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सीकर : राज्य सरकार द्वारा मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति विवादों के घेरे में - राजस्थान हिंदी न्यूज

फतेहपुर नगरपालिका में राज्य सरकार द्वारा मनोनीत किए गए पार्षदों के लिए आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. भाजपा पार्षदों ने नए मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि 4 पार्षदों में से 3 पार्षदों के दो से अधिक संताने हैं. ऐसे में उनकी नियुक्ति अवैध है.

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मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति विवादों के घेरे में
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Published : Jul 9, 2020, 5:11 PM IST

Updated : Jul 9, 2020, 5:16 PM IST

फतेहपुर (सीकर). जिले के फतेहपुर नगरपालिका में राज्य सरकार द्वारा मनोनीत किए गए चार पार्षदों की नियुक्ति विवादों के घेरे में आ गई है. गुरुवार को नगरपालिका परिसर में राज्य सरकार द्वारा मनोनीत पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया था. इस दौरान भाजपा शहर अध्यक्ष और पार्षद रामावतार रूंथला के नेतृत्व में भाजपा पार्षदों ने जमकर हंगामा किया और उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा.

मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति विवादों के घेरे में

ज्ञापन में बताया गया है कि राज्य सरकार द्वारा मनोनीत 4 पार्षदों में से 3 पार्षदों के दो अधिक संतान हैं. ऐसे में उनकी नियुक्ति अवैध है और इनको शपथ ग्रहण नहीं करवाया जाना चाहिए. इस बात को लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच आपसी नोक-झोंक हो गई. जिसके बाद भाजपा पार्षद शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करके सदन से बाहर चले गए.

यह भी पढे़ं : बिजली कंपनियों में खाली पड़े टेक्निकल और फाइनेंस डायरेक्टर के पद...CM के पास अटकी फाइल

इसके बाद कार्यक्रम में मनोनीत पार्षद चोखाराम महिचा, हाकम अली खान, सुमन कटारिया और शंकरलाल शर्मा का अधिशाषी अधिकारी ने माल्यार्पण कर सदन में स्वागत किया. उपखण्ड अधिकारी शीलावती मीणा ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

विधायक हाकम अली खान ने कहा कि भाजपा पार्षदों को इस तरह की हरकत नहीं करनी चाहिए. अगर सरकार ने पार्षदों को जब मनोनीत कर दिया है तो उनकी नियुक्ति को अवैध ठहराने वाले हम कौन होते हैं. इसके लिए उपखण्ड अधिकारी को जब ज्ञापन सौंप ही दिया है, तो उसकी जांच की जाएगी. ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम में ऐसी हरकत नहीं करनी चाहिए.

यह भी पढ़ें : श्रीगंगानगर: बगैर परीक्षा प्रमोट करने की नर्सिंग विद्यार्थियों ने उठाई मांग, सौंपा ज्ञापन

वहीं भाजपा पार्षद रामावतार रूंथला का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त तीन पार्षदों चोखाराम महिचा, हाकम अली खान और शंकरलाल शर्मा के दो से अधिक संतान है. ऐसे में इनकी नियुक्ति अवैध है. जब दो से अधिक संतान वाला व्यक्ति पार्षद का चुनाव नहीं लड़ सकता है तो दो से अधिक संतान वाले लोगों को मनोनीत कैसे कर दिया गया.

यह है कानून

बता दें कि नगरपालिका अधिनियम 2009 के अनुसार 27 नवम्बर 1995 के बाद दो से अधिक संतान वाला व्यक्ति अगर पार्षद चुना जाता है, तो उसका चुनाव अयोग्य करार दिया जाता है.

फतेहपुर (सीकर). जिले के फतेहपुर नगरपालिका में राज्य सरकार द्वारा मनोनीत किए गए चार पार्षदों की नियुक्ति विवादों के घेरे में आ गई है. गुरुवार को नगरपालिका परिसर में राज्य सरकार द्वारा मनोनीत पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया था. इस दौरान भाजपा शहर अध्यक्ष और पार्षद रामावतार रूंथला के नेतृत्व में भाजपा पार्षदों ने जमकर हंगामा किया और उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा.

मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति विवादों के घेरे में

ज्ञापन में बताया गया है कि राज्य सरकार द्वारा मनोनीत 4 पार्षदों में से 3 पार्षदों के दो अधिक संतान हैं. ऐसे में उनकी नियुक्ति अवैध है और इनको शपथ ग्रहण नहीं करवाया जाना चाहिए. इस बात को लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच आपसी नोक-झोंक हो गई. जिसके बाद भाजपा पार्षद शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करके सदन से बाहर चले गए.

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इसके बाद कार्यक्रम में मनोनीत पार्षद चोखाराम महिचा, हाकम अली खान, सुमन कटारिया और शंकरलाल शर्मा का अधिशाषी अधिकारी ने माल्यार्पण कर सदन में स्वागत किया. उपखण्ड अधिकारी शीलावती मीणा ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

विधायक हाकम अली खान ने कहा कि भाजपा पार्षदों को इस तरह की हरकत नहीं करनी चाहिए. अगर सरकार ने पार्षदों को जब मनोनीत कर दिया है तो उनकी नियुक्ति को अवैध ठहराने वाले हम कौन होते हैं. इसके लिए उपखण्ड अधिकारी को जब ज्ञापन सौंप ही दिया है, तो उसकी जांच की जाएगी. ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम में ऐसी हरकत नहीं करनी चाहिए.

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वहीं भाजपा पार्षद रामावतार रूंथला का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त तीन पार्षदों चोखाराम महिचा, हाकम अली खान और शंकरलाल शर्मा के दो से अधिक संतान है. ऐसे में इनकी नियुक्ति अवैध है. जब दो से अधिक संतान वाला व्यक्ति पार्षद का चुनाव नहीं लड़ सकता है तो दो से अधिक संतान वाले लोगों को मनोनीत कैसे कर दिया गया.

यह है कानून

बता दें कि नगरपालिका अधिनियम 2009 के अनुसार 27 नवम्बर 1995 के बाद दो से अधिक संतान वाला व्यक्ति अगर पार्षद चुना जाता है, तो उसका चुनाव अयोग्य करार दिया जाता है.

Last Updated : Jul 9, 2020, 5:16 PM IST
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