राजसमंद. जिले में गुरुवार को मां के देहावसान पर तीन बेटियों ने अपनी मां को ना सिर्फ कंधा दिया बल्कि मां को मुखाग्नि दी. तीनों बेटियों ने सामाजिक रुढ़िवादी नियम तोड़कर मिसाल पेश की है.
समाज में धीरे-धीरे ही सही लेकिन बेटे और बेटियों में फर्क मिट रहा है. वहीं इस फर्क को मिटाने में बेटियां बढ़चढ़ कर सहयोग कर रही हैं. इन बेटियों की बदोलत ही धीरे-धीरे समाज की रुढ़िवादी तस्वीर बदल रही है और लोगों को बेटे-बेटी बराबर हैं, इसका संदेश जा रहा है. ऐसा ही गुरुवार को राजसमंद के शंकरपुरा में देखने को मिला, जब अस्वस्थ चल रही निर्मला कुंवर पत्नी प्रेमसिंह का गुरुवार को निधन हो गया. उनकी मौत हो जाने से तीनों बेटियों मनीषा, कृष्णा और सेजल के सिर से मां का साया उठ गया. तीनों बहनों के सिर पर से पिता का साया पहले ही उठ गया था.
वहीं उनका कोई भाई भी नहीं है. जिसके बाद तीनों बहनों ने मां की अर्थी को कंधा देकर मिसाल पेश की. यही नहीं इसके बाद सभी धार्मिक रीति-रिवाज भी पूरे करते हुए मुखाग्नि भी दी.
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इस दौरान परिवार के अन्य सदस्य भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए. मां की अर्थी को कंधा देने के दौरान बेटियों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. इस पर परिवार के लोगों ने तीनों को संभाला. अंतिम संस्कार में आए लोगों ने तीनों बहनों की सराहना की.