राजसमंद. सांसद दीया कुमारी ने खनिज मार्बल के आयात पर ओपन जनरल लाइसेंस (ओजीएल) के कारण मार्बल उद्योग पर आए संकट का निराकरण सुझाया है. जिसके चलते उन्होंने मंगलवार को इसके उत्पादन पर जीएसटी कम किये जाने की मांग को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ईमेल से पत्र भेजा है.
दीया कुमारी के कहा कि राजस्थान का राजसमंद जिला खनिज मार्बल के उत्पादन में भारत में अग्रणी है. साथ ही यह यहां के रोजगार का मुख्य आधार है, लेकिन यह व्यवसाय कुछ कारणों जैसे मार्बल की खाने गहरी हो जाने, रायल्टी व बिजली की दरें बढ़ जाने, जीएसटी व लागत मूल्य बढ़ने, पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतों व कृत्रिम मार्बल टाइल्स की अधिक उपलब्धता व बढ़ते प्रयोग के चलते बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ है. वहीं कोविड-19 और लॉकडाउन के चलते यह उद्योग बंद सा हो गया है.
ऐसे में मार्बल व्यवसायी केन्द्र और राज्य सरकार से इस व्यवसाय को पुनर्जीवित करने के लिए किसी आर्थिक पैकेज सहित महत्वाकांशी योजना की उम्मीद कर रहे हैं. ताकि मुख्य आजीविका वाला यह मार्बल व्यवसाय फिर से अपनी पूर्व गति में आ सके. दीया कुमारी ने कहा कि इस व्यवसाय में ओजीएल से पहले डायमेंशनल स्टोन के आयात के लिए लाइसेंस प्रणाली प्रभावी थी, ओजीएल के कारण आयात बढ़ जाने से स्थानीय मार्बल उद्योग बुरी तरह प्रभावित हो गया है.
पत्र में सांसद ने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को फिर से मूल स्वरूप में लाने और विकास की गति को आगे बढ़ाने के लिए "आत्मनिर्भर भारत" बनाने का आह्वान किया है. साथ ही लोकल को वोकल बनाने की बात कही है, ताकि देश का पैसा देश के नागरिकों के ही काम आ सके और स्थानीय तंत्र मजबूत हो सके, जिसके माध्यम से हम आत्मनिर्भर बना जा सकेगा.
सकारात्मक कार्रवाई की आशा
सांसद दीया कुमारी ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि मार्बल व्यवसायियों की अपील है कि उनकी आजीविका पर आये संकट का समाधान किया जाए. जिसके चलते मार्बल उद्योग के लिए एक आर्थिक पैकेज स्वीकृत कर आम जनता और व्यापारियों को राहत प्रदान की जाए.
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राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन प्रबंध निदेशक को भी लिखा पत्र
मीडिया संयोजक मधुप्रकाश लड्ढा ने बताया कि सांसद दीया कुमारी ने तहसील रेलमगरा जिला राजसमंद में चने की बिक्री के लिए समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र खुलवाने हेतु
राजफैड को भी पत्र लिखा है. सांसद ने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण कृषकों को चने की फसल को बेचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कृषकों की समस्या को ध्यान में रखते हुए तुरन्त तहसील रेलमगरा में चने की बिक्री के लिए समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र खुलवाया जाए.