राजसमंद. कुछ समय पहले तक समाजसेवी तनसुख बोहरा एक धार्मिक प्रवृत्ति व सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य करने वाले व्यक्ति के रूप में पहचान बनाए हुए थे. लेकिन अचानक राजसमंद विधानसभा सीट के उपचुनाव में जैसे ही कांग्रेस प्रत्याशियों के पैनल में उनका नाम आया, उसी दिन से यह मार्बल व्यवसायी न केवल विपक्ष यानी कि बीजेपी, बल्कि कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं के लिए भी चर्चा का विषय बना.
दरअसल, तनसुख बोहरा जो कि समाज सेवा के चलते गाहे-बगाहे सुर्खियां पाते रहे हैं, उनका अचानक इस प्रकार से राजनीति में आना सबके लिए आश्चर्य का विषय बना रहा. अंतिम समय तक कहा यह भी जाता है कि तनसुख बोहरा को मनाने के लिए प्रदेश स्तर के कई कांग्रेस नेताओं ने जोर लगाया और आखिरकार वे राजसमंद विधानसभा सीट के उपचुनाव को लेकर कांग्रेस के तारणहार बनने के लिए तैयार हुए. हालांकि, यह तो 2 मई को ही पता चलेगा कि क्या बोहरा कोंग्रेस की नाव को पार लगा पाएंगे या नहीं. ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में तनसुख बोहरा ने कहा कि चुनाव से पहले मेरा जीवन काफी अलग था. एक व्यवसाई हूं, सुबह से शाम तक अपने बिजनेस को कैसे बढ़ाना है, इसी पर विचार करता रहता था. इस बीच टिकट मिलने के बाद मेरी पूरी दिनचर्या ही बदल गई.
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18 घंटे से अधिक समय तक चुनाव के दौरान मैंने काम किया. इस दौरान कई खट्टे-मीठे अनुभव रहे जो ताउम्र याद रहेंगे. राजनीति में आना और यहां पर रहते हुए समाज की सेवा करना यही उद्देश्य तनसुख बोहरा ने बताया है. कांग्रेस प्रत्याशी अपनी सादगी और स्पष्टता के चलते भी इन दिनों चर्चा का विषय है. उनका साफ कहना है कि मैं मेरे व्यक्तित्व को चुनाव के चलते नहीं बदल सकता. मैं जैसा हूं वैसा ही जनता के सामने गया हूं. अब जनता जो जनादेश देगी वह स्वीकार होगा. इसके साथ ही बोहरा जिन्हें उनके कार्यकर्ता भामाशाह शब्द से संबोधित करते हैं, इसको लेकर भी नाराजगी जताते हुए बोहरा का कहना है कि यह भामाशाह शब्द उपयोग करना ठीक नहीं है. क्योंकि मैंने अपने सामर्थ्य के अनुसार जितना संभव हो सका, जरूरतमंद लोगों की मदद की है. लेकिन इस प्रकार से भामाशाह शब्द मेरे नाम के आगे लगाना मुझे अच्छा नहीं लगता.
लोगों से अपील...
कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि वे इन दिनों अपना पूरा समय अपने परिवार के साथ बिता रहे हैं. उनका साफ कहना है कि चुनाव हो चुके हैं, कार्यकर्ताओं से भी उन्होंने अपील की कि अपने-अपने परिवार के साथ रहें, ध्यान रखें और कोरोना से बचाव के लिए राज्य सरकार की गाइडलाइन का भी पूरी तरीके से पालन करें. इस बार के चुनाव में राजसमंद क्षेत्र की जनता ने जहां एक तरफ दीप्ति माहेश्वरी के हाईटेक प्रचार को देखा वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी तनसुख बोहरा की छोटी-छोटी सभाएं, साथ ही साथ उनकी सादगी वाले अंदाज को भी देखा. समाजसेवी से नेताजी बने तनसुख बोहरा अब राजसमंद क्षेत्र के विकास पर फोकस रखे हुए हैं. 2 मई का इंतजार न केवल राजसमंद की जनता को है, बल्कि प्रदेश सरकार भी बेसब्री से इस हॉट सीट के परिणाम का इंतजार कर रही है. इस बीच तनसुख बोहरा एक बार फिर इन दिनों अपनी सामान्य दिनों वाली जीवन शैली में आते हुए दिख रहे हैं.