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राजसमंद में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पहल, पूरक पोषाहार के रूप में निशुल्क गेहूं और दाल

कोरोना काल में गरीबों की मदद के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने एक पहल की है. जिसके तहत अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों और महिलाओं को कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर खाद्य सामग्री दी जाएगी.

निःशुल्क मिल रहे हैं गेहूं और चना दाल, Wheat and gram dal getting free
पूरक पोषाहार के रुप निशुल्क अनाज
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Published : Jun 1, 2020, 8:07 PM IST

राजसमंद. जिले में कोरोना संकट के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत 6 माह से 6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती, धात्री महिलाओं और किशोरी बालिकाओं को अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर पूरक पोषाहार के रूप में गेहूं और चना दाल मुहैया करवाई जा रहा है.

निःशुल्क मिल रहे हैं गेहूं और चना दाल, Wheat and gram dal getting free
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दे रहे अनाज

आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पंजीकृत लाभार्थियों को वर्ष में 300 दिन पूरक पोषाहार उपलब्ध कराने के लिए अब चना दाल, गेहूं दिए जा रहे हैं. उप निदेशक महिला और बाल विकास विभाग शांता मेघवाल ने बताया कि समेकित बाल विकास सेवाएं योजना के तहत जिले में 1 हजार 167 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं. इसमें 18 हजार 848 गर्भवती और धात्री महिलाएं पंजीकृत हैं.

पढ़ेंः राजस्थान में 1 जून से पर्यटन स्थल और नेशनल पार्क सैलानियों के लिए खोल दिए जाएंगे

वहीं स्कूल नहीं जाने वाली 230 किशोरी हैं और 6 माह से 3 वर्ष तक जिले में 37 हजार 35 बच्चें है. जिले में आए प्रवासी श्रमिको को भी पंजीकृत किया जाकर लाभान्वित किया जा रहा है. यह व्यवस्था कोरोना वायरस की प्रभाव अवधि तक लागू होगी. दाल के रूप में चना दाल की आपूर्ति भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ द्वारा की जा रही है. जिसे राजस्थान राज्य खाद्य और आपूर्ति निगम की ओर से राशन डीलर को आपूर्ति की जा रही है.

इस प्रकार मिलेगी पोषाहार सामग्री

गर्भवती, धात्री महिलाएं और 11-14 वर्ष की स्कूल ना जाने वाली किशोरी बालिकाओं को 3 किलोग्राम गेहूं मिलेगा. वहीं 6 माह से 6 वर्ष के बच्चे को 2 किलोग्राम गेहूं मिलेगा और 6 माह से 6 वर्ष तक के अति कम वजन वाले बच्चे को 3 किलोग्राम गेहूं मिलेगा.

साथ ही गर्भवती, धात्री महिलाएं और 11-14 वर्ष की स्कूल ना जाने वाली किशोरी बालिकाओं को 1 किलोग्राम, 6 माह से 6 वर्ष के बच्चे को 1 किलोग्राम और 6 माह से 6 वर्ष तक के तक के अति कम वजन वाले बच्चे को 2 किलोग्राम चना दाल के रूप में पोषाहार सामग्री का वितरण किया जाएगा.

पढ़ेंः सोमवार से SMS अस्पताल होगा Corona Free: चिकित्सा मंत्री

लाभान्वितों को माह में एक बार 25 दिन के लिए सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. गेहूं और दाल का महिला और बाल विकास विभाग की ओर से जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण अंचल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, सहायिका की ओर से घर-घर जाकर वितरण किया जा रहा है.

राजसमंद. जिले में कोरोना संकट के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत 6 माह से 6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती, धात्री महिलाओं और किशोरी बालिकाओं को अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर पूरक पोषाहार के रूप में गेहूं और चना दाल मुहैया करवाई जा रहा है.

निःशुल्क मिल रहे हैं गेहूं और चना दाल, Wheat and gram dal getting free
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दे रहे अनाज

आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पंजीकृत लाभार्थियों को वर्ष में 300 दिन पूरक पोषाहार उपलब्ध कराने के लिए अब चना दाल, गेहूं दिए जा रहे हैं. उप निदेशक महिला और बाल विकास विभाग शांता मेघवाल ने बताया कि समेकित बाल विकास सेवाएं योजना के तहत जिले में 1 हजार 167 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं. इसमें 18 हजार 848 गर्भवती और धात्री महिलाएं पंजीकृत हैं.

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वहीं स्कूल नहीं जाने वाली 230 किशोरी हैं और 6 माह से 3 वर्ष तक जिले में 37 हजार 35 बच्चें है. जिले में आए प्रवासी श्रमिको को भी पंजीकृत किया जाकर लाभान्वित किया जा रहा है. यह व्यवस्था कोरोना वायरस की प्रभाव अवधि तक लागू होगी. दाल के रूप में चना दाल की आपूर्ति भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ द्वारा की जा रही है. जिसे राजस्थान राज्य खाद्य और आपूर्ति निगम की ओर से राशन डीलर को आपूर्ति की जा रही है.

इस प्रकार मिलेगी पोषाहार सामग्री

गर्भवती, धात्री महिलाएं और 11-14 वर्ष की स्कूल ना जाने वाली किशोरी बालिकाओं को 3 किलोग्राम गेहूं मिलेगा. वहीं 6 माह से 6 वर्ष के बच्चे को 2 किलोग्राम गेहूं मिलेगा और 6 माह से 6 वर्ष तक के अति कम वजन वाले बच्चे को 3 किलोग्राम गेहूं मिलेगा.

साथ ही गर्भवती, धात्री महिलाएं और 11-14 वर्ष की स्कूल ना जाने वाली किशोरी बालिकाओं को 1 किलोग्राम, 6 माह से 6 वर्ष के बच्चे को 1 किलोग्राम और 6 माह से 6 वर्ष तक के तक के अति कम वजन वाले बच्चे को 2 किलोग्राम चना दाल के रूप में पोषाहार सामग्री का वितरण किया जाएगा.

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लाभान्वितों को माह में एक बार 25 दिन के लिए सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. गेहूं और दाल का महिला और बाल विकास विभाग की ओर से जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण अंचल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, सहायिका की ओर से घर-घर जाकर वितरण किया जा रहा है.

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