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राजसमंदः अवैध बजरी खनन पर कार्रवाई, 4 लीजधारकों की लीज निलंबित

राजसमंद जिला प्रशासन ने अवैध बजरी खनन को लेकर 4 लीजधारकों की लीज निलंबित किया है. साथ इन चारों पर अवैध बजरी खनन के चलते पेनल्टी भी लगाई गई है. वहीं इनकी लीज रद्द करने के लिए राज्य सरकर को प्रस्तव भेजा गया है.

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राजसमंद जिला प्रशासन की अवैध बजरी खनन पर कार्रवाई
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Published : Jun 17, 2020, 9:13 AM IST

राजसमंद. बनास नदी क्षेत्र में बजरी के अवैध खनन की विगत कई दिनों से नियमित शिकायतें प्राप्त होने पर जिला प्रशासन और खनन विभाग द्वारा लीजधारकों द्वारा लीज क्षेत्र में किए गए खनन का भौतिक सत्यापन किया गया है. भौतिक सत्यापन में स्वीकृत लीजधारकों द्वारा बड़ी मात्रा में बजरी का अवैध खनन करना पाया गया है. जिला प्रशासन द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार और उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया गया है. जहां से सख्त कार्रवाई के निर्देश मिलने पर जिला कलेक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल ने चारों लीजधारकों की लीज को निलम्बित किया और ऑनलाइन रवन्ना काटने की सुविधा को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है.

यह भी पढ़ें- मोदी सरकार कोरोना संकट में वसूली की दुकान या जनता की मदद करने की संस्था: सुरजेवाला

लीजधारकों द्वारा अवैध बजरी खनन करने पर जिला प्रशासन और खनन विभाग द्वारा बड़ी पेनल्टी भी लगाई गई है, जिसके तहत लीजधारक सोहनलाल मेघवाल द्वारा बामनिया कला के नदी क्षेत्र में एक लाख 60 हजार टन बजरी का अवैध खनन करने पर उस पर 5 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई गई है. जिला प्रशासन ने बताया कि गत 10 दिनों से स्वीकृत लीजधारकों द्वारा अवैध खनन करने की शिकायतें प्राप्त हो रही थी. जिस पर जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए खनन विभाग को स्वीकृत लीज क्षेत्र का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए है. खनन विभाग द्वारा किए गए भौतिक सत्यापन में पाया गया है कि स्वीकृत लीजधारकों द्वारा बड़ी मात्रा में अवैध खनन कर अवैध रूप से रवन्ना काटा गया है. जिस पर प्रशासन द्वारा तुरन्त कार्रवाई करते हुए चारों लीजधारकों की लीज को निलम्बित किया गया है.

लीज रद्द करने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार चारों लीजधारकों द्वारा लीज क्षेत्र में खनन करने के नियमों का उल्लंघन किया गया है. लीज शर्तों की पालना नहीं करने और बड़ी मात्रा में अवैध खनन कर अवैध रूप से रवन्ना काटने को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. जिसके तहत जिला प्रशासन के निर्देशन में खनन विभाग द्वारा राज्य सरकार को चारों लीजधारकों की लीज को रद्द करने का अनुशंसा प्रस्ताव भेजवाया जाएगा.

इन लीजधारकों पर लगाई गई पेनल्टी

जिला कलेक्टर ने बताया कि भौतिक सत्यापन में स्वीकृत लीजधारक सोहनलाल मेघवाल द्वारा बामनिया कला के नदी क्षेत्र में एक लाख 60 हजार टन बजरी का अवैध खनन किया गया है. जिस पर लीजधारक पर 5 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई गई है. इसी प्रकार लीजधारक आशा मेघवंशी द्वारा चौकड़ी क्षेत्र में 7 हजार टन बजरी के अवैध खनन करने पर 28 लाख रुपए की पेनल्टी, लीजधारक मगना भील द्वारा चौकड़ी क्षेत्र में 11 हजार टन बजरी का अवैध खनन करने पर 35 लाख रुपए की पेनल्टी और लीजधारक हिम्मतलाल गरासिया द्वारा सकरावास क्षेत्र में 2800 टन बजरी का अवैध खनन करने पर 10 लाख रुपए की पेनल्टी लगाई गई है. पेनल्टी राशि वसूलने और अवैध खनन करने वाले लीजधारकों पर जिला प्रशासन और खनन विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें- गहलोत सरकार ने अंतरराज्यीय आवागमन पर लगी रोक हटाई

जिला कलेक्टर ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय की एसएलपी संख्या 10587/2019 द्वारा राज्य सरकारों को बजरी के अवैध खनन को रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं. जिसकी अनुपालना में जिला कलक्टर के निर्देशन में खनन विभाग द्वारा विगत 10 दिनों से अभियान चलाकर खनन क्षेत्रों का भौतिक सत्यापन किया गया है और अवैध बजरी खनन करने पर चारों स्वीकृत लीजधारकों की लीज को निलम्बित किया गया है.

