राजसमंद. नगर परिषद में शुक्रवार कोफिर एक बार उलटफेर देखने को मिला. जयपुर से जारी हुई कार्मिक विभाग की सूची में राजसमंद आयुक्त शक्ति सिंह भाटी को तबादला करते हुए देवगढ़ उपखंड अधिकारी के तौर पर लगाया गया है. आपको बता दें कि पिछले हफ्ते ही शक्ति सिंह भाटी ने राजसमंद आयुक्त का पद ग्रहण किया था. इनसे पहले राजसमंद आयुक्त जनार्दन शर्मा थे.जिनको जयपुर लगाया गया था लेकिन उन्होंने चार्ज नहीं दिया था. जिनको फिर से एक बार राजसमंद आयुक्त बनाया गया.
गौरतलब है कि पिछले दो महीनों से गठित राजसमंद नगर परिषद में आयुक्त के पद में उलटफेर को लेकर चर्चाओं में बनारहाहै. बता दें किविधानसभा चुनाव के बाद नगर परिषद आयुक्त बृजेश राय को स्थानांतरण हो गया था. जिसके बाद राजसमंद से कांग्रेस के कुछ नेताओं ने प्रदेश स्तर के नेताओं से मिलकर जनार्दन शर्मा को नगर परिषद आयुक्त लगाने की सिफारिश की थी. यह सिफारिश उस समय पूरी भी हुई, लेकिन एक धड़े ने इसका विरोध शुरू कर दिया. जनार्दन शर्मा की नीति का विरोध इस कदर बढ़ गया कि कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने इस्तीफा देने की पेशकश कर दी. लेकिन विवाद के बीच में जनार्दन शर्मा ने पदभार ग्रहण कर लिया.
लेकिन पिछले सोमवार की मध्यरात्रि को आई कार्मिक विभाग सूची में राजसमंद आयुक्त के स्थानांतरण लिस्ट में जनार्दन शर्मा की जगह नगर परिषद आयुक्त पद पर शक्ति सिंह भाटी को लगा दिया गया. जिसके बाद से नगर परिषद कांग्रेस पार्षदों को एक खेमा उलटफेर से खुश नजर आ रहा था. वहींदूसरे खेमे में नाराजगी नजर आ रही थी. लेकिन आज जारी हुई कार्मिक विभाग सूची में राजसमंद वर्तमान आयुक्त शक्ति सिंह भाटी की जगह फिर से एक बार निवर्तमान जनार्दन शर्मा को राजसमंद आयुक्त लगाया गया. जिसके बाद से ही राजसमंद जिले में नगर परिषद आयुक्त के तबादले को लेकर चर्चाओं मे बना रहा.
वहीं कुछ लोगों का कहना है कि नगर परिषद में हो रही आयुक्त पद के उलटफेर में कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के कारण उलटफेर हो रहा है. अब देखना होगा कि इस उलटफेर में जनता को कितना फायदा मिलता है. क्योंकि वर्तमान में तो पद ग्रहण करने और पद छोड़ने की स्थिति में आम व्यक्ति को विकास के काम कराने में निराशा ही हाथ लग रही है.