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खाटूश्यामजी में श्याम भक्त और बाबा श्याम के बीच कोरोना रिपोर्ट बनी लक्ष्मण रेखा

सीकर जिले के दांतारामगढ़ ब्लॉक के खाटूश्यामजी में बाबा श्याम के वार्षिक लक्खी फाल्गुन मेला के तीसरे दिन शुक्रवार को भी दिन भर नीरसता का माहौल ही दिखा. जहां हर वर्ष मेला धीरे-धीरे अपनी रंगत में रंगता था. वहीं इस बार कोरोना की जांच ने श्याम भक्तों व भगवान के बीच लक्ष्मण रेखा खींच दी है.

Khatushyamji fair, Corona in Rajasthan
खाटूश्यामजी में श्याम भक्त और बाबा श्याम के बीच कोरोना रिपोर्ट बनी लक्ष्मण रेखा
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Published : Mar 20, 2021, 7:55 AM IST

सीकर. जिला दांतारामगढ़ ब्लॉक के खाटूश्यामजी में बाबा श्याम के वार्षिक लक्खी फाल्गुन मेला के तीसरे दिन शुक्रवार को भी दिनभर नीरसता का माहौल ही दिखा. जहां हर वर्ष मेला धीरे-धीरे अपनी रंगत में रंगता था. वहीं इस बार कोरोना की जांच ने श्याम भक्तों व भगवान के बीच लक्ष्मण रेखा खींच दी है.

खाटूश्यामजी में श्याम भक्त और बाबा श्याम के बीच कोरोना रिपोर्ट बनी लक्ष्मण रेखा

प्रवासी राजस्थानी श्याम भक्त इस बार अपने घरों से ही नहीं निकल रहे है, हालांकि जो भी श्याम भक्त खाटूश्यामजी आ रहे हैं. वे श्याम भक्त कोरोना की जांच लेकर आ रहे हैं और जिन भक्तों के पास कोविड जांच नहीं मिल रही हैं, उन्हें बिना दर्शन किए ही लौटना पड़ रहा है. पिछले तीन दिन में श्याम भक्तों की संख्या से अधिक तो पुलिस, प्रशासन के कर्मचारी अधिकारी नजर आ रहे हैं.

मेले में शुक्रवार को सैकड़ों श्याम भक्त कोविड टेस्ट व ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की बाधा को पार करते हुए बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए खाटूधाम पहुंचे. बाबा श्याम के जयकारे लगाते नाचते गाते शीश के दानी की मनमोहक झलक पाकर दीदार किया. मेले के दौरान व्यवस्था पर नजर रखे मेला मजिस्ट्रेट अशोक रणवां ने बताया कि बाबा श्याम के आने वाले भक्तों को सुगमता से दर्शन करवाए जा रहे हैं. मुख्य रूप से तीन स्थानों पर कोविड जांच के बाद दर्शन के लिए भेजा जा रहा है. एसडीएम ने बताया कि देश में कोरोना की दूसरी लहर की संभावना के मद्देनजर इस बार श्याम भक्त कम आ रहे हैं, लेकिन फिर भी प्रशासन ने सभी व्यवस्था मुस्तैदी से की है.

पढ़ें- जयपुर: शादी का झांसा देकर मुंबई की युवती के साथ दुष्कर्म का मामला, आरोपी फरार

कोरोना जांच की अनिवार्यता खत्म करने की मांग-बाबा श्याम का लक्खी मेला इस बार फीका दिखाई दे रहा है. जिसके चलते व्यापारी वर्ग मे भी मायूसी छाई हुई है. स्थानीय लोगों के साथ ही श्याम भक्त भी सोशलमीडिया के माध्यम से सरकार से कोरोना की जांच की अनिवार्यता खत्म करने की मांग कर रहे है.

भण्डारों पर रोक लगाने से नहीं लगे सेवा शिविर-बाबा श्याम के लक्खी मेले में रींगस से खाटूधाम के बीच प्रतिवर्ष विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा पग पग पर भण्डारे लगाए जाते थे. इन भण्डारों के साथ ही आने वाले पदयात्रियों की सेवा की जाती थी, लेकिन इस बार प्रशासन द्वारा कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाते हुए भण्डारे लगाने पर रोक लगा दी. जिसके चलते रींगस से खाटूश्यामजी के बीच मायूसी सी नजर आ रही है. जहां प्रति वर्ष इन सेवा शिविरों में लोग नाचते गाते सेवा भक्ति आस्था के साथ आगे बढते थे, तब रींगस से खाटू की 17 किलोमीटर की दूरी महसूस भी नहीं होती थी.

लोगों में मेले को लेकर अभी भी संशय बरकरार-वैसे तो बाबा श्याम का वार्षिक लक्खी मेला विधिवत रूप से शुरू हो गया है, लेकिन स्थानीय लोगों व भक्तों में मेले को लेकर भिन्न-भिन्न कयास लगाए जा रहे हैं. लोगों के मन मे मेले की दिशा को लेकर अभी संशय बरकरार है.