राजसमंद. बनास नदी क्षेत्र में बजरी के अवैध खनन की विगत कई दिनों से नियमित शिकायतें प्राप्त होने पर जिला प्रशासन और खनन विभाग द्वारा लीजधारकों द्वारा लीज क्षेत्र में किए गए खनन का भौतिक सत्यापन किया गया है. भौतिक सत्यापन में स्वीकृत लीजधारकों द्वारा बड़ी मात्रा में बजरी का अवैध खनन करना पाया गया है. जिला प्रशासन द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार और उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया गया है. जहां से सख्त कार्रवाई के निर्देश मिलने पर जिला कलेक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल ने चारों लीजधारकों की लीज को निलम्बित किया और ऑनलाइन रवन्ना काटने की सुविधा को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है.

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लीजधारकों द्वारा अवैध बजरी खनन करने पर जिला प्रशासन और खनन विभाग द्वारा बड़ी पेनल्टी भी लगाई गई है, जिसके तहत लीजधारक सोहनलाल मेघवाल द्वारा बामनिया कला के नदी क्षेत्र में एक लाख 60 हजार टन बजरी का अवैध खनन करने पर उस पर 5 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई गई है. जिला प्रशासन ने बताया कि गत 10 दिनों से स्वीकृत लीजधारकों द्वारा अवैध खनन करने की शिकायतें प्राप्त हो रही थी. जिस पर जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए खनन विभाग को स्वीकृत लीज क्षेत्र का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए है. खनन विभाग द्वारा किए गए भौतिक सत्यापन में पाया गया है कि स्वीकृत लीजधारकों द्वारा बड़ी मात्रा में अवैध खनन कर अवैध रूप से रवन्ना काटा गया है. जिस पर प्रशासन द्वारा तुरन्त कार्रवाई करते हुए चारों लीजधारकों की लीज को निलम्बित किया गया है.

लीज रद्द करने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार चारों लीजधारकों द्वारा लीज क्षेत्र में खनन करने के नियमों का उल्लंघन किया गया है. लीज शर्तों की पालना नहीं करने और बड़ी मात्रा में अवैध खनन कर अवैध रूप से रवन्ना काटने को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. जिसके तहत जिला प्रशासन के निर्देशन में खनन विभाग द्वारा राज्य सरकार को चारों लीजधारकों की लीज को रद्द करने का अनुशंसा प्रस्ताव भेजवाया जाएगा.

इन लीजधारकों पर लगाई गई पेनल्टी

जिला कलेक्टर ने बताया कि भौतिक सत्यापन में स्वीकृत लीजधारक सोहनलाल मेघवाल द्वारा बामनिया कला के नदी क्षेत्र में एक लाख 60 हजार टन बजरी का अवैध खनन किया गया है. जिस पर लीजधारक पर 5 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई गई है. इसी प्रकार लीजधारक आशा मेघवंशी द्वारा चौकड़ी क्षेत्र में 7 हजार टन बजरी के अवैध खनन करने पर 28 लाख रुपए की पेनल्टी, लीजधारक मगना भील द्वारा चौकड़ी क्षेत्र में 11 हजार टन बजरी का अवैध खनन करने पर 35 लाख रुपए की पेनल्टी और लीजधारक हिम्मतलाल गरासिया द्वारा सकरावास क्षेत्र में 2800 टन बजरी का अवैध खनन करने पर 10 लाख रुपए की पेनल्टी लगाई गई है. पेनल्टी राशि वसूलने और अवैध खनन करने वाले लीजधारकों पर जिला प्रशासन और खनन विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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जिला कलेक्टर ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय की एसएलपी संख्या 10587/2019 द्वारा राज्य सरकारों को बजरी के अवैध खनन को रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं. जिसकी अनुपालना में जिला कलक्टर के निर्देशन में खनन विभाग द्वारा विगत 10 दिनों से अभियान चलाकर खनन क्षेत्रों का भौतिक सत्यापन किया गया है और अवैध बजरी खनन करने पर चारों स्वीकृत लीजधारकों की लीज को निलम्बित किया गया है.

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