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राजसमंद का सबसे बड़ा नंदसमंद बांध छलका, खारी फीडर में छोड़ा पानी

राजसमंद का सबसे बड़े नंदसमंद बांध में पानी की आवक तेज होने से ये बांध उफान पर है. 32 फीट की क्षमता वाले बांध के छलकने के बाद यमुना स्वरूप बनास नदी में पानी की आवक शुरू हो गई है. बांध में पानी की आवक तेज होने के बाद लोगों की भीड़ जमा हो गई.

राजसमंद न्यूज, rajsamand news
नंदसमंद बांध में पानी की आवक तेज
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Published : Sep 1, 2020, 6:59 PM IST

राजसमंद. जिले का सबसे बड़ा नंदसमंद बांध 31 जुलाई की रात को लबालब होकर छलक पड़ा. 32 फीट की क्षमता वाले बांध के छलकने के बाद यमुना स्वरूप बनास नदी में पानी की आवक शुरू हो गई. 750 एमसीएफटी भराव क्षमता वाले नंदसमंद बांध के छलकने से पहले सोशल मीडिया पर अफवाहों के बाद क्षेत्र वासियों के मन में खुशी हिलोरे मारने लगी और छलकले बांध की जलधारा को देखने सैकड़ों लोग पहुंचे, लेकिन वहां जाने के बाद पानी छलकता हुआ नहीं दिखने पर मायूस हो गए.

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बांध को देखने के लिए पहुंचे लोग

पिछले साल 27 अगस्त को हुआ था ओवर फ्लो

नंदसमंद बांध इससे पहले 5 बार अगस्त माह में ओवर फ्लो हुआ था, पिछले साल 27 अगस्त को बांध छलका था. वहीं, बागेरी नाका बांध के ओवर फ्लो से लगातार हो रही पानी की आवक के चलते देर रात को नंदसमंद छलक गया, जिसके बाद बनास नदी के साथ दोनों नहरों में पानी छोड़ा गया. जिससे रेलमांगर तालाब के साथ राजसमंद झील में पानी की आवक शुरू हो गई है.

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इससे पहले 5 बार अगस्त माह में ओवर फ्लो हुआ

पढ़ें- बीजेपी का हल्ला बोल: राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने हवामहल विधानसभा क्षेत्र में संभाला मोर्चा, बना चर्चा का विषय

टूटी रेलिंग, जान का खतरा, लेकिन बांध पर सुरक्षा बिल्कुल नहीं

बांध पर एक-दो विभाग के कर्मचारी के अलावा कोई सुरक्षा गार्ड नहीं है. वहीं, बांध पर कई फीट लम्बी पाल बनी हुई है, जो बीच में एक तरफ से करीब 60 फीट और दूसरी तरफ करीब 25 फीट टूटी है. बांध पर पानी के नजारे देखने वाले लोग इसी पाल से गुजरते हैं. महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग सभी के लिए ये टूटी रेलिंग जान का खतरा है, लेकिन लोग इसकी परवाह किए बिना ही पाल पर तफरी कर रहे हैं.

राजसमंद. जिले का सबसे बड़ा नंदसमंद बांध 31 जुलाई की रात को लबालब होकर छलक पड़ा. 32 फीट की क्षमता वाले बांध के छलकने के बाद यमुना स्वरूप बनास नदी में पानी की आवक शुरू हो गई. 750 एमसीएफटी भराव क्षमता वाले नंदसमंद बांध के छलकने से पहले सोशल मीडिया पर अफवाहों के बाद क्षेत्र वासियों के मन में खुशी हिलोरे मारने लगी और छलकले बांध की जलधारा को देखने सैकड़ों लोग पहुंचे, लेकिन वहां जाने के बाद पानी छलकता हुआ नहीं दिखने पर मायूस हो गए.

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बांध को देखने के लिए पहुंचे लोग

पिछले साल 27 अगस्त को हुआ था ओवर फ्लो

नंदसमंद बांध इससे पहले 5 बार अगस्त माह में ओवर फ्लो हुआ था, पिछले साल 27 अगस्त को बांध छलका था. वहीं, बागेरी नाका बांध के ओवर फ्लो से लगातार हो रही पानी की आवक के चलते देर रात को नंदसमंद छलक गया, जिसके बाद बनास नदी के साथ दोनों नहरों में पानी छोड़ा गया. जिससे रेलमांगर तालाब के साथ राजसमंद झील में पानी की आवक शुरू हो गई है.

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इससे पहले 5 बार अगस्त माह में ओवर फ्लो हुआ

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टूटी रेलिंग, जान का खतरा, लेकिन बांध पर सुरक्षा बिल्कुल नहीं

बांध पर एक-दो विभाग के कर्मचारी के अलावा कोई सुरक्षा गार्ड नहीं है. वहीं, बांध पर कई फीट लम्बी पाल बनी हुई है, जो बीच में एक तरफ से करीब 60 फीट और दूसरी तरफ करीब 25 फीट टूटी है. बांध पर पानी के नजारे देखने वाले लोग इसी पाल से गुजरते हैं. महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग सभी के लिए ये टूटी रेलिंग जान का खतरा है, लेकिन लोग इसकी परवाह किए बिना ही पाल पर तफरी कर रहे हैं.

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