गौरतलब है कि दो दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्यों के मुख्यमंत्री से संवाद के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का बयान आने के बाद लोग मेले को लेकर चिंतित हैं. पिछले दो दिन में प्रदेश में बढ़े कोरोना के मरीजों को देखते हुए सरकार नाइट कर्फ्यू लगाने पर विचार कर रही है. ऐसी स्थिति में स्थानीय दुकानदारों व भक्तों मे चर्चा होना लाजमी है.

सीकर. जिला दांतारामगढ़ ब्लॉक के खाटूश्यामजी में बाबा श्याम के वार्षिक लक्खी फाल्गुन मेला के तीसरे दिन शुक्रवार को भी दिनभर नीरसता का माहौल ही दिखा. जहां हर वर्ष मेला धीरे-धीरे अपनी रंगत में रंगता था. वहीं इस बार कोरोना की जांच ने श्याम भक्तों व भगवान के बीच लक्ष्मण रेखा खींच दी है.

खाटूश्यामजी में श्याम भक्त और बाबा श्याम के बीच कोरोना रिपोर्ट बनी लक्ष्मण रेखा

प्रवासी राजस्थानी श्याम भक्त इस बार अपने घरों से ही नहीं निकल रहे है, हालांकि जो भी श्याम भक्त खाटूश्यामजी आ रहे हैं. वे श्याम भक्त कोरोना की जांच लेकर आ रहे हैं और जिन भक्तों के पास कोविड जांच नहीं मिल रही हैं, उन्हें बिना दर्शन किए ही लौटना पड़ रहा है. पिछले तीन दिन में श्याम भक्तों की संख्या से अधिक तो पुलिस, प्रशासन के कर्मचारी अधिकारी नजर आ रहे हैं.

मेले में शुक्रवार को सैकड़ों श्याम भक्त कोविड टेस्ट व ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की बाधा को पार करते हुए बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए खाटूधाम पहुंचे. बाबा श्याम के जयकारे लगाते नाचते गाते शीश के दानी की मनमोहक झलक पाकर दीदार किया. मेले के दौरान व्यवस्था पर नजर रखे मेला मजिस्ट्रेट अशोक रणवां ने बताया कि बाबा श्याम के आने वाले भक्तों को सुगमता से दर्शन करवाए जा रहे हैं. मुख्य रूप से तीन स्थानों पर कोविड जांच के बाद दर्शन के लिए भेजा जा रहा है. एसडीएम ने बताया कि देश में कोरोना की दूसरी लहर की संभावना के मद्देनजर इस बार श्याम भक्त कम आ रहे हैं, लेकिन फिर भी प्रशासन ने सभी व्यवस्था मुस्तैदी से की है.

पढ़ें- जयपुर: शादी का झांसा देकर मुंबई की युवती के साथ दुष्कर्म का मामला, आरोपी फरार

कोरोना जांच की अनिवार्यता खत्म करने की मांग-बाबा श्याम का लक्खी मेला इस बार फीका दिखाई दे रहा है. जिसके चलते व्यापारी वर्ग मे भी मायूसी छाई हुई है. स्थानीय लोगों के साथ ही श्याम भक्त भी सोशलमीडिया के माध्यम से सरकार से कोरोना की जांच की अनिवार्यता खत्म करने की मांग कर रहे है.

भण्डारों पर रोक लगाने से नहीं लगे सेवा शिविर-बाबा श्याम के लक्खी मेले में रींगस से खाटूधाम के बीच प्रतिवर्ष विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा पग पग पर भण्डारे लगाए जाते थे. इन भण्डारों के साथ ही आने वाले पदयात्रियों की सेवा की जाती थी, लेकिन इस बार प्रशासन द्वारा कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाते हुए भण्डारे लगाने पर रोक लगा दी. जिसके चलते रींगस से खाटूश्यामजी के बीच मायूसी सी नजर आ रही है. जहां प्रति वर्ष इन सेवा शिविरों में लोग नाचते गाते सेवा भक्ति आस्था के साथ आगे बढते थे, तब रींगस से खाटू की 17 किलोमीटर की दूरी महसूस भी नहीं होती थी.

लोगों में मेले को लेकर अभी भी संशय बरकरार-वैसे तो बाबा श्याम का वार्षिक लक्खी मेला विधिवत रूप से शुरू हो गया है, लेकिन स्थानीय लोगों व भक्तों में मेले को लेकर भिन्न-भिन्न कयास लगाए जा रहे हैं. लोगों के मन मे मेले की दिशा को लेकर अभी संशय बरकरार है.

गौरतलब है कि दो दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्यों के मुख्यमंत्री से संवाद के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का बयान आने के बाद लोग मेले को लेकर चिंतित हैं. पिछले दो दिन में प्रदेश में बढ़े कोरोना के मरीजों को देखते हुए सरकार नाइट कर्फ्यू लगाने पर विचार कर रही है. ऐसी स्थिति में स्थानीय दुकानदारों व भक्तों मे चर्चा होना लाजमी है.

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