राजसमंद. विधानसभा उपचुनाव नजदीक आने के साथ ही दोनों दलों (भाजपा और कांग्रेस) से किसी स्थानीय को टिकट देने की मांग तेज होने लगी है. इसी कड़ी में स्वर्णिम राजसमंद नवनिर्माण अभियान के तहत बैठक राजसमंद जिला मुख्यालय पर स्थित चौमुखा महादेव मंदिर प्रांगण में हुई. इसमें दोनों ही दलों से स्थानीय प्रत्याशी को टिकट देने की मांग की गई.
राजसमंद नवनिर्माण अभियान संयोजक एडवोकेट भरत कुमावत ने बताया कि चौमुखा महादेव मंदिर में सभी नागरिक संगठनों पदाधिकारियों और वरिष्ठ प्रबुद्ध नागरिकों की बैठक एवं विचार गोष्टी संपन्न हुई. इसमें चर्चा हुई कि जबसे राजसमंद जिला बना है, सबसे इसका प्रतिनिधित्व यहां के किसी नागरिक ने नहीं किया. इसी का दुष्परिणाम है कि तीन दशक बाद भी राजसमंद अपने विकास के मौलिक आधारभूत ढांचे को भी तरस रहा है. यहां के जनप्रतिनिधियों और राज्य के राजनीतिक दलों ने राजसमंद का न्याय पूर्ण विकास नहीं होने दिया. इसके परिणामस्वरूप यहां के भौतिक, प्राकृतिक, पर्यटन एवं राजनीतिक साधनों संसाधनों की लूट होती आई हैं.
कुमावत ने बताया कि पिछले दिसंबर माह से चलाए जा रहे स्वर्णिम राजसमंद नवनिर्माण अभियान के अंतर्गत जनमत अध्ययन में यह बात सामने आई कि राजसमंद का प्रत्येक व्यक्ति इस बात से पीड़ित है कि यहां के किसी भी राजनीतिक कार्यकर्ता को राजनीतिक दलों ने विधानसभा का प्रतिनिधित्व नहीं सौंपा. इसी कारण राजसमंद पिछड़ा हुआ है. विधानसभा उपचुनाव में राजसमंद सीट से किसी भी पैराशूट एवं वंशवादी प्रत्याशी का राजसमंद के नागरिक बायकॉट करेंगे.
इस बैठक की अध्यक्षता लोक अधिकार मंच के प्रदेश अध्यक्ष संपत लाल लड्ढा ने की. मुख्य अतिथि जिलाधक्ष कन्हैयालाल त्रिपाठी रहे. विशिष्ट अतिथि तेज राम कुमावत, फतेह लाल गुर्जर और अनोखा बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष एडवोकेट भावना पालीवाल थी. मुख्य वक्ता चार्टर्ड अकाउंटेंट दिनेश चंद्र सनाढ्य थे. बैठक में वरिष्ठ नागरिक ऋषिराज श्रीमाली, भंवरलाल कुमावत, हेमेंद्र सिंह, रजनी पालीवाल, कैलाश कुमावत, लोक अधिकार मंच के जिला महासचिव कपिल , समर्पण संस्थान के अमित वर्मा पालीवाल, पत्रकार गणेश लाल कुमावत, राजवीर साहू, ललित पालीवाल, लोक अधिकार मंच के नगर अध्यक्ष महेश वर्मा, भैरव सिंह सोढा और नारी वेलफेयर संस्थान की सचिव एडवोकेट राखी पालीवाल उपस्थित थे.
बैठक की अध्यक्षता कर रहे एडवोकेट संपत लाल लड्ढा ने कहा कि बाहरी प्रत्याशी होने का खामियाजा राजसमंद जिला इसके जन्म से ही भुगत रहा है, क्योंकि बाहरी प्रत्याशियों की आंख में शर्म नहीं होती. वो राजनीतिक दलों के इशारों पर चलते हैं. लड्ढा ने कहा कि बाहरी प्रत्याशी का भावनात्मक जुड़ाव ना तो लोगों से होता है और ना ही क्षेत्र से होता है. राजसमंद में ऐसे कार्यकर्ता दोनों ही पार्टियों में मौजूद हैं, जो कई साल से पार्टी की सेवा कर रहे हैं. उनमें प्रतिभाएं भी हैं. लड्ढा ने लंबे समय से स्थानीय प्रत्याशी की उपेक्षा किए जाने पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि राजसमंद के सभी नागरिकों को एकजुट होकर स्थानीय प्रत्याशी की मांग करने के लिए अभियान चलाना चाहिए.
वहीं, मुख्य वक्ता CA दिनेश चंद्र सनाढ्य ने स्थानीय प्रत्याशी की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों के प्रत्याशी केवल येन केन प्रकारेण जिताऊ उम्मीदवार ही देखते हैं. उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता धनबल से चुनाव जीतना रहती है. इसीलिए वो स्थानीय प्रत्याशियों की आवाज को दबा देते हैं. लोक अधिकार मंच के संभागीय अध्यक्ष फतेह लाल गुर्जर अनोखा ने कहा कि अब तक राजसमंद के विकास के साथ यहां के विधायक ने सौतेला व्यवहार किया तथा बाहरी प्रत्याशी की तुलना किराएदार से की. उन्होंने कहा कि किराएदार मकान का उस संजीदगी से ध्यान नहीं रखता, जितना कि मकान मालिक रखता है.
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समर्पण संस्थान के अमित वर्मा ने सुझाव दिया कि स्थानीय प्रत्याशी के पक्ष में नागरिकों को हस्ताक्षर अभियान चलाया जाना चाहिए. वरिष्ठ नागरिक तेज राम कुमावत ने भी स्थानीय प्रत्याशी का समर्थन करते हुए सुझाव दिया कि हम सभी को योजना बनाकर पार्टियों के पर्यवेक्षक से मिलकर स्थानीय प्रत्याशी को ही टिकट देने की मांग करनी चाहिए. बाल कल्याण समिति अध्यक्षा एडवोकेट भावना पालीवाल ने कहा कि राजसमंद जिले का विकास जैसा होना चाहिए था, वैसा नहीं हुआ है. यहां के संसाधनों का बड़े नेता अन्यायपूर्वक अतिक्रमण कर रहे हैं. यहां के उद्योग धंधे, झीलें, पर्यटन तथा बेरोजगार युवा ठगा सा महसूस कर रहा है. इसलिए स्थानीय प्रत्याशी ही राजसमंद का वास्तविक विकास कर पाएगा. इस दौरान सभी का धन्यवाद देते हुए लोक अधिकार मंच के महासचिव कपिल पालीवाल ने कहा कि आगामी दिनों में व्यापक रणनीति बनाकर स्थानीय प्रत्याशी की मांग की जाएगी और जिस भी राजनीतिक दल ने राजसमंद के स्थानीय राजनीतिक कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की तो उनका बहिष्कार करने से भी नहीं चूका जाएगा.