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राजसमंद : भू रूपांतरण नहीं होने से ग्रामीणों को हो रही परेशानी, जमीनों का रूपांतरण करने की लगाई गुहार - Latest hindi news of rajasthan

राजसमंद जिले का कुंभलगढ़ क्षेत्र दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं. यहां के वन क्षेत्र और दुर्ग को निहारने के लिए दुनिया भर से सैलानी यहां घूमने के लिए आते हैं. लेकिन अब क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए वन क्षेत्र ही अब परेशानी का सबब बन गए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी जमीनों का भू रूपांतरण नहीं होने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से जमीनों का रूपांतरण करने की लगाई गुहार
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Published : Mar 24, 2021, 4:10 PM IST

राजसमंद. जिले का कुंभलगढ़ क्षेत्र विशाल दुर्ग और अपने वॉइस मित्र के लिए दुनिया भर में विख्यात है. कुंभलगढ़ वन क्षेत्र में कई दुर्लभ प्रजाति के पशु पक्षी पाए जाते हैं. केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र को इको सेंसेटिव क्षेत्र घोषित कर दिया है. ऐसे में क्षेत्र के ग्रामीण अपनी जमीनों के कन्वर्जन के लिए पिछले लंबे समय से परेशान हो रहे हैं.

ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से जमीनों का रूपांतरण करने की लगाई गुहार

ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी जमीनों का भू रूपांतरण नहीं होने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस बारे में कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है.

ग्रामीणों का आरोप है कि कुंभलगढ़ क्षेत्र में कई बड़े उद्योगपति और प्रतिष्ठित समूह अपने होटल और रिसॉर्ट का निर्माण कर रहे हैं. प्रशासन रसूख के दबाव में उनको निर्माण कार्य और भू रूपांतरण की अनुमति दे देता है. लेकिन लाचार ग्रामीण इससे वंचित हैं और अपनी समस्याओं को लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. ऐसे में ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से जमीनों का रूपांतरण करने की गुहार लगाई है.

पढ़ें- कोटा: ट्रेलर में लोड 10 ट्रैक्टर 100 फुट पुलिया के नीचे जा गिरे, चालक-परिचालक सुरक्षित

ग्रामीणों ने बताया कि कुंभलगढ़ पंचायत समिति की बीड की भागल पंचायत में कई गांवों की जमीन कुंभलगढ़ वन क्षेत्र के के नजदीकी दायरे में हैं. ऐसे में ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई कि अगर सड़क के नजदीक की 50 बीघा कृषि भूमि को वन क्षेत्र के बाहर करने की अनुमति प्रदान कर दी जाए, तो उनकी जमीनों का रूपांतरण आसानी से हो पाएगा.

राजसमंद. जिले का कुंभलगढ़ क्षेत्र विशाल दुर्ग और अपने वॉइस मित्र के लिए दुनिया भर में विख्यात है. कुंभलगढ़ वन क्षेत्र में कई दुर्लभ प्रजाति के पशु पक्षी पाए जाते हैं. केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र को इको सेंसेटिव क्षेत्र घोषित कर दिया है. ऐसे में क्षेत्र के ग्रामीण अपनी जमीनों के कन्वर्जन के लिए पिछले लंबे समय से परेशान हो रहे हैं.

ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से जमीनों का रूपांतरण करने की लगाई गुहार

ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी जमीनों का भू रूपांतरण नहीं होने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस बारे में कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है.

ग्रामीणों का आरोप है कि कुंभलगढ़ क्षेत्र में कई बड़े उद्योगपति और प्रतिष्ठित समूह अपने होटल और रिसॉर्ट का निर्माण कर रहे हैं. प्रशासन रसूख के दबाव में उनको निर्माण कार्य और भू रूपांतरण की अनुमति दे देता है. लेकिन लाचार ग्रामीण इससे वंचित हैं और अपनी समस्याओं को लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. ऐसे में ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से जमीनों का रूपांतरण करने की गुहार लगाई है.

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ग्रामीणों ने बताया कि कुंभलगढ़ पंचायत समिति की बीड की भागल पंचायत में कई गांवों की जमीन कुंभलगढ़ वन क्षेत्र के के नजदीकी दायरे में हैं. ऐसे में ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई कि अगर सड़क के नजदीक की 50 बीघा कृषि भूमि को वन क्षेत्र के बाहर करने की अनुमति प्रदान कर दी जाए, तो उनकी जमीनों का रूपांतरण आसानी से हो पाएगा.

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