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सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट: अश्विनी वैष्णव बोले- इस पर सख्त कानून बनाना चाहिए - ASHWINI VAISHNAW

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सोशल मीडिया प्रेस की आजादी का बहुत बड़ा माध्यम बन गया है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 27, 2024, 2:02 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को सोशल मीडिया में 'अश्लील कंटेंट' पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानून बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि भारत और जिन देशों से ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आए हैं, उनकी संस्कृति में अंतर है.

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सांसद अरुण गोविल द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि संसद की स्थायी समिति को इस मुद्दे को उठाना चाहिए और इस पर सख्त कानून बनाना चाहिए.

'संसद की स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए'
उन्होंने कहा, "हमारे देश और जिन देशों से ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आए हैं, उनकी संस्कृति में बहुत अंतर है. इसलिए इस तरह की बहस कई अन्य देशों में भी उठी है. इसलिए मैं चाहूंगा कि संसद की स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए और इस संबंध में सख्त कानून बनाए जाएं."

'एडिटोरियल चेक खत्म हो गया है'
वैष्णव ने कहा कि यह मुद्दा कंटेंट पर की जाने वाली एडिटोरियल चेक के खत्म होने के कारण है, जिसने प्रेस की स्वतंत्रता प्रदान करते हुए अश्लील कंटेंट की अनियंत्रित अभिव्यक्ति में भूमिका निभाई है. यह विषय वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण है. पहले जिस तरह से एडिटोरियल चेक हुआ करता था, उसकी जांच होती थी, कोई चीज सही है या गलत है, इस बारे में पूरा निर्णय लिया जाता था, वह आज खत्म हो गया है.

सोशल मीडिया प्रेस की आजादी का माध्यम
आज एक तरफ सोशल मीडिया प्रेस की आजादी का बहुत बड़ा माध्यम बन गया है, लेकिन दूसरी तरफ उस संपादकीय जांच के खत्म होने से यह एक अनियंत्रित अभिव्यक्ति है, जिसमें कई तरह की अश्लील कंटेंट भी चलते हैं. मौजूदा कानून को निश्चित रूप से और मजबूत करने की जरूरत है और मैं अनुरोध करूंगा कि इस पर आम सहमति बनाई जानी चाहिए.

इस बीच, अडाणी अभियोग समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की विपक्ष की मांग को लेकर भारी हंगामे के बीच बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. इतना ही नहीं राज्यसभा की कार्यवाही भी दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई.

यह भी पढ़ें- शीतकालीन सत्र 2024 में पेश होंगे ये 5 नए बिल, क्या वक्फ संशोधन बिल हो पाएगा पारित?

नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को सोशल मीडिया में 'अश्लील कंटेंट' पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानून बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि भारत और जिन देशों से ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आए हैं, उनकी संस्कृति में अंतर है.

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सांसद अरुण गोविल द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि संसद की स्थायी समिति को इस मुद्दे को उठाना चाहिए और इस पर सख्त कानून बनाना चाहिए.

'संसद की स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए'
उन्होंने कहा, "हमारे देश और जिन देशों से ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आए हैं, उनकी संस्कृति में बहुत अंतर है. इसलिए इस तरह की बहस कई अन्य देशों में भी उठी है. इसलिए मैं चाहूंगा कि संसद की स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए और इस संबंध में सख्त कानून बनाए जाएं."

'एडिटोरियल चेक खत्म हो गया है'
वैष्णव ने कहा कि यह मुद्दा कंटेंट पर की जाने वाली एडिटोरियल चेक के खत्म होने के कारण है, जिसने प्रेस की स्वतंत्रता प्रदान करते हुए अश्लील कंटेंट की अनियंत्रित अभिव्यक्ति में भूमिका निभाई है. यह विषय वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण है. पहले जिस तरह से एडिटोरियल चेक हुआ करता था, उसकी जांच होती थी, कोई चीज सही है या गलत है, इस बारे में पूरा निर्णय लिया जाता था, वह आज खत्म हो गया है.

सोशल मीडिया प्रेस की आजादी का माध्यम
आज एक तरफ सोशल मीडिया प्रेस की आजादी का बहुत बड़ा माध्यम बन गया है, लेकिन दूसरी तरफ उस संपादकीय जांच के खत्म होने से यह एक अनियंत्रित अभिव्यक्ति है, जिसमें कई तरह की अश्लील कंटेंट भी चलते हैं. मौजूदा कानून को निश्चित रूप से और मजबूत करने की जरूरत है और मैं अनुरोध करूंगा कि इस पर आम सहमति बनाई जानी चाहिए.

इस बीच, अडाणी अभियोग समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की विपक्ष की मांग को लेकर भारी हंगामे के बीच बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. इतना ही नहीं राज्यसभा की कार्यवाही भी दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई.

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