सवाई माधोपुर. एनटीसीए (National Tiger Conservation Authority) ने रणथंभौर से लापता छह बाघों के लिए (Tigers Missing in Ranthambore) दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी लापता बाघों को लेकर अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को पेश करेगी. कमेटी में शिवपाल सिंह, डीआईजी एनटीसीए, एच.वी.गिरिश संयुक्त निदेशक डब्ल्यूसीसीबी शामिल हैं. उधर गत पन्द्रह सालों में रणथम्भौर से गायब हुए बाघों को लेकर समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों पर स्व संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने दो अधिवक्ताओं अभिषेक शर्मा और सुदेश कसाना को न्याय मित्र बनाया है, जो वनाधिकारियों से सवाल-जवाब कर अपनी रिपोर्ट न्यायालय को पेश करेंगे.
बाघों की अठखेलियों को लेकर विश्व प्रसिद्ध राजस्थान के रणथंभौर नेशनल पार्क से करीब आधा (Ranthambore National Park) दर्जन बाघ-बाघिन लापता होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने एनटीसीए (National Tiger Conservation Authority) की दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी बाघों के लापता होने के कारणों की जांच कर अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजेगी. ररणथंभौर में ये कोई पहला मामला नहीं है.
पहले भी लापता हो चुके हैं कई बाघ-बाघिन: इससे पहले भी रणथंभौर से कई बाघ-बाघिन लापता हो चुके हैं, जिनका आज तक कोई (Investigation of Tigers missing in Ranthambore) सुराग नहीं मिला है. रणथंभौर में बाघों की सुरक्षा और मॉनिटरिंग के लिए हर साल करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए जाते हैं. इसके बावजूद बाघ-बाघिनों के लापता होने पर रणथंभौर वन प्रशासन की कार्यशैली सवालों के घेरे में है.