फतेहपुर (सीकर). प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत ग्राम विकास योजना बनाने में पंचायत समिति की सहनुसर ग्राम पंचायत का खरेंटा की ढाणी गांव देश का पहला गांव बन गया है, जिसके लिए सबसे पहले 'ग्राम विकास प्लान' बनकर तैयार हो चुका है. इसके बाद गांव पालास भी राज्य में दूसरा ऐसा गांव है, जिसका ग्राम विकास प्लान तैयार किया जा चुका है.
पंचायत प्रसार अधिकारी मनोहरलाल शर्मा ने बताया कि अनूसुचित जाति बाहुल्य गांवों के विकास के लिए प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना चल रही है. इस योजना के तहत फतेहपुर पंचायत समिति क्षेत्र के दो गांवों का चयन हुआ है. इस योजना के तहत चयन होने के बाद पंचायत समिति के 'खरेंटा की ढाणी' और 'पालास ग्राम' के विकास के अतिरिक्त कार्य करवाए जाने हैं. इसे लेकर हर परिवार के हिसाब से विभिन्न बिंदुओं पर सर्वे करना होता है. पूरे देश के चयनित गांवों में खरेंटा की ढाणी का ग्राम विकास प्लान सबसे पहले तैयार हुआ है. वहीं इसके साथ ही पालास ग्राम दूसरे स्थान पर रहा है.
सीकर जिले के 9 गांवों का हुआ है चयन
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत सीकर जिले के नौ गांवों का चयन किया गया है. नौ गांवों में सर्वे होकर पहले ब्लॉक स्तर पर ग्राम विकास योजना तैयार होती है. फिर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में विकास योजना का अनुमोदन किया जाता है. जिला कलेक्टर के माध्यम से योजना राज्य सरकार को भिजवाई जाती है.
एक पंचायत को मिलेगी राशि 20 लाख से अधिक की राशि
- इस योजना के तहत चिकित्सा, शिक्षा, पेयजल सहित कई बिदुंओं को लेकर सर्वे करवाया जाता है.
- सर्वे के बाद वीडीपी तैयार की जाती है.
- उस वीडीपी के आधार पर सरकार की ओर से विकास के लिए ग्राम को करीबन 20 लाख से अधिक की अतिरिक्त राशि मिलेगी.
- इससे वीडीपी में लिए गए कार्यों को करवाया जा सकेगा.
क्या है प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत देश के अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों के विकास के लिए चलाई जा रही है. यह योजना भारत सरकार की ओर से देश के 25 राज्यों में संचालित की जा रही है. इसमें 548 जिलों के 7776 ग्रामों का चयन किया गया है. इनके विकास के लिए सभी योजनाओं और बजट के अतिरिक्त 61363 लाख रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैं.