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शरद पूर्णिमा पर एक साथ विराजेंगे 500 से ज्यादा लड्डू गोपाल...भगवान को लगेगा खीर का भोग

शरद पूर्णिमा के अवसर पर करीब 500 से अधिक लड्डू गोपाल एक साथ दिव्य महारास में सम्मिलित होंगे. सभी लड्डू गोपाल को शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर खीर का भोग लगाया जाएगा.

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Published : Oct 12, 2019, 6:15 PM IST

राजसमंद. जिला मुख्यालय पर 13 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्री द्वारकेश वाटिका में एक ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है. शरद पूर्णिमा के अवसर पर करीब 500 से अधिक लड्डू गोपाल एक साथ दिव्य महा रास में सम्मिलित होंगे.

शरद पूर्णिमा पर एक साथ विराजेंगे 500 से ज्यादा लड्डू गोपाल

कार्यक्रम के संयोजक विनीत सनाढ्य ने बताया कि इसके लिए करीब 300 से अधिक आवेदन हो चुके हैं. लड्डू गोपाल को दिव्य महाराज में सम्मिलित होने को लेकर शहरवासियों ने आवेदन किए हैं. यह आयोजन द्वारकेश वाटिका में होगा.

यह भी पढ़ें- उदयपुर से मां वैष्णो के लिए स्पेशल ट्रेन की शुरुआत, राज्य सरकार कराएगी निःशुल्क यात्रा

वहीं उन्होंने बताया कि सभी लड्डू गोपाल को शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर खीर का भोग लगाया जाएगा. उनके अनुसार शरद पूर्णिमा पर खीर का काफी महत्व माना जाता है. चांद की किरण जब खीर पर पड़ती है तो वह अमृत समान हो जाती है. जिसको खाने के बाद सभी रोग दोष दूर होते हैं.

वहीं वाटिका में गरबा रास का आयोजन भी होगा. यह पहली बार होने जा रहा है.कि किसी स्थान पर 500 से अधिक लड्डू गोपाल एक साथ विराजित होंगे. जिसे देखने के लिए भारी संख्या में शहरवासी द्वारकेश वाटिका में पहुंचेंगे.

आपको बता दें कि राजसमंद एक धार्मिक नगरी के रूप में जाना जाता है. जहां एक और पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथ जी का मंदिर नाथद्वारा में तो वहीं दूसरी तरफ कांकरोली में पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ श्री द्वारिकाधीश जी का मंदिर है. वहीं होने वाले इस महोत्सव को लेकर शहरवासियों में भी काफी उत्साह नजर आ रहा है.

राजसमंद. जिला मुख्यालय पर 13 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्री द्वारकेश वाटिका में एक ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है. शरद पूर्णिमा के अवसर पर करीब 500 से अधिक लड्डू गोपाल एक साथ दिव्य महा रास में सम्मिलित होंगे.

शरद पूर्णिमा पर एक साथ विराजेंगे 500 से ज्यादा लड्डू गोपाल

कार्यक्रम के संयोजक विनीत सनाढ्य ने बताया कि इसके लिए करीब 300 से अधिक आवेदन हो चुके हैं. लड्डू गोपाल को दिव्य महाराज में सम्मिलित होने को लेकर शहरवासियों ने आवेदन किए हैं. यह आयोजन द्वारकेश वाटिका में होगा.

यह भी पढ़ें- उदयपुर से मां वैष्णो के लिए स्पेशल ट्रेन की शुरुआत, राज्य सरकार कराएगी निःशुल्क यात्रा

वहीं उन्होंने बताया कि सभी लड्डू गोपाल को शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर खीर का भोग लगाया जाएगा. उनके अनुसार शरद पूर्णिमा पर खीर का काफी महत्व माना जाता है. चांद की किरण जब खीर पर पड़ती है तो वह अमृत समान हो जाती है. जिसको खाने के बाद सभी रोग दोष दूर होते हैं.

वहीं वाटिका में गरबा रास का आयोजन भी होगा. यह पहली बार होने जा रहा है.कि किसी स्थान पर 500 से अधिक लड्डू गोपाल एक साथ विराजित होंगे. जिसे देखने के लिए भारी संख्या में शहरवासी द्वारकेश वाटिका में पहुंचेंगे.

आपको बता दें कि राजसमंद एक धार्मिक नगरी के रूप में जाना जाता है. जहां एक और पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथ जी का मंदिर नाथद्वारा में तो वहीं दूसरी तरफ कांकरोली में पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ श्री द्वारिकाधीश जी का मंदिर है. वहीं होने वाले इस महोत्सव को लेकर शहरवासियों में भी काफी उत्साह नजर आ रहा है.

Intro:राजसमंद- जिला मुख्यालय पर 13 अक्टूबर यानि कल शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्री द्वारकेश वाटिका में एक ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है. शरद पूर्णिमा के अवसर पर करीब 500 से अधिक लड्डू गोपाल एक साथ दिव्य महा रास में सम्मिलित होंगे.यह आयोजन द्वारकेश वाटिका में होगा. यहां सभी एक साथ लड्डू गोपाल विराजित होंगे. कार्यक्रम के संयोजक विनीत सनाढ्य ने बताया कि करीब 300 से अधिक आवेदन हो चुके हैं. लड्डू गोपाल को दिव्य महाराज में सम्मिलित होने को लेकर शहरवासियों ने आवेदन किए हैं.


Body:वहीं उन्होंने बताया कि सभी लड्डू गोपाल को शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर खीर का भोग लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि शरद पूर्णिमा पर खीर का काफी महत्व माना जाता है. क्योंकि चांद की किरण जब खीर पर पड़ती है. तो वह अमृत समान हो जाती है. जिसको खाने के बाद सभी रोग दोष दूर होते हैं. वही वाटिका में गरबा रास का आयोजन भी होगा. यह पहली बार होने जा रहा है.कि किसी स्थान पर 500 से अधिक लड्डू गोपाल एक साथ विराजित होंगे.जिसे देखने के लिए भारी संख्या में शहरवासी द्वारकेश वाटिका में कल पहुंचेंगे.


Conclusion:आपको बता दें. कि राजसमंद एक धार्मिक नगरी के रूप में जाना जाता है. जहां एक और पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथ जी का मंदिर नाथद्वारा में तो वहीं दूसरी तरफ कांकरोली में पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ श्री द्वारिकाधीश जी का मंदिर है. तो वहीं कल होने वाले इस महोत्सव को लेकर शहरवासियों में भी काफी उत्साह नजर आ रही है.
कार्यक्रम संयोजक विनीत सनाढ्य
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