सीकर. पिछले मानसून सीजन में सीकर में बने बाढ़ के हालात किसी से छिपी नहीं है. अच्छी बरसात होने के बाद एक बार तो हालात इस कदर बिगड़े थे कि प्रशासन के पास भी कोई चारा नहीं था. इसके लिए जयपुर से एनडीआरएफ और राहत टीमें बुलानी पड़ी थी. इसके बाद भी सीकर में पानी निकासी नहीं हो पाई थी.
उस वक्त दावा किया गया था कि अगले मानसून तक सब कुछ ठीक कर दिया जाएगा. साथ ही कहा था कि इसके लिए शहर में करोड़ों रुपए के काम होंगे, लेकिन आज भी सीकर के हालात कोई ज्यादा अच्छे नहीं है. अगर फिर से उसी तरह की बारिश होती है, तो फिर से हालात बिगड़ेंगे. क्योंकि, 1 महीने में मानसून सीजन शुरू हो जाएगा और तब तक प्रोजेक्ट पूरे होना मुमकिन नहीं है.
कई बड़े प्रोजेक्ट बनाए लेकिन पूरे नहीं हुए
पिछली बार बने हालातों से सबक लेते हुए सीकर नगर परिषद ने कई बड़े प्रोजेक्ट बनाए. शहर में सबसे ज्यादा पानी बजाज रोड और नवलगढ़ रोड इलाके में भरता है और यहां से पानी की निकासी का भी जरिया भी नहीं है. इसके लिए बजाज रोड के बीचो-बीच नीचे सीवरेज लाइन और ऊपर ड्रेनेज डालने का काम शुरू हुआ और यह ड्रेनेज केवल बरसात के पानी के लिए है, लेकिन 6 महीने से सड़क को खोद कर रखा हुआ है.
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बता दें कि यह काम आज तक पूरा नहीं हुआ, जबकि अगले महीने से बरसात का सीजन शुरू होने वाला है. वहीं, नवलगढ़ रोड के लिए 8 करोड़ का पैकेज बनाकर सरकार को भेजा गया. लेकिन अभी तक उसका बजट नहीं मिला है, इस वजह से नवलगढ़ रोड पर इस बार के हालात भी खराब ही रहने वाले है.
नगर परिषद का दावा, सब कुछ हो जाएगा पूरा
उधर, नगर परिषद यह दावा कर रही है कि सीकर शहर में नालों की सफाई करवा दी गई है और जो प्रोजेक्ट अधूरे हैं, उनका काम भी लॉकडाउन की वजह से रुक गया था, जो अब फिर से शुरू कर दिया गया है. बरसात के सीजन से पहले सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन 1 महीने में इतना काम हो पाना मुमकिन नहीं है.