की मौत हुई है, वहां पर बालाजी का मंदिर ही बना दिया जाए. जिससे सालासर जाने वाले श्रद्धालुओं के साथ आए दिन हो रही दुर्घटनाओं में कमी आ सके.

इस संबंध में उन्होंने पास ही स्थित खेत के मालिक सतपाल और महेन्द्र थालौड़ से इस संदर्भ में बातचीत की तो उन्होंने मंदिर के लिए नि:शुल्क भूमि उपलब्ध करवा दी. वहीं भूमि मिलते ही कौशिक ने बालाजी का मंदिर बनवा दिया.

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ऐसें में शनिवार को मंदिर परिक्षेत्र में हवन किया गया और शरद पूर्णिमा को मंत्रोच्चार के बीच बालाजी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इस अवसर पर सदर थानाधिकारी आलोक पूनिया, रमेश भोजक, घीसाराम, सतपाल, महेन्द्र सहित परिवारजन मौजूद रहे.

Intro:Body:फतेहपुर (सीकर). सालासर बालाजी में लोगों की इस कदर आस्था है कि हरियाणा के जिंद निवासी जितेन्द्र कौशिक अगस्त महिने में अपने परिवार सहित सालासर बालाजी के सवामणी करने के लिए जा रहा था कि फतेहपुर से निकलते ही उनकी कार ट्रोले से टकरा गई जिससे उनकी पत्नी सुनीता कौशिक की मौत हो गई. कौशिक अपनी पत्नी के गम से बाहर ही निकले थे कि मन में ख्याल आया कि जहां पत्नी की मौत हुई है वहां पर बालाजी का मंदिर ही बना दें जिससे सालासर जाने वाले श्रद्धालुओं के साथ आये दिन हो रही ही दुर्घटनाओं में कमी आ सके. इस संबंध में पास ही स्थित खेत के मालिक सतपाल और महेन्द्र थालौड़ से बातचीत हुई तो उन्होंने मंदिर के लिए नि:शुल्क भूमि उपलब्ध करवा दी. भूमि उपलब्ध होते ही कौशिक ने बालाजी का मंदिर बनवा दिया. मंदिर परिक्षेत्र में हवन किया गया और शरद पूर्णिमा को मंत्रोच्चार के बीच बालाजी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इस अवसर पर सदर थानाधिकारी आलोक पूनियां, रमेश भोजक, घीसाराम, सतपाल, महेन्द्र सहित परिवारजन मौजूद रहे.

Conclusion:बाइट जितेंद्र कौशिक
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