राजसमंद. विश्व पर्यावरण दिवस पर जिले के सेठ रंगलाल कोठारी राजकीय महाविद्यालय और भारतीय सांस्कृतिक निधि के संयुक्त तत्वावधान में 'पर्यावरण संरक्षण- चिंतन एवं कार्य' विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया. इस वेबिनार में देशभर के 7 राज्यों (महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान) के 300 से अधिक व्याख्याताओं, विचारकों और विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया.
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रचना तैलंग ने वेबिनार का शुभारंभ करते हुए अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने बताया कि इस कोरोना काल में संसार पर्यावरण की ओर लौट रहा है. पर्यावरण परक रोजगार बढ़ाकर युवाओं को अपनी मिट्टी से जोड़ने की आवश्यकता है. इस अवसर पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. मिलाप पूनिया ने जलवायु परिवर्तन और धारणीय विकास के संबंध में बताया.
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वहीं, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बीआर बामनिया ने भूमी अपरदन, पर्यावरण पतन और पारिस्थितिकी असंतुलन पर विस्तार से जानकारी दी. दिल्ली विश्वविद्यालय के डिप्टी प्रॉक्टर और सामाजिक विकास संस्थान के अध्यक्ष डॉ. राजकुमार फलवारीया ने संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और एशियन विकास बैंक की समालोचना की.
इस अवसर पर भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी भैराराम चौधरी ने पर्यावरण असंतुलन से उत्पन्न हुए सामाजिक और आर्थिक नुकसान का आकलन करते हुए अपने सुझाव दिए. वहीं, कार्यक्रम में महाविद्यालय से शकुंतला शर्मा, डॉ. सुमन बड़ोला, डॉ. दिनेश हंस, प्रेम सिंह चौहान और ब्यावर के राजकीय महाविद्यालय से डॉ. एमआर सिंघरिया सहित 25 से अधिक वक्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार रखे.
वेबिनार का संचालन सहायक आचार्य डॉ. कृष्ण कुमार कुमावत ने किया. वेबिनार का तकनीकी संचालन गजराज सिंह, सहायक आचार्य सोहनलाल गोसाई और नीति आयोग के अधिकारी जगदीश विश्नोई ने किया. वेबिनार का आयोजन जूम एप और फेसबुक पर लाइव किया गया. कार्यक्रम के अंत में सोहनलाल गोसाई ने सभी को धन्यवाद दिया.