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स्पेशल: यहां तो हाल-बेहाल, CHC के पीछे खुलेआम गलियों में फेंका जा रहा Biomedical waste

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Published : Feb 14, 2020, 10:37 PM IST

चौहटन कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बायोमेडिकल कचरे के निस्तारण की व्यवस्था है. इसके बावजूद केंद्र सरकार की ओर से लागू नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. अस्पताल परिसर की दीवार के पीछे कूड़े के साथ-साथ बायोमेडिकल कचरे को भी फेंका जा रहा है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है.

सफाई व्यवस्था चरमराई,  Barmer news
चौहटन सीएचसी के पीछे पसरी गंदगी से परेशान लोग

चौहटन (बाड़मेर). चौहटन कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है. बता दें कि सैकड़ों की तादात में मलेरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियों से ग्रस्त मरीज अस्पताल आते हैं. इन मरीजों के इलाज के पश्चात इंजेक्शन दवाइयां सब पीछे की गलियों में फेंक दी जाती है, जिससे आम रास्ता पूर्ण रूप से मेडिकल वेस्ट से भरा पड़ा रहता है.

सफाई व्यवस्था चरमराई,  Barmer news
गलियों में फेंका जा रहा बायोमेडिकल वेस्ट

बायोमेडिकल वेस्ट नियमानुसार लाल, नीले और पीले रंग के डिब्बों में डाला जाता है. उसी के हिसाब से इलेक्ट्रॉनिक भट्ठी से बायो मेडिकल वेस्ट जलाना होता है. भट्ठी की चिमनी कम से कम 200 फीट ऊंची होनी चाहिए ताकि पर्यावरण प्रदूषित ना हो. अस्पताल के आसपास रहने वाले निवासियों के लिए यह एक गंभीर समस्या बनी हुई है.

पढ़ेंः मातृ-पितृ दिवस: बाड़मेर में बच्चों ने की माता-पिता की पूजा

आए दिन रहता है बीमारी फैलने का खतरा...

कई मर्तबा राहगीरों के पैरों में भी कई संक्रमित सुई चुभ जाती है, जिससे आए दिन बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है. कचरा उठाने के लिए ग्राम पंचायत के सफाई कर्मचारियों का भी कहना है कि उन्हें भी इंफेक्शन का डर रहता है. हर रोज अस्पताल से प्लास्टिक की बोतलें और कचरा फेंकने से इस आम रास्ते पर लोगों का निकलना दूभर सा हो गया है.

सफाई व्यवस्था चरमराई,  Barmer news
गंदगी के बीच इलाज कराने को मजबूर मरीज

हॉस्पिटल मैनेजमेंट गंभीर नहीं...

बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल को लेकर हॉस्पिटल मैनेजमेंट बिल्कुल गंभीर नहीं है. खुले में बायोमेडिकल वेस्ट फेंकने से बीमारियों को फैलने का खतरा हर समय बना रहता है. अब देखना यह है कि अस्पताल प्रबंधन कब जागरुक होगा और बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण कर आमजन को इस बड़ी समस्या से राहत दिला पाता है.

चौहटन (बाड़मेर). चौहटन कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है. बता दें कि सैकड़ों की तादात में मलेरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियों से ग्रस्त मरीज अस्पताल आते हैं. इन मरीजों के इलाज के पश्चात इंजेक्शन दवाइयां सब पीछे की गलियों में फेंक दी जाती है, जिससे आम रास्ता पूर्ण रूप से मेडिकल वेस्ट से भरा पड़ा रहता है.

सफाई व्यवस्था चरमराई,  Barmer news
गलियों में फेंका जा रहा बायोमेडिकल वेस्ट

बायोमेडिकल वेस्ट नियमानुसार लाल, नीले और पीले रंग के डिब्बों में डाला जाता है. उसी के हिसाब से इलेक्ट्रॉनिक भट्ठी से बायो मेडिकल वेस्ट जलाना होता है. भट्ठी की चिमनी कम से कम 200 फीट ऊंची होनी चाहिए ताकि पर्यावरण प्रदूषित ना हो. अस्पताल के आसपास रहने वाले निवासियों के लिए यह एक गंभीर समस्या बनी हुई है.

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आए दिन रहता है बीमारी फैलने का खतरा...

कई मर्तबा राहगीरों के पैरों में भी कई संक्रमित सुई चुभ जाती है, जिससे आए दिन बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है. कचरा उठाने के लिए ग्राम पंचायत के सफाई कर्मचारियों का भी कहना है कि उन्हें भी इंफेक्शन का डर रहता है. हर रोज अस्पताल से प्लास्टिक की बोतलें और कचरा फेंकने से इस आम रास्ते पर लोगों का निकलना दूभर सा हो गया है.

सफाई व्यवस्था चरमराई,  Barmer news
गंदगी के बीच इलाज कराने को मजबूर मरीज

हॉस्पिटल मैनेजमेंट गंभीर नहीं...

बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल को लेकर हॉस्पिटल मैनेजमेंट बिल्कुल गंभीर नहीं है. खुले में बायोमेडिकल वेस्ट फेंकने से बीमारियों को फैलने का खतरा हर समय बना रहता है. अब देखना यह है कि अस्पताल प्रबंधन कब जागरुक होगा और बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण कर आमजन को इस बड़ी समस्या से राहत दिला पाता है.

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