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सीकर की भी सभी अनाज मंडियां अगले 5 दिनों तक रहेगी बंद, कृषक कल्याण टैक्स का विरोध

प्रदेश में सरकार ने मंगलवार काे एक आदेश जारी कर कृषि उपज मंडी में जिंस पर कटने वाले टैक्स के साथ 2 फीसदी कृषक कल्याण कर भी लगा दिया है. जिसके विरोध में सीकर के कृषि उपज मंडी व्यापारियों ने नाराजगी जताते हुए 5 दिन की हड़ताल कर दी.

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सीकर की सभी अनाज मंडियां अगले 5 दिनों तक रहेंगी बन्द
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Published : May 7, 2020, 5:56 PM IST

सीकर. प्रदेश में सरकार ने मंगलवार काे एक आदेश जारी कर कृषि उपज मंडी में जिंस पर कटने वाले टैक्स के साथ 2 फीसदी कृषक कल्याण कर भी लगा दिया है. जिसके विरोध में मंडी व्यापारियों ने नाराजगी जताते हुए 5 दिन की हड़ताल कर दी है. जिसकी वजह से गुरुवार को जिले की सभी अनाज मंडियों में कामकाज पूरी तरह से बंद रहा.

सीकर की भी सभी अनाज मंडियां अगले 5 दिनों तक रहेगी बंद

अनाज व्यापारियों का कहना है कि, सरकार ने किसानों के कल्याण के नाम पर टैक्स लगाया है. लेकिन इस टैक्स का भार किसानों पर ही पड़ेगा. अगर उन पर टैक्स बढ़ेगा तो, वो इसकी वसूली ग्राहकों से करेंगे. ऐसे में कृषक कल्याण फीस में बढ़ोतरी करने से व्यापारी और किसान दोनों ही प्रभावित होंगे. जबकि सरकार इसमें किसान के कल्याण की बात कर रही है.

पढ़ेंः जयपुर से रोडवेज की 100 बसों से 3 हजार मजूदरों को यूपी किया रवाना

वहीं, सीकर के व्यापारियों का कहना है कि, जब तक सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है. तब तक ये विरोध प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा. अगर सरकार अपना निर्णय वापस नहीं लेती है, तो मजबूरी में व्यापारी और किसान आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे. साथ ही अब मंडियों को भी तब ही खोला जाएगी, जब सरकार अपना फैसला वापस ले लेगी.

सीकर. प्रदेश में सरकार ने मंगलवार काे एक आदेश जारी कर कृषि उपज मंडी में जिंस पर कटने वाले टैक्स के साथ 2 फीसदी कृषक कल्याण कर भी लगा दिया है. जिसके विरोध में मंडी व्यापारियों ने नाराजगी जताते हुए 5 दिन की हड़ताल कर दी है. जिसकी वजह से गुरुवार को जिले की सभी अनाज मंडियों में कामकाज पूरी तरह से बंद रहा.

सीकर की भी सभी अनाज मंडियां अगले 5 दिनों तक रहेगी बंद

अनाज व्यापारियों का कहना है कि, सरकार ने किसानों के कल्याण के नाम पर टैक्स लगाया है. लेकिन इस टैक्स का भार किसानों पर ही पड़ेगा. अगर उन पर टैक्स बढ़ेगा तो, वो इसकी वसूली ग्राहकों से करेंगे. ऐसे में कृषक कल्याण फीस में बढ़ोतरी करने से व्यापारी और किसान दोनों ही प्रभावित होंगे. जबकि सरकार इसमें किसान के कल्याण की बात कर रही है.

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वहीं, सीकर के व्यापारियों का कहना है कि, जब तक सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है. तब तक ये विरोध प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा. अगर सरकार अपना निर्णय वापस नहीं लेती है, तो मजबूरी में व्यापारी और किसान आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे. साथ ही अब मंडियों को भी तब ही खोला जाएगी, जब सरकार अपना फैसला वापस ले लेगी.

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