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नवसृजित ग्राम पंचायत सोहनगढ़ के लिए विभिन्न कार्यलय के लिए हुई जमीन को निरस्त करने की ग्रामीण कर रहे हैं मांग

राजसमंद के देवगढ़ में नवसृजित सोहनगढ़ ग्राम पंचायत के लिए प्रशासन की ओर से ग्राम पंचायत कार्यालय और अन्य सरकारी कार्यालय के सिरोला गांव के पास भूमि आवंटित की गई थी. जिसे लेकर ग्रामीणों ने इसे निरस्त कराने की मांग को लेकर विरोध किया जा रहा है.

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विभिन्न कार्यलय के लिए हुई जमीन को निरस्त करने की ग्रामीण कर रहे हैं मांग
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Published : Feb 14, 2021, 5:47 PM IST

देवगढ़ (राजसमंद). जिले की देवगढ़ तहसील में नवसृजित सोहनगढ़ ग्राम पंचायत के लिए प्रशासन की ओर से ग्राम पंचायत कार्यालय और अन्य सरकारी कार्यालय के सिरोला गांव के पास भूमि आवंटित की गई थी. ग्राम पंचायत ग्रामीणों की ओर से इसे निरस्त कराने की मांग को लेकर विरोध किया जा रहा है. प्रशासन की ओर से सिरोला गांव के पास भूमि आवंटित की गई हैं जो पंचायत मुख्यालय से साढ़े तीन किलोमीटर दूर है.

वहीं इससे पूर्व भी ग्रामीणों ने सिरोला में हुई भूमि आवंटन निरस्त करने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर उपखंड अधिकारी तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया था. वार्ड पंच सुशिला देवी ने बताया कि नवसृजित सोहन गढ़ ग्राम पंचायत के लिए प्रशासन की ओर से दिनांक 11. 08. 2021 को एक आदेश जारी कर नवसृजित ग्राम पंचायत के पास सिरोला गांव के पास आराजी संख्या 466 रकबा 7.03 हेक्टेयर बिलानाम से 2 एकड़ भूमि कार्यलय बनाने के लिए आवंटित की गई थी.

ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन की ओर से भूमि आवंटन की गई है वो ग्राम पंचायत सोहन गढ़ मुख्यलय पर ना होकर राजस्व गांव सिरोला मे की गई है. वहीं उच्च अधिकारियों का कहना है कि इस जगह भूमि आवंटित करने का मुख्य कारण यह रहा कि सोहनगढ़ में पर्याप्त मात्रा में भूमि नहीं है.

ग्रामीणों का कहना है कि सोहन गढ़ के पास ही 116 बीघा जमीन चारागाह की और 66 बीघा जमीन बिलानाम भूमि उपलब्ध है. ग्रामीणों ने सभी सरकारी कार्यालय सोहनगढ़ में बनाने की मांग को लेकर पूर्व में ही जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप दिया गया था. जिसमें बताया गया कि राज्य सरकार की ओर से आबादी बहुल क्षेत्र और सावर्जनिक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए नवसृजित ग्राम पंचायत सोहन गढ़ का सृजन किया गया है और आवंटित भूमि ग्राम पंचायत मुख्यालय से 3.5 किलोमीटर दूर पर की गई है. जिससे ग्रामवासियों को आपत्ति है और आवंटित जमीन को निरस्त करने की मांग की गई है.

पढ़ें- प्रो. चेतन सिंह सोलंकी की एनर्जी स्वराज यात्रा पहुंची राजसमंद, पूरे देश में 11 साल तक करेंगे सफर

बताया जा रहा है कि प्रशासन की ओर से भूमि आवंटित विवाद के कारण 14 फरवरी तक आपत्ति दर्ज करने के लिए नोटिस जारी किया गया था. जिसे सावर्जनिक स्थानों पर चस्पा करना था लेकिन ग्रामीणों ने बताया ग्राम पंचायत के कार्मिकों की ओर से इसे किसी भी स्थान पर चस्पा नहीं किया है अंतिम दिन रविवार होने से सभी कार्यलय में अवकाश भी था. इसके चलते ग्रामीण अपनी आपत्ति दर्ज नहीं करवा सके.

देवगढ़ (राजसमंद). जिले की देवगढ़ तहसील में नवसृजित सोहनगढ़ ग्राम पंचायत के लिए प्रशासन की ओर से ग्राम पंचायत कार्यालय और अन्य सरकारी कार्यालय के सिरोला गांव के पास भूमि आवंटित की गई थी. ग्राम पंचायत ग्रामीणों की ओर से इसे निरस्त कराने की मांग को लेकर विरोध किया जा रहा है. प्रशासन की ओर से सिरोला गांव के पास भूमि आवंटित की गई हैं जो पंचायत मुख्यालय से साढ़े तीन किलोमीटर दूर है.

वहीं इससे पूर्व भी ग्रामीणों ने सिरोला में हुई भूमि आवंटन निरस्त करने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर उपखंड अधिकारी तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया था. वार्ड पंच सुशिला देवी ने बताया कि नवसृजित सोहन गढ़ ग्राम पंचायत के लिए प्रशासन की ओर से दिनांक 11. 08. 2021 को एक आदेश जारी कर नवसृजित ग्राम पंचायत के पास सिरोला गांव के पास आराजी संख्या 466 रकबा 7.03 हेक्टेयर बिलानाम से 2 एकड़ भूमि कार्यलय बनाने के लिए आवंटित की गई थी.

ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन की ओर से भूमि आवंटन की गई है वो ग्राम पंचायत सोहन गढ़ मुख्यलय पर ना होकर राजस्व गांव सिरोला मे की गई है. वहीं उच्च अधिकारियों का कहना है कि इस जगह भूमि आवंटित करने का मुख्य कारण यह रहा कि सोहनगढ़ में पर्याप्त मात्रा में भूमि नहीं है.

ग्रामीणों का कहना है कि सोहन गढ़ के पास ही 116 बीघा जमीन चारागाह की और 66 बीघा जमीन बिलानाम भूमि उपलब्ध है. ग्रामीणों ने सभी सरकारी कार्यालय सोहनगढ़ में बनाने की मांग को लेकर पूर्व में ही जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप दिया गया था. जिसमें बताया गया कि राज्य सरकार की ओर से आबादी बहुल क्षेत्र और सावर्जनिक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए नवसृजित ग्राम पंचायत सोहन गढ़ का सृजन किया गया है और आवंटित भूमि ग्राम पंचायत मुख्यालय से 3.5 किलोमीटर दूर पर की गई है. जिससे ग्रामवासियों को आपत्ति है और आवंटित जमीन को निरस्त करने की मांग की गई है.

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बताया जा रहा है कि प्रशासन की ओर से भूमि आवंटित विवाद के कारण 14 फरवरी तक आपत्ति दर्ज करने के लिए नोटिस जारी किया गया था. जिसे सावर्जनिक स्थानों पर चस्पा करना था लेकिन ग्रामीणों ने बताया ग्राम पंचायत के कार्मिकों की ओर से इसे किसी भी स्थान पर चस्पा नहीं किया है अंतिम दिन रविवार होने से सभी कार्यलय में अवकाश भी था. इसके चलते ग्रामीण अपनी आपत्ति दर्ज नहीं करवा सके.

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