सवाई माधोपुर. रणथंभौर नेशनल पार्क से दुखद खबर सामने आई. रविवार शाम को झूमर बावड़ी वन क्षेत्र में वन कर्मियों को गश्त के दौरान करीब 6 माह के फिमेल लेपर्ड शावक का शव क्षत-विक्षत अवस्था में पड़ा मिला. इसकी सूचना वनकर्मियों ने वन विभाग के अधिकारियों को दी. सूचना मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और लेपर्ड के शव को राजबाग नाका चौकी पहुंचाया. यहां पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया.
ACF मानस सिंह ने बताया कि फिमेल शावक करीब 6 माह की थी. शावक की गर्दन और पीठ पर चोट के निशान हैं, जिसके आधार पर शावक की मौत किसी बड़े बाघ या अन्य किसी जानवर के हमले से होने की संभावना जताई जा रही है. वन अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद ही लेपर्ड शावक की मौत का पता चल सकेगा. राजबाग वन नाके पर जिला प्रशासन और वन अधिकारियों की मौजूदगी में चिकित्सकों ने लेपर्ड का पोस्टमार्टम किया. इसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया.
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बाघिन लाडली को लंगड़ाते देखा गया : रणथंभौर नेशनल पार्क में रविवार को ही बाघिन टी 8 लाडली को लंगड़ाते देखा गया है. इसके बाद वन विभाग की वेटरनरी की टीम बाघिन लाडली की मॉनिटरिंग में जुट गई है. DFO मोहित गुप्ता के अनुसार पैर में कांटा या घाव के कारण बाघिन लंगड़ा रही है. बाघिन के लंगड़ाने के कारणों का पता लगाया जा रहा है, इसके बाद उसका उपचार किया जाएगा.