राजसमंद. जिले के नगर परिषद में महिलाओं की सुविधा के लिए मेट्रो सिटी की तर्ज पर ई-रिक्शा चलाने की योजना बनाई गई थी. जिसमें इच्छाशक्ति के अभाव में यह योजना पूरी नहीं हो पाई है. अब ऐसे में अब ई-रिक्शा धूल फांक रहे हैं.
बता दें कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाने और उनकी सुविधा के लिए राजसमंद नगर परिषद ने मेट्रो सिटी की तर्ज पर ई- रिक्शा चलाने का प्लान किया था. इसी सोच के साथ कि महिलाएं रिक्शा चलाकर आर्थिक स्वावलंबी बनेंगी. वहीं इन रिक्शा में जरूरतमंद महिलाएं निडर होकर सफर कर पाएंगी, लेकिन इच्छाशक्ति के अभाव में यह योजना अमल नहीं चढ़ पाई.
ऐसे में अब बेकार पड़े ई-रिक्शा नगर परिषद परिसर में धूल फांक रहे हैं. राजसमंद नगर परिषद ने साल 2018 में 6 ई-रिक्शा की खरीद की थी. जिसमें एक रिक्शा पर लागत करीब 1 लाख 11 हजार रुपए आई थी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य मेट्रो सिटी में चलने वाले पिंक ई-रिक्शा की तर्ज पर राजसमंद में भी महिलाओं को स्वावलंबी बनाना था. योजना के तहत महिलाओं को प्रशिक्षण देकर शहर के उन मार्गों पर ई- रिक्शा चलाना था. जहां ऑटो और सवारी रिक्शा नहीं चलते थे.
ऐसी जगह पर जरूरतमंद महिलाओं को मामूली किराए पर उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचाया जाना था. वहीं, ई-रिक्शा खरीदने के बाद नगर परिषद राजसमंद को उन्हें संचालित करने के लिए महिला चालक नहीं मिल पाई. हद तो तब हो गई जब एक महिला को निगम प्रशासन ने प्रशिक्षित करने की कोशिश की तो उस महिला ने ई-रिक्शा का एक्सीडेंट कर दिया.
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जिससे ई-रिक्शा का कांच भी टूट गया. ऐसे में महिला चालक नहीं मिलने के कारण सभी ई-रिक्शा पिछले करीब ढाई साल से नगर परिषद परिसर में बेकार पड़े हैं और धूल फांक रहे हैं. अब नगर परिषद प्रशासन इन ई-रिक्शा को द्वारिकाधीश मंदिर क्षेत्र में चलाने का विचार कर रहा है. इन ई-रिक्शा के जरिए श्रद्धालुओं को पार्किंग से द्वारिकाधीश मंदिर तक लाया और ले जाया जाएगा.