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सूदखोरी और मारपीट करने के मामले में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

सीकर के नीमकाथाना में रोहित कुमार मित्तल ने सूदखोरी और मारपीट को लेकर चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

सूदखोरी मामले में लोगों पर मामला दर्ज, Case registered against people in usury case
सूदखोरी मामले में लोगों पर मामला दर्ज
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Published : May 30, 2021, 10:01 AM IST

नीमकाथाना (सीकर). क्षेत्र में सूदखोरी और मारपीट को लेकर चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. बता दें कि शहर में सूदखोरों का आंतक लगातार बढ़ता जा रहा है.

शहर के ही रोहित कुमार मित्तल ने कोतवाली थाने में यह मामला दर्ज कराया है. जिसमे बताया गया है कि सूदखोर से कुछ लेन देन किया था. जिसका पैसा अदा भी कर दिया. पैसों के बदले स्टॉम्प, बैंक चेक गिरवी रखे थे, गिरवी रखे कागजात वापस लेने नहीं दे रहे, साथ ही मारपीट कर जान से मारने की धमकी दे रहे है. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

पढ़ें- आयुर्वेद संगठनों का रामदेव को नैतिक समर्थन, कोविड प्रोटोकॉल में आयुर्वेदिक औषधियां शामिल करने को चलेगा अभियान

बैंकों में आठ साल में दोगुना, लेकिन सुद का पैसा एक साल में हो जाता है दोगुना

सूदखोरी का गणित कुछ ऐसे समझिए कि बैंक में जमा किया गया धन भले ही आठ साल में दोगुना होता हो, लेकिन सूदखोर जो रुपये देता है, वह सिर्फ एक साल में दोगुना हो जाता है. यानी साल भर में मूल रकम के बराबर एक और रकम तैयार हो जाती है. सूदखोरों के खेल में ज्यादातर ऐसे लोग फंसते हैं, जो ऊपर तक अपनी आवाज नहीं पहुंचा पाते हैं. इनसे वसूली करना सूदखोरों के लिए कोई मुश्किल काम नहीं होता है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ निचले तबके के ही लोग सूदखोरों के पास जाते हैं, उच्च वर्ग के लोग भी विलासितापूर्ण जीवन के लिए सूदखोरों से रुपये कर्ज लेते हैं और बाद में चुकाते-चुकाते खुद बदहाल हो जाते हैं.

नीमकाथाना (सीकर). क्षेत्र में सूदखोरी और मारपीट को लेकर चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. बता दें कि शहर में सूदखोरों का आंतक लगातार बढ़ता जा रहा है.

शहर के ही रोहित कुमार मित्तल ने कोतवाली थाने में यह मामला दर्ज कराया है. जिसमे बताया गया है कि सूदखोर से कुछ लेन देन किया था. जिसका पैसा अदा भी कर दिया. पैसों के बदले स्टॉम्प, बैंक चेक गिरवी रखे थे, गिरवी रखे कागजात वापस लेने नहीं दे रहे, साथ ही मारपीट कर जान से मारने की धमकी दे रहे है. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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बैंकों में आठ साल में दोगुना, लेकिन सुद का पैसा एक साल में हो जाता है दोगुना

सूदखोरी का गणित कुछ ऐसे समझिए कि बैंक में जमा किया गया धन भले ही आठ साल में दोगुना होता हो, लेकिन सूदखोर जो रुपये देता है, वह सिर्फ एक साल में दोगुना हो जाता है. यानी साल भर में मूल रकम के बराबर एक और रकम तैयार हो जाती है. सूदखोरों के खेल में ज्यादातर ऐसे लोग फंसते हैं, जो ऊपर तक अपनी आवाज नहीं पहुंचा पाते हैं. इनसे वसूली करना सूदखोरों के लिए कोई मुश्किल काम नहीं होता है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ निचले तबके के ही लोग सूदखोरों के पास जाते हैं, उच्च वर्ग के लोग भी विलासितापूर्ण जीवन के लिए सूदखोरों से रुपये कर्ज लेते हैं और बाद में चुकाते-चुकाते खुद बदहाल हो जाते हैं.

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