सवाईमाधोपुर. रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान में मंगलवार को शाम की पारी में बाघिन टी-60 एक शावक के साथ दिखाई दी है. जोन दो के गांद्रा (गांधारी देह) वन क्षेत्र में बाघिन को शावक के साथ वनकर्मियों एवं पर्यटकों ने देखा है. बाघिन को लगभग दो-ढाई माह के शावक के साथ देख सैलानी और वनकर्मी गदगद हो गए. बाघिन के मां बनने की सूचना से वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई.
नर बाघ टी-57 के साथ विचरण कर रही थी बाघिन
सीसीएफ टीकम चंद वर्मा ने बताया कि बाघिन को शाम की पारी में भ्रमण के दौरान सैलानियों और वनकर्मियों ने एक शावक के साथ देखा है. बाघिन को नर बाघ टी-57 के साथ जोड़ा बनाकर विचरण करते देखा गया था. बाघिन तीसरी बार मां बनी है. बाघिन और उसके शावक की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. वन विभाग बाघिन व शावक की सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त कर रहा है.
बाघिन टी-60 तीसरी बार बनी मां
रणथम्भोर बाघ परियोजना के एसीएफ संजीव शर्मा ने बताया कि बाघिन तीसरी बार मां बनी है. 19 मार्च 2016 को पहली बार बाघिन के तीन शावकों को एक साथ रणथम्भोर नेशनल पार्क के वन क्षेत्र गुढ़ा तिराहे से लाहपुर की तरफ जाने वाले क्षेत्र में झाड़ियों की ओट में उछलकूद करते देखा गया था. इस वक्त बाघिन अपने शावकों के साथ नहीं थी. चार माह के शावकों को पहली बार देखा गया था.
बाद में रणथम्भोर में बाघिन के शावकों को टी-96, टी-97 व टी-98 नाम दिया गया. इसके बाद दूसरे प्रसव में बाघिन ने एक मादा शावक को जन्म दिया था. अब एक बार फिर बाघिन टी-60 मां बनी है तथा एक शावक के साथ दिखाई दी है.
लगातार की जा रही मॉनिटरिंग
वन विभाग ने बाघिन के विचरण क्षेत्र गुढ़ा, गांद्रा, मानसरोवर में सुरक्षा बढ़ा दी है. वन विभाग फोटोट्रेप कैमरे व गश्त के माध्यम से बाघिन व उसके शावकों पर नजर रख रहा है. बाघिन टी-60 के तीसरी बार मां बनने से रणथम्भौर में बाघों का कुनबा बढ़ा है. वर्तमान में रणथम्भौर में लगभग 70 बाघ-बाघिन व शावक हैं.
रणथम्भोर नेशनल पार्क के एसीएफ संजीव शर्मा का कहना है कि बाघिन टी-60 को गांद्रा वन क्षेत्र में एक शावक के साथ देखा गया है. बाघिन व शावक की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